अयोध्या में बाबरी का निर्माण करवाने के दावे से अखिलेश यादव का फर्जी ट्वीट वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि सपा नेता अखिलेश यादव ने इस तरह का कोई ट्वीट नहीं किया था. इसे छेड़छाड़ करके बनाया गया है.

सोशल मीडिया पर सपा नेता अखिलेश यादव के नाम पर एक कथित एक्स पोस्ट (ट्वीट) का स्क्रीनशॉट वायरल है. पोस्ट में अखिलेश यादव के हवाले से दावा किया गया है कि अगर उत्तर प्रदेश में उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो अयोध्या में राम मंदिर के स्थान पर बाबरी मस्जिद का निर्माण करवाया जाएगा.
बूम पहले भी अखिलेश यादव के नाम से वायरल हो रहे इस पोस्ट के स्क्रीनशॉट का फैक्ट चेक कर चुका है. बूम ने फैक्ट चेक में पाया था कि अखिलेश यादव ने राम मंदिर और बाबरी मस्जिद को लेकर इस तरफ का कोई पोस्ट नहीं किया था.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल
ऑनलाइन वायरल हो रहे इस स्क्रीनशॉट में अखिलेश यादव के हवाले से लिखा है, "उत्तर प्रदेश में अगर हमारी सरकार बनेगी, तो हम अपने मुस्लिम भाईयों से यह वादा करते हैं, कि बाबरी मस्जिद का निर्माण उसी स्थान पर कराएंगे, जहां पर आज राम मंदिर का निर्माण हो रहा है. #नहीं_चाहिए_भाजपा."
स्क्रीनशॉट पर अखिलेश यादव के आधिकारिक एक्स हैंडल @yadavakhilesh का नाम और ब्लू टिक भी मौजूद है.
इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे माध्यमों पर यूजर इस स्क्रीनशॉट को सही मानकर लिख रहे हैं कि 'Akhilesh Yadav ji हमको नहीं पता था की आप राजनीति के चक्कर इतना नीचे गिर जाओगे कि आप भगवान को ही भूल जाओ...! वैसे तो आप यादव लिखते हो और काम मुसलमान वाला करते हो..' आर्काइव लिंक यहां और यहां देखें.
पड़ताल में क्या मिला:
अखिलेश यादव के इस बयान से संबंधित कोई रिपोर्ट मौजूद नहीं है
सबसे पहले हमने अखिलेश यादव के इस बयान से संबंधित खबरों की तलाश की पर हमें वायरल दावे का समर्थन करने वाली कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. राम मंदिर-बाबरी मस्जिद एक ज्वलंत और विवादित मुद्दा रहा है, ऐसे में अखिलेश यादव ने इन्हें लेकर इस तरह का कोई बयान दिया होता तो उसकी चर्चा जरूर होती.
नवभारत टाइम्स और रिपब्लिक वर्ल्ड की दिसंबर 2020 की रिपोर्ट में बताया गया कि अखिलेश यादव ने कहा था कि भगवान राम के दर्शन के लिए वह जल्द ही अयोध्या जाएंगे.
अखिलेश की टाइम लाइन पर नहीं है ऐसा कोई पोस्ट
हमने Advanced Search की मदद से अखिलेश यादव के आधिकारिक एक्स हैंडल के टाइम लाइन को चेक किया, पर हमें ऐसा कोई पोस्ट नहीं मिला जिसमें राम मंदिर की जगह बाबरी मस्जिद के पुनर्निर्माण की बात कही गई हो. उनके फेसबुक पेज पर भी इस तरह का कोई बयान मौजूद नहीं था.
साल 2019 में राम मंदिर पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर अखिलेश यादव ने एक पोस्ट किया था जिसमें उन्होंने इसकी कोई आलोचना नहीं की थी. इस पोस्ट में उन्होंने लिखा था, 'जो फैसले फासलों को घटाते हैं. वो इंसा को बेहतर इंसा बनाते हैं.'
इसके बाद हमने archive.is और wayback machine जैसी आर्काइव वेबसाइट्स भी खंगाली ताकि अगर पोस्ट को डिलीट भी किया गया हो तो उसका आर्काइव्ड वर्जन मिल सके. लेकिन यहां भी हमें इस तरह का कोई आर्काइव्ड पोस्ट नहीं मिला.
बूम इससे पहले अखिलेश यादव के नाम से किए गए एक और फर्जी बयान वाले वायरल पोस्ट का फैक्ट चेक कर चुका है, जिसमें उन्हें राम मंदिर का विरोध करते हुए दिखाया गया था. रिपोर्ट यहां पढ़ी जा सकती है.



