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डिकोड

निक्की भाटी केस में इंटरनेट किस तरह निभा रहा है जासूस की भूमिका

इंस्टाग्राम रील ने एक 28 वर्षीय महिला की मौत को ऑनलाइन इन्वेस्टिगेशन में बदल दिया. केस के कोर्ट पहुंचने से पहले ही ऑनलाइन सबूत सामने आने लगे. पुलिस अब हकीकत और कल्पना के बीच की गुत्थी सुलझाने में जुटी है.

By -  Nivedita Niranjankumar |
3 Sept 2025 4:58 PM IST
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    Nikki Bhati Murder Case

    एक 60 सेकंड से भी कम ड्यूरेशन के वीडियो में आग की लपटों से घिरी महिला सीढ़ियों से लड़खड़ाती हुई नीचे गिरती नजर आ रही है. कैमरे के पीछे से कोई वीडियो बना रहा है, तभी अचानक रिकॉर्डिंग रुक जाती है.

    महज कुछ ही घंटों में यह भयावह फुटेज ट्रेंडिंग बॉलीवुड गानों के साथ इंस्टाग्राम रील में तब्दील हो जाता है. वह महिला, 28 वर्षीय निक्की भाटी थी- जो अब इस दुनिया में नहीं है. हालांकि उसकी कहानी 'वायरल' होने की शुरुआत कर रही थी.

    निक्की की 21 अगस्त 2025 को दर्दनाक मौत के बाद अदालत पहुंचने से पहले ही सबूत ऑनलाइन वायरल होने लगे. इसके हैशटैग तय कर रहे हैं कि अपराधी कौन है और बेगुनाह कौन है. वहीं पुलिस नैरेटिव पर कंट्रोल के लिए सोशल मीडिया एल्गोरिद्म से जूझ रही है.

    मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने नाम न लिखने की शर्त पर बताया, "इस समय सोशल मीडिया के पास पुलिस से ज्यादा साक्ष्य और सुराग है."

    निक्की भाटी की मौत के मामले में इंटरनेट क्राइम सीन और कोर्टरूम दोनों की भूमिका निभा रहा है और यूजर जासूस, प्रोसिक्यूटर और जज में तब्दील हो गए हैं.

    रील्स का गेम

    निक्की की बहन कंचन भाटी ने नैरेटिव की ताकत को समझा. वह कई सालों से इंस्टाग्राम पर दोनों बहनों की डिजिटल जिंदगी को संजो रही थीं, जहां वह मंदिर जाने से लेकर बेहतरीन तालमेल वाले डांस मूव्स और ब्यूटी सैलून के रील शेयर करती थी. दोनों बहनों की शादी 2016 में एक ही घर में दो भाइयों से हुई थी.

    दोनों बहनों के कंटेंट किसी कोरियोग्राफ किए हुए आर्टिस्ट की तरह मालूम होते थे, जैसे- कदम एकदम तालमेल में, बालों को एकसाथ झटकते हुए, और कैप्शन में उनके अटूट रिश्ते का ऐलान होता था. घटना से ठीक दो दिन पहले एक रील में दोनों हाथ में हाथ डालकर वॉक करती नजर आ रही हैं जिसके बैकग्राउंड में ऑडियो था, "तू सिर्फ बहन नहीं जिगर का टुकड़ा है मेरा."

    निक्की की मौत के अगले दिन 22 अगस्त को कंचन के इंस्टाग्राम कंटेंट में अचानक बदलाव देखने को मिला- अब यह न्याय की तलाश का एक जरिया बन गया है. अब इंस्टाग्राम अकाउंट पर सबसे पहले बहन के आखिरी पलों का भयानक वीडियो दिखता है, फिर उसके बाद की घटनाएं. कंचन अब न्याय की गुहार लगाते हुए ट्रेंडिंग म्यूजिक के साथ अपनी बहन निक्की की वीडियो और तस्वीरें पोस्ट कर रही हैं.

    ग्रेटर नोएडा पुलिस ने कंचन की एफआईआर के आधार पर निक्की के पति विपिन भाटी, जेठ रोहित और सास-ससुर दया और सतवीर को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.

    निक्की के परिवार का दावा है कि दहेज की मांग को लेकर दोनों बहनों को बार-बार प्रताड़ित किया गया. लेकिन कागजी कार्रवाई और समय-सीमा इन आरोपों से मेल नहीं खाते. कंचन ने शुरू में अपनी एफआईआर में पुलिस को बताया था कि उनकी शादी 'बिना किसी दहेज के' हुई थी. दहेज वाला पहलू बाद में रील के वायरल होने के बाद सामने आया.

