मणिपुर पर अमित शाह के बयान का अधूरा वीडियो भ्रामक दावे से वायरल
सोशल मीडिया पर वायरल अमित शाह के 'हमें मणिपुर की चिंता नहीं, चुनाव की चिंता है' वाले बयान का वीडियो क्रॉप्ड है. शाह अगस्त 2023 में लोकसभा में यह बात विपक्ष के लिए बोल रहे थे.
सोशल मीडिया पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है. वीडियो में अमित शाह कहते सुनाई पड़ रहे हैं कि 'हमें मणिपुर की चिंता नहीं है, चुनाव की चिंता है. हमें डेमोक्रेसी की चिंता नहीं है, हमारी पार्टी का कोई सिद्धांत नहीं है. केवल और केवल चुनाव जीतने के लिए राजनीति में हैं.'
वीडियो को सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि अमित शाह सच स्वीकरते हुए, खुद की पार्टी की आलोचना कर रहे हैं.
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अधूरा है. अमित शाह अगस्त 2023 में लोकसभा में यह बात विपक्ष के लिए बोल रहे थे, जिसे भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.
ग़ौरतलब है मणिपुर में मई 2023 में मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जातीय हिंसा भड़क गई थी. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले एक साल से जारी इस जातीय हिंसा में अब तक 210 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. मणिपुर में मैतई और कुकी के बीच चल रहे जातीय संघर्ष का मुद्दा संसद में भी उठा था.
विपक्ष सरकार पर मणिपुर हिंसा को रोकने में नाकाम रहने का आरोप लगाता रहा है. इसी संदर्भ में अमित शाह का यह वीडियो भ्रामक दावे के साथ वायरल है.
एक्स यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'हमें मणिपुर की चिंता नहीं है हमें सिर्फ चुनाव की चिंता है : गृहमंत्री अमित शाह'
हमें मणिपुर की चिंता नहीं है हमें सिर्फ चुनाव की चिंता है : गृहमंत्री अमित शाह pic.twitter.com/ub8a1lCxS1
— Rumaisa Anam (@Rebel_Kudi) February 5, 2024
यह वीडियो फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर भी इसी दावे के साथ वायरल है.
फैक्ट चेक
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने दावे से संबंधित कीवर्ड्स के साथ गूगल पर सर्च किया. हमें अमित शाह के फेसबुक पेज पर 03 अगस्त 2023 को शेयर किया गया संसद टीवी का वीडियो मिला. यह लोकसभा में हुई चर्चा का वीडियो है.
हमें संसद टीवी के यूट्यूब चैनल पर 03 अगस्त 2023 को अपलोड किया गया यह ओरिजनल वीडियो भी मिला. वीडियो में अमित शाह लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (संशोधन) विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान अपना जवाब दे रहे थे. चर्चा के दौरान अमित शाह विपक्ष पर जमकर हमलावर थे.
इस बिल को लेकर इंडिया गठबंधन में एक राय नहीं थी. कई दल के नेताओं ने सदन से वॉकआउट कर दिया था.
इस ओरिजनल वीडियो में वायरल वीडियो वाले हिस्से को भी देखा जा सकता है.
वीडियो में 12 मिनट 08 सेकंड पर विपक्षी एकता पर तंज कसते हुए अमित शाह कहते हैं, 'जैसे ही गठबंधन टूटने वाला बिल आया, मणिपुर भी याद नहीं आया. डेमोक्रेसी भी याद नहीं आई. दंगे भी याद नहीं आए. सब इकट्ठा होकर सामने बैठे हैं और एक सौ तीस करोड़ की जनता को बताते हैं हमें मणिपुर की चिंता नहीं है, हमें चुनाव की चिंता है, हमें डेमोक्रेसी की चिंता नहीं है, हमें चुनाव की चिंता है. हम, हमारी पार्टी का कोई सिद्धांत नहीं है. केवल और केवल राजनीति में चुनाव जीतने के लिए राजनीति में है.'
शाह आगे कहते हैं, 'और बताइये भाइया आप बाहर जाकर मीडिया को, अगर यह नहीं है तो सारे बिल में अनुस्थित क्यों रहे? सारे बिल महत्वपूर्ण नहीं हैं क्या? आपको (विपक्ष) रहना चाहिए था मगर ये बिल इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि ये बिल आपके गठबंधन को क्षति पहुंचाता है.'
वायरल वीडियो इसी ओरिजनल वीडियो से क्रॉप करके बनाया गया है.
नवभारत टाइम्स और लाइव हिंदुस्तान पर भी संसद में हुई इस चर्चा के बारे में पढ़ा जा सकता है.
संसद में यह चर्चा दिल्ली सर्विस बिल पर हो रही थी. अमित शाह ने 1 अगस्त को संसद में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 पेश किया था. लोकसभा और राज्यसभा से पास होने के बाद, राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने पर 19 मई, 2023 से यह कानून लागू हो गया.
यह बिल राजधानी दिल्ली में अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़ा है. कानून बनने के बाद अफसरों की ट्रांसफर और पोस्टिंग से जुड़े फ़ैसले लेने का कानूनी अधिकार उपराज्यपाल को मिल गया है. यह विधेयक, सेवाओं पर केंद्र सरकार के नियंत्रण को बढ़ाता है और राजधानी शहर की निर्वाचित सरकार पर दिल्ली के उपराज्यपाल को अधिकार देता है.
हमारी पड़ताल से स्पष्ट है कि अमित शाह ने अपने भाषण में विपक्ष पर हमला किया था, न कि खुद की पार्टी (बीजेपी) पर. वह यह सभी बातें विपक्ष के लिए बोल रहे थे.