पीएम मोदी के साथ तस्वीर में दिख रही महिला आईएएफ़ पायलट अभिनंदन की पत्नी नहीं है
वायरल फ़ोटो में दावा किया गया है कि विंग कमांडर अभिनंदन की पत्नी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। बूम को पता चला है कि यह फ़ोटो भारतीय वायुसेना के पायलट की पत्नी की नहीं है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक महिला और एक छोटे बच्चे के साथ पोज़ देते हुए एक तस्वीर ऑनलाइन शेयर की जा रही है। तस्वीर के साथ ये दावा किया जा रहा है कि तस्वीर में पीएम मोदी भारतीय वायु सेना (आईएएफ़) के अधिकारी विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान की पत्नी और बेटे के साथ खड़े हैं |
रिपोर