    ये रील उसी समय सामने आईं जब निक्की के पिता ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया कि विपिन और उसके परिवार ने बार-बार दहेज की मांग की, जिनमें से कुछ मांगें पूरी भी की गईं.

    सबूतों का इकोसिस्टम

    आमतौर पर किसी आपराधिक जांच में सबूत पुलिस की फाइलों से होकर गुजरते हैं जबकि इस मामले में ये सोशल मीडिया फीड पर वायरल हो रहे हैं. जैसे-जैसे कंचन वीडियो, आरोप और न्याय की अपीलें पोस्ट करती गईं उनके अकाउंट पर लाइक, शेयर, कमेंट बढ़ते गए और सबसे अहम- इन इंगेजमेंट के जरिए उनके अकाउंट की विश्वसनीयता बढ़ती गई.

    मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने स्थिति को समझाते हुए कहा, "इस मामले में हर दिन नई जानकारी सामने आ रही है जैसा कि किसी भी अपराध की जांच में होता है. लेकिन यहां हमारे पास इन वीडियो की पुष्टि करने का एक अतिरिक्त काम भी है."

    पुलिस अब पैरलल जांच कर रही है- एक निक्की की मौत की और दूसरी इससे जुड़े वायरल कंटेंट की. गवाहों, परिवार के सदस्यों और पड़ोसियों से पूछताछ के साथ-साथ पुलिस अब वायरल सीसीटीवी फुटेज के टाइमस्टैम्प की जांच, इंस्टाग्राम रील्स पर दिख रही पारिवारिक गतिविधियों का विश्लेषण और कंचन द्वारा रिकॉर्ड किए गए निक्की के वायरल वीडियो में दिखने वाले घटनाक्रम की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रही है.

    जब पुलिस ने निक्की के जलने वाले वीडियो से बैकग्राउंड म्यूजिक को अलग किया तो उन्हें एक महत्वपूर्ण ऑडियो साक्ष्य मिला. एक महिला की आवाज निक्की से चिल्लाते हुए कह रही थी, " ये तूने क्या कर लिया" जो पूरे मामले को नया रूप दे सकते हैं.

    मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बेहोश होने से पहले कंचन ने खुद ही ये वीडियो को शूट किया था. डिकोड को मिली एफआईआर में कंचन ने आरोप लगाया है कि उसकी सास दया ने विपिन को एक ज्वलनशील पदार्थ दिया था, जिसने उसे निक्की पर उड़ेलकर आग लगा दी. कंचन का आरोप है कि जब उसने विरोध किया तो उसके पति रोहित और ससुराल वालों ने उसकी पिटाई की.

    23 अगस्त को साझा किए एक अन्य वीडियो में विपिन निक्की को उसके बालों से घसीटता हुआ दिखाई दे रहा है और दोनों के शरीर पर खून के निशान हैं. इस वीडियो को वर्तमान साक्ष्य के रूप में पोस्ट किया गया था. लेकिन मीडिया रिपोर्ट में मौजूद पुलिस सूत्रों के अनुसार यह वीडियो संभवतः फरवरी का है.

    मीडिया कवरेज

    घटना के बाद पत्रकारों ने नोएडा स्थित निक्की के घर के पास जमघट लगा दिया और वे परस्पर विरोधी नैरेटिव की गुत्थी को सुलझाने की कोशिश करने लगे.

    एक बड़े अखबार के लिए केस को ट्रैक कर रहे एक पत्रकार ने डिकोड से बताया, "इस मामले को लेकर इंस्टाग्राम के पास पुलिस से ज्यादा अपडेट है. वे कुछ हद तक पीछे चल रहे हैं."

    नोएडा स्थित 22 मिलियन सब्सक्राइबर वाले हाइपरलोकल यूट्यूब चैनल NMF News के एक रिपोर्टर ने बताया कि वह इंस्टाग्राम से मिली जानकारियों को पुलिस सूत्रों जितना ही महत्व दे रहे हैं. रिपोर्टर ने बताया, "दोनों पक्ष हमें जानकारी दे रहे हैं जिसे हम प्रसारित कर रहे हैं. हमारा काम कहानी को उसी तरह बताना है जैसे वह घटित हो रही है."

    मामले की गहराई में जाते हुए रिपोर्टर ने कहा, "पड़ोसियों का कहना है कि परिवार को बहनों के इंस्टाग्राम रील्स से दिक्कत थी. पति का परिवार सीसीटीवी फुटेज, पुरानी चैट और वीडियो इकट्ठा कर रहा है ताकि यह साबित हो सके कि उन्हें फंसाया जा रहा है. दूसरी ओर निक्की के परिवार के पास उनके अपने सबूत हैं."

