असम बाढ़: काजीरंगा में 225 पशुओं की मौत की खबर 2017 से है
असम के काजीरंगा नेश्नल पार्क में बाढ़ के कारण 225 पशुओं की मौत की खबर 2017 से है
सोशल मीडिया पर एक कहानी तेजी से फैल रही है। इस कहानी में दावा किया जा रहा है कि कुछ दिन पहले असम में आए बाढ़ के कारण काजीरंगा नेश्नल पार्क में 225 पशुओं की मौत हो गई है। फेसबुक और ट्विटर पर किए गए कई पोस्ट में कहा जा रहा है कि, "असम में बाढ़ की स्थिति बद्तर हो रही है। बाढ़ के कारण काजीरंगा नेश्नल पार्क में कम से कम 225 जानवरों की मौत हुई है।" हालांकि, ये तस्वीरे 2017 की हैं। 2017 में बाढ़ के कारण 225 पशुओं की मौत होने की कई रिपोर्ट बूम ने पाई है। इंडियन एक्सप्रेस, न्यूजम मिनट और द हिंदू की रिपोर्ट पढ़ें। एक ट्विटर हैंडल ने यह भी बताया कि यह पुरानी खबर है और असम में मौजूदा बाढ़ के बारे में गलत तस्वीर दिखाई जा रही है।
@IndianExpress wrote about this last year and this was a fact.But, some prestigious locals like @Sentinel_Assam are circulating it this year and misleading. @toramatix @sangbarooahpish @datelinedelhi @assampolice @SMHoaxSlayer https://t.co/Kgql8i7Ejz
— Progressive Assam (@ProgressiveAxom) September 4, 2018
हालांकि, यह लोगों को खबर साझा करने से रोक नहीं पाई है। कई लोग पूर्वी राज्यों के मामलों पर कवरेज और ध्यान देने की कमी पर निराशा व्यक्त कर रहे हैं। पिछले कुछ हफ्ते में कई ट्विटर और फेसबुक उपयोगकर्ताओं ने असम के बाढ़ में 225 जानवरों की मौत की खबर पोस्ट की है। गलत जानकारी का स्रोत क्या है? असम बाढ़ पर ध्यान आकर्षित करने के लिए सोशल मीडिया पर साझा किए गए बहुत से लोगों ने स्कूपव्हूप या इंडियन एक्सप्रेस द्वारा लेख को उद्धृत किया है। प्रमुख शब्दों की एक गूगल खोज से पता चलता है कि इंडियन एक्सप्रेस का लेख 2017 का है और स्कूपव्हूप की कहानी 2 दिन पहले प्रकाशित हुई थी। जिन लोगों ने इंडियन एक्सप्रेस के आलेख का उपयोग किया है उन्होंने प्रकाशन की तारीख को अनदेखा कर दिया है - 19 अगस्त, 2017। बूम ने स्कूपव्हूप के लेख के लिंक की जांच की, लेकिन पाया कि लेख साइट से हटा दिया गया है। हालांकि, हमें आलेख का एक कैश संस्करण मिला जो दिखाता है कि यह आलेख 2 सितंबर, 2018 को प्रकाशित हुआ था। स्कूपव्हूप ने बिना तारीख देखे जानकारी को इंडियन एक्सप्रेस के लेख से जोड़ा है। संग्रहीत कहानी के लिए यहां क्लिक करें। इसके अलावा, स्कूपव्हूप द्वारा उपयोग की जाने वाली तस्वीरें ( बाघ का मृत शरीर और पानी में संघर्ष करते लोग ), जैसा कि टवीटर पर देखा जा सकता है, वह भी 2017 से हैं। कहानी के लिए यहां और यहां देखें। हालांकि, स्कूपव्हूप ने अपनी कहानी हटा ली है, लेकिन कई अन्य वेबसाइटें जैसे कि द लिटिल इंडियन, द सेंटिनल ने इस पुरानी कहानी को फिर से छापा है।
आसाम दै बाना: हादोरारि हाग्रामा काजिरंगायाव 225 जुनारफोरनि जिउ खहा#BodoNews#AssamFloods#KazirangaNationalPark https://t.co/XnFFfSB0NS
— The Sentinel (@Sentinel_Assam) September 3, 2018
हर साल बाढ़ का सामना करने वाली असम में बाढ़ के चलते सालाना 200 करोड़ रुपये का नुकसान होता है, जैसा कि टाइम्स ऑफ इंडिया का 4 सितंबर, 2018 की रिपोर्ट से पता चलता है। ब्रह्मपुत्र नदी और सियांग नदी में पानी के स्तर में वृद्धि होने के कारण असम और अरुणाचल प्रदेश को चेतावनी दी गई थी, जैसा कि मिंट ने 1 सितंबर 2018 की रिपोर्ट में बताया है। ( स्नेहा अलेक्जेंडर एक नीति विश्लेषक है और डेटा तथ्य जांच करती हैं। वह संख्याओं के पीछे कहानियों की तलाश करती हैं और इसे पाठकों को दोस्ताना तरीके से प्रस्तुत करती है। उन्होंने डेटा के गलत उपयोग के लिए देश के कुछ शीर्ष मंत्रियों और मीडिया प्रकाशनों की जांच की है। उनकी तथ्य जांच की गई कहानियां कई अन्य प्रमुख डिजिटल वेबसाइटों द्वारा प्रकाशित की गई हैं। )