ऊना धर्म संसद: यति नरसिंहानंद की मौजूदगी में लोगों ने दिए भड़काऊ भाषण
हिमाचल के ऊना में चले तीन दिवसीय धर्म संसद में किसने क्या बोला, जानिए बूम की इस रिपोर्ट में.
रविवार को हिमाचल के ऊना में तीन दिवसीय धर्म संसद आयोजित किया गया. इससे पहले हरिद्वार, रायपुर और दिल्ली में भी धर्म संसद आयोजित किया गया था, जिसमें मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ जहर उगले गए थे. मंगलवार को समाप्त हुआ यह धर्म संसद भी विवादों से अछूता नहीं रहा और यहां भी मुस्लिम समुदाय के बारे में जमकर भड़काऊ भाषण दिए गए. इतना ही नहीं, मुस्लिमों के टारगेटेड किलिंग (Targeted Killing) तक की बात भी धर्म संसद के मंच से कही गई.
अपने भड़काऊ भाषणों की वजह से चर्चा में रहने वाले यति नरसिंहानंद ने भी धर्म संसद (Dharm Sansad) के मंच से मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ बातें कहीं.
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हरिद्वार में आयोजित धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के मामले में जमानत पर बाहर आये यति नरसिंहानंद सरस्वती ऊना के धर्म संसद में भी इशारों इशारों में मुस्लिमों के खिलाफ़ लोगों को भड़काते नज़र आये.
कार्यक्रम के आरम्भ में यति ने कहा, "2029 में भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान बनेगा. एक बार भारत का प्रधानमंत्री मुसलमान बना तो अगले केवल बीस सालों में पचास परसेंट हिन्दू धर्म परिवर्तन करने पर मजबूर होंगे, चालीस परसेंट हिन्दुओं का क़त्ल हो जाएगा और जो बचेंगे वो विदेशों में रहेंगे या रिफ्यूजी कैम्पों में रहेंगे यहां तो कोई रहेगा ही नहीं. इस्लाम का राज आने पर यहां भी हिन्दुओं के साथ वही होगा जो पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ हुआ, अफ़ग़ानिस्तान में हुआ, बांग्लादेश में हुआ, कश्मीर में हुआ. सब जगह यही होना है."
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यति नरसिंहानंद सरस्वती के साथ मंच पर मौजूद अन्नपूर्णा भारती भी मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ ज़हर उगलने से बाज नहीं आई. भारती ने कहा, "सही मायने में जिस क़ुरान को पढ़ कर के आज मुसलमान अपने आप को जेहादी और संगठित और क़त्ल-ऐ-आम मचा रहा है वो किताब बेसिकली उनकी है ही नहीं उनके साथ भी छल कपट किया गया. ये बात जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी जी ने खुद बताई."
भारती ने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी (पूर्व में वसीम रिज़वी) को अब तक बेल ना मिलने का मुद्दा भी मंच से उठाया.
क्या कहा अन्य वक्ताओं ने?
वहीं इस कार्यक्रम में शामिल कई और लोगों ने भी मुस्लिम समुदाय के खिलाफ़ भड़काऊ भाषण दिए.
स्वामी अमृतानंद नाम के संत ने धर्म संसद में मुस्लिम धर्म और क़ुरान के बारे में आपत्तिजनक बातें कही.
पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस धर्म संसद के ख़िलाफ़ याचिका दायर होने के बाद भी न तो हिमाचल प्रशासन ने और न ही ऊना जिला प्रशासन ने एहतियातन कोई कदम उठाए. हालांकि भड़काऊ बयानबाजी होने के बाद रविवार को स्थानीय अम्ब थाने की पुलिस खानापूर्ति के लिए नोटिस लेकर कार्यक्रम स्थल ज़रूर पहुंची और धर्म संसद के आयोजनकर्ताओं को भड़काऊ भाषण ना देने का निर्देश दिया. लेकिन अगले दिन फिर से इस कार्यक्रम के वक्ताओं ने प्रशासन के नोटिस को ताक़ पर रखते हुए मुस्लिम समुदाय के ख़िलाफ़ भाषण दिए.
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धर्म संसद में हुई भड़काऊ भाषणबाजी को लेकर जब हमने यति नरसिंहानंद और अन्नपूर्णा भारती से सवाल किया तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए इससे साफ़ इनकार किया.
बूम के इस सवाल पर कि आपको कोर्ट ने इसी शर्त पर ज़मानत दी है कि आप ऐसी किसी भी सभा का हिस्सा नहीं होंगे जिसमें भड़काऊ बयानबाज़ी होगी, यति ने कहा, "मैंने कोई भड़काऊ बयान नहीं दिया है और न ही किसी अन्य ने दिया है."
वहीँ मुस्लिमों की टारगेटेड किलिंग को लेकर बूम द्वारा पूछे गए सवाल पर अन्नपूर्णा भारती ने कहा कि जब भी किसी सेना को कोई हथियार थमाया जाता है तो उसे एक टारगेट दिया जाता है और इसमें कोई बुराई भी नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने किसी तरह के लिंचिंग की बात नहीं की.
कुछ इसी तरह का जवाब धर्म संसद के एक आयोजक सत्यदेवानंद सरस्वती ने भी दिया. धर्म संसद में दिए गए भड़काऊ भाषण के सवाल पर वे अम्ब में पिछले दिनों हुए एक नाबालिग लड़की की हत्या की बात दोहराने लगे. बता दें कि पिछले दिनों ऊना जिले के अम्ब में एक पंद्रह वर्षीय लड़की की हत्या कर दी गई थी. हत्या के आरोप में आसिफ़ मोहम्मद नाम के एक व्यक्ति को पुलिस ने गिरफ़्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया जबकि इलाके में उपजे तनाव को देखते हुए जिले के पुलिस कप्तान की अध्यक्षता में इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच समिति बनाई गई. हालांकि कई हिंदुत्ववादी संगठन इस मामले को सांप्रदायिक रंग देने पर तुले हुए हैं, जबकि पुलिस इससे साफ़ इनकार कर रही है.