    दिल्ली स्थित एक शख्स द्वारा चलाया जाने वाले न्यूज चैनल- Make In Media ने विपिन के परिवार, निक्की के सगे-संबंधियों, पड़ोसियों और निक्की की भाभी का इंटरव्यू लिया है जो अब अलग हो चुकी हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि निक्की के भाई और माता-पिता ने उसे दहेज के लिए प्रताड़ित किया, उसे अलग होने पर मजबूर किया. इसमें से हर वीडियो को 3 लाख से ज्यादा बार देखा गया है.

    बहनों की इंफ्लुएंसर जिंदगी

    कंचन और निक्की ने अपनी लाइफ का एक बेहतरीन ऑनलाइन वर्जन तैयार किया था. उनका कंटेंट कई प्लेटफॉर्म पर फैला हुआ था- प्राइवेट इंस्टाग्राम अकाउंट, उनके ब्यूटी सैलून Makeover By Kanchan की एक बिजनेस प्रोफाइल और हजारों सब्सक्राइबर वाला एक यूट्यूब चैनल.

    बहनों के कंटेंट में एक ऐसी दुनिया दिखाई देती है जो सोच-समझकर गढ़ी गई है जहां वे हमेशा साथ रहती थीं. हमेशा खुश और हमेशा सब नियंत्रण में... वे सिरसा की गलियों में आत्मविश्वास के साथ गाड़ी चलातीं, अपने सैलून के प्रचार के लिए खूबसूरत लहंगे में दुल्हन की तरह पोज देतीं... इसके अलावा वे सब्जी काटने और बच्चों की परवरिश के घरेलू दृश्य भी शेयर करतीं. कंचन के यूट्यूब चैनल पर मौजूद 2019 के एक वीडियो में वह वजन कम करने और स्वस्थ जीवन जीने के टिप्स देती नजर आती हैं.

    हालांकि पुराने पोस्ट में मोटिवेशनल कोट के जरिए वैवाहिक तनाव के संकेत मिलते हैं जिनमें बताया गया था कि पतियों को कैसा व्यवहार करना चाहिए. कंटेंट में उनके भाई और मां नियमित रूप से दिखाई देते थे जबकि उनके पति स्पष्ट रूप से अनुपस्थित रहते थे.

    विपिन का इंस्टाग्राम अकाउंट भी एक समानांतर कहानी बयान करता है. उसमें उसकी कारें, बाइक और गुज्जर समुदाय के दोस्त- जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल हैं- नजर आते हैं. लेकिन उसकी फीड में निक्की का जिक्र नहीं है.

    पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि क्या बहनों की ऑनलाइन मौजूदगी ही वैवाहिक कलह का कारण बनी, यह एक बड़ा सवाल है कि क्या इस डिजिटल फेम ने वास्तविक दुनिया में हुई हिंसा में योगदान दिया है.

    डिजिटल न्याय

    जैसे-जैसे पुलिस ने कड़ियों को जोड़ना शुरू किया और मीडिया रिपोर्ट ने केस की विसंगतियों को उजागर किया, सोशल मीडिया ने भी सक्रिय रूप से इसे आकार दिया.

    दो परस्पर विरोधी हैशटैग सामने आए- #JusticeForNikki और #JusticeForVipin. इनमें से प्रत्येक को गुज्जर समुदाय की सैकड़ों रील और हजारों कमेंट का समर्थन मिला है. निक्की के समर्थकों ने घरेलू हिंसा जागरूकता से जुड़ा कंटेंट और उसके बेटे का फुटेज साझा किया, जिसमें वह बता रहा है कि उसके पिता ने किस तरह उसकी मां को आग के हवाले कर दिया. वहीं विपिन के समर्थकों ने एक सीसीटीवी फुटेज पेश किया जिसमें वह घटना के समय एक दुकान पर दिख रहा है, इसे उसकी कथित बेगुनाही का विजुअल प्रमाण बताया गया.

    दोनों पक्षों ने सोशल मीडिया की विशेषताओं को अपना हथियार बनाया. स्लो-मोशन इफेक्ट के सहारे भावनात्मक पलों को उभारा गया. लाखों दर्शकों तक बेगुनाही या अपराधबोध का मैसेज पहुंचाने के लिए सैड सॉन्ग से लेकर हरियाणवी लोकगीत जैसे साउंडट्रैक का चयन किया.

