एम्स के लिए जमीन दान करने के दावे से खेसारी की AI जनरेटेड तस्वीरें वायरल
बूम ने पाया कि एम्स के नाम पर राजद नेता और भोजपुरी सिंगर-एक्टर खेसारी लाल यादव द्वारा 20 बीघा जमीन दान किए जाने के दावे से वायरल हो रही तस्वीरें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाई गई हैं.

सोशल मीडिया पर भोजपुरी सिंगर-एक्टर और राजद नेता खेसारी लाल यादव की कुछ एआई जनरेटेड तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जिनके साथ दावा किया जा रहा है उन्होंने एम्स बनाने के लिए बीस बीघा जमीन दान में दी है.
बूम ने कुछ तस्वीरों की जांच की तो पाया कि ये वास्तविक नहीं हैं. कई एआई डिटेक्शन टूल्स ने इसकी पुष्टि की कि इन्हें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से बनाया गया है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भोजपुरी सिंगर शत्रुघ्न यादव उर्फ खेसारी लाल यादव राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर छपरा की सीट से मैदान में थे, जहां बीजेपी की छोटी कुमारी ने उन्हें 7600 वोटों से हरा दिया था.
सोशल मीडिया पर क्या है वायरल?
सोशल मीडिया पर खेसारी द्वारा छपरा में एम्स के लिए बीस बीघा जमीन दान करने के दावे से कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं. ज्यादातर तस्वीरों में वह कुछ डॉक्टरों और अफसरों को कोई दस्तावेज सौंपते नजर आ रहे हैं.
एक्स पर एक यूजर ने इनमें से एक तस्वीर के साथ कैप्शन दिया, '20 बीघा जमीन दान में देना वो भी हॉस्पिटल के लिये.. ये वाकई बहुत बड़ा कदम है. ये सब तब किया जब चुनाव भी हार गए हैं. खेसारी लाल यादव जी को सपोर्ट करना हमारा गलत फैसला नहीं था. वो वाकई जनहित के बारे में सोच रहे हैं.' (आर्काइव लिंक)
इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने एक अन्य तस्वीर को भी शेयर करते हुए लिखा कि खेसारी ने भी 20 बीघा जमीन हॉस्पिटल बनाने के लिए दान दे दिया. (आर्काइव लिंक)
फेसबुक पर एक तीसरी तस्वीर के साथ भी इसी तरह का दावा किया गया, वहीं एक रील में एक यूजर ने इस तरह की कई और भी तस्वीरें शेयर कीं. (आर्काइव लिंक)
पड़ताल में क्या मिला:
हमने तीन तस्वीरों की पड़ताल की और पाया कि ये तीनों एआई तकनीक की मदद से निर्मित की गई थीं.
तस्वीरों में मौजूद है विसंगतियां
वायरल तस्वीरों की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले इस दावे से जुड़ी खबरों की तलाश की पर हमें ऐसी कोई विश्वसनीय न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली, जिसमें बताया गया हो कि छपरा में अस्पताल निर्माण के लिए खेसारी ने बीस बीघा जमीन दान किया है.
वायरल तस्वीरों को ध्यान से देखने पर हमें उनमें कुछ ऐसी गड़बड़ियां दिखाई दीं, जो आमतौर पर एआई से बनी तस्वीरों में होती हैं. उदाहरण के तौर पर एक तस्वीर में पीछे सूट में खड़े व्यक्ति के आईकार्ड में लगे रिबन का कुछ हिस्सा गायब है. वहीं एक दूसरी तस्वीर में खेसारी के हाथ में दिए जा रहे सर्टिफिकेट की लिखावट अस्पष्ट है.
हमने यह भी गौर किया कि दो तस्वीरों पर गूगल के AI चैटबॉट Gemini का लोगो मौजूद है, जो बताता है कि तस्वीरें संभवतः इसी टूल की मदद से बनाई गई हैं.
एआई डिटेक्शन टूल ने की पुष्टि
पुष्टि के लिए हमने तीनों तस्वीरों को Hivemoderation और Undetectable.ai जैसे AI डिटेक्शन टूल पर चेक किया. Hivemoderation ने तीनों तस्वीरों के एआई की मदद से बनाए जाने की संभावना 99.9 प्रतिशत जताई.
वहीं टूल Undetectable.ai ने भी तस्वीरों के वास्तविक होने की संभावना केवल एक प्रतिशत बताई, जिसका मतलब था कि इन तस्वीरों के एआई जनरेटेड होने की संभावना 99 प्रतिशत है.


