Claim
आजादी के लिए कोड़े खाते भगत सिंह जी की तस्वीर उस समय के अखबार में छपी थी ताकि और कोई भगत सिंह ना बने भारत में!! जिस समय भगत सिंह सहित सभी क्रांतिकारी आज़ादी के लिए लङ रहे थे वही संघी लोग अंग्रेजों के तलवे चाटकर क्रांतिकारीयो को मरवा रहे थे!!!
Fact
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल तस्वीर के साथ किया गया दावा फ़र्ज़ी है. वायरल तस्वीर 1919 में हुए जलियांवाला हत्याकांड के बाद ली गयी थी. कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस तस्वीर में दिख रहे शख़्स के भगत सिंह होने का कोई ज़िक्र नहीं है. रिपोर्ट्स के मुताबिक़ ये तस्वीर जलियाँवाला बाग़ नरसंहार के बाद भारतीयों पर हुए अत्याचार की तस्वीर है. बूम पहले भी वायरल तस्वीर का खंडन कर चुका है. हमनें जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर रह चुके चमन लाल की एक किताब 'भगत सिंह रीडर' को पढ़ा. इस किताब में शहीद-ए-आज़म की चार तस्वीरें संग्रहित हैं. हमने पाया कि भगत सिंह की केवल चार तस्वीरें ही मौजूद हैं और ये तस्वीर उनमें से एक नहीं है.