    Cheenu Baisla Gurjari नाम के एक अकाउंट ने विपिन के समर्थन में 35 से ज्यादा रील पोस्ट की हैं. इनमें बहनों के आर्काइव वीडियो हैं. इसमें कपल के डांस और हंसी-मजाक वाले वीडियो भी शामिल हैं, जिन्हें वैवाहिक सामंजस्य के प्रमाण के तौर पर दिखाया गया है. इस बीच विपिन के समर्थन में ऐसी रील भी आईं जो आत्महत्या की थ्योरी को बढ़ावा देती हैं. इसके अतिरिक्त कमेंट सेक्शन में बहनों की रोजमर्रा की सोशल मीडिया एक्टिविटी को लेकर भी उनकी आलोचना की जा रही है.

    इस मामले में गलत पहचान के चलते कुछ को उत्पीड़न का सामना करना पड़ा. आंचल विपिन भाटी जिनकी शक्ल निक्की से मिलती-जुलती है और जिनके पति का नाम भी आरोपी जैसा ही है, को कई यूजर्स ने अपशब्द कहे और गलत पहचान करते हुए उन्हें पीड़िता बता दिया.

    जब सोशल मीडिया पुलिस बन जाए

    एक तरफ जहां पुलिस इंस्टाग्राम, यूट्यूब और व्हाट्सऐप पर फैले सबूतों को वेरीफाई करने में उलझी है, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय अदालतों में सोशल मीडिया से जुटाए गए सबूत अब आम होते जा रहे हैं लेकिन वह सत्यापन की महत्वपूर्ण चुनौतियां उजागर करते हैं.

    साइबर क्राइम वकील पंकज बाफना कहते हैं, "जब तक कोई वीडियो रिकॉर्ड किया जाता है, अपलोड किया जाता है, डाउनलोड किया जाता है और अदालत तक पहुंचता है तब तक उसका स्वरूप और सार बदल चुका होता है. सोशल मीडिया पर नैरेटिव गढ़ना अदालत की तुलना में कहीं ज्यादा आसान होता है."

    बाफना ने कहा, "पहली नजर में यह असली वीडियो नहीं माना जा सकता." उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया से प्राप्त जानकारी को अब स्वीकार तो कर लिया गया है, लेकिन पुलिस के लिए यह समय लेने वाली प्रक्रिया है. उन्होंने आगे कहा, "पुलिस को लिखित रूप में इसकी पुष्टि के लिए प्लेटफॉर्म से संपर्क करना पड़ता है और ज्यादातर प्लेटफॉर्म अनुरोधों को नजरअंदाज कर देते हैं जब तक अदालत का आदेश न हो."

    मुंबई के एक पूर्व साइबर क्राइम अधिकारी ने चेतावनी दी, "ऑनलाइन मिले विजुअल सबूतों को संदेह की दृष्टि से देखा जाना चाहिए. किसी तस्वीर के साथ कई तरीकों से छेड़छाड़ की जा सकती है खासकर हाल के एआई टूल की मदद से. ऐसे विजुअल में पहले और बाद की स्थिति का पता लगाना कठिन है."

    यहां तक कि जब डिजिटल सबूत अदालत में पहुंच भी जाते हैं तब भी. दिल्ली स्थित एक क्राइम वकील ने बताया, "सबूत का भार आमतौर पर उस व्यक्ति पर पड़ता है जो इसे अदालत में पेश करता है न कि उन लाखों लोगों पर जिन्होंने इसे शेयर किया है."

    जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है रोज नए वीडियो सामने आ रहे हैं. हर घंटे नए आरोप सामने आ रहे हैं. वायरल कंटेंट और सामुदायिक एकजुटता के शोर के बीच सच्चाई को पहचानना कठिन होता जा रहा है.

    निक्की भाटी के परिवार के लिए इंस्टाग्राम न्याय की मांग करने का एक मंच बना, लाखों दर्शकों के लिए वही कंटेंट एक डेली ड्रामा सीरीज बन गया, वहीं कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए इसने जांच की चुनौतियां पैदा कर दीं.

    इस पूरे मामले में सिर्फ एक बात निश्चित है वह यह कि निक्की भाटी की मौत हो चुकी है और इंटरनेट किसी को भी यह भूलने नहीं देगा कि उसकी मौत कैसे हुई- भले ही कोई इस बात पर सहमत न हो कि उसकी मौत क्यों हुई.


    यह भी पढ़ें -ग्राउंड रिपोर्ट: पश्चिम यूपी में 'ड्रोन चोरों' की अफवाह से दहशत, निशाना बनते बेकसूर


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