क्या वीडियो में नीतीश कुमार RJD के साथ समझौता नहीं करने की बात कर रहे हैं?
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में नीतीश कुमार राजद नहीं बल्कि भाजपा पर निशाना साध रहे हैं.
बिहार में सियासी खींचतान के बाद आख़िरकार जदयू ने भाजपा के साथ नाता तोड़ लिया. इसके कुछ देर बाद ही नीतीश कुमार ने राजद, कांग्रेस सहित अन्य दलों के साथ सरकार बनाने की घोषणा कर दी. नवगठित सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री बने हैं.
इस बीच सोशल मीडिया पर नीतीश कुमार का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वो भाजपा पर निशाना साध रहे हैं. लेकिन वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि "उन्होंने किसी भी परिस्थिति में राजद के साथ नहीं लौटने की बात कही थी".
बिहार के सियासी घटनाक्रम के बीच वायरल 'नीतीश सबके हैं' पोस्टर दो साल पुराना है
वायरल वीडियो में नीतीश कुमार बिहार विधानमंडल के किसी सदन में बोलते हुए नज़र आ रहे हैं. वो कह रहे हैं कि इसके बाद किसी भी परिस्तिथि में लौटकर जाने का प्रश्न नहीं पैदा होता है, हम रहें या मिट्टी में मिल जाएं लेकिन आप लोगों के साथ अब कोई समझौता भविष्य में नहीं होगा. अब ये संभव नहीं है, नामुमकिन, अब वो चैप्टर ख़त्म हो चुका है. चूंकि भरोसे को आप लोगों ने तोड़ा है.
इस वीडियो को राजद वाले दावे के साथ ट्विटर और फ़ेसबुक पर काफ़ी शेयर किया गया है.
दिल्ली भाजपा आईटी सेल के हेड पुनीत अग्रवाल ने भी इस वीडियो को अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर करते हुए लिखा है "रहें या मिट्टी में मिल जाएँ, RJD के साथ अब कोई समझौता संभव ही नहीं है भविष्य में - नीतीश कुमार".
वहीं इसी तरह के दावे के साथ इस वीडियो को फ़ेसबुक पर भी शेयर किया गया है.
फ़ेसबुक पर वायरल पोस्ट्स यहां, यहां, यहां और यहां देखें.
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले वीडियो में बोले गए शब्द की मदद से गूगल सर्च किया. इस दौरान हमें दैनिक भास्कर पर करीब 8 साल पहले प्रकाशित हुई रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में नीतीश कुमार के द्वारा मिट्टी में मिल जाने वाली बात कहे जाने का ज़िक्र था.
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान बोल रहे थे. इस दौरान उन्होंने भाजपा को सदन में अविश्वास प्रस्ताव लाने की चुनौती देते हुए ये बातें कही. नीतीश कुमार ने कहा कि हम मिट्टी में मिल जाएंगे, लेकिन भाजपा के साथ नहीं जाएंगे. अब यह चैप्टर क्लोज हो चुका है.
इसके बाद हमने अपनी जांच को आगे बढ़ाते हुए वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया कि नीतीश कुमार जिस नेता से वाद विवाद कर रहे हैं वो भाजपा के वरिष्ठ नेता नंद किशोर यादव हैं, जो विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और बिहार सरकार में मंत्री की ज़िम्मेदारी संभाल चुके हैं. अभी तक प्राप्त जानकारियों के आधार पर हमें यह तो पता चल गया था कि यह वीडियो बिहार विधानसभा का है. साथ ही दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर मौजूद रिपोर्ट को 8 साल पहले का बताए जाने पर हमें लगा कि यह रिपोर्ट 2014 की हो सकती है.
इसके बाद हमने अब तक मिली जानकारियों की मदद से बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर 201Fact4 में हुए राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा से जुड़े कागजात को ख़ोजना शुरू किया तो हमें वह डॉक्यूमेंट मिले. इस डॉक्यूमेंट के पेज नंबर 35-36 पर नीतीश कुमार के द्वारा वायरल वीडियो में बोले गए वाक्यों का ज़िक्र है. डॉक्यूमेंट के अनुसार यह कार्यवाही 18 फ़रवरी 2014 को हुई थी.
जांच के दौरान ही हमें बिहार विधानसभा के कार्यवाही को लाइव दिखाने वाली वेबसाइट पर 18 फ़रवरी 2014 की कार्यवाही का वीडियो भी मिला. इसमें 1 घंटे 20 मिनट पर उस दृश्य को देखा जा सकता है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सदन की कार्यवाही देखने और बिहार विधानसभा की वेबसाइट पर मिले कागजात से यह साफ़ हो गया कि नीतीश कुमार मिट्टी में मिलने और साथ नहीं जाने वाली बात राजद नहीं बल्कि भाजपा को लेकर कह रहे थे.
बता दें कि साल 2013 में बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने सालों पुराने गठबंधन के साथी भाजपा से नाता तोड़ लिया था. यह वो दौर था जब भाजपा की तरफ़ से 2014 लोकसभा चुनाव के लिए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की अनौपचारिक घोषणा हो चुकी थी. भाजपा से नाता तोड़ने के बाद जदयू ने राजद और अन्य दलों के समर्थन से सरकार चलाई. 2015 में जदयू ने राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर विधानसभा का चुनाव भी लड़ा और सरकार भी बनाई. लेकिन 2017 में जदयू ने राजद का साथ छोड़ते हुए फ़िर से भाजपा का दामन थाम लिया और भाजपा के साथ साझी सरकार चलाई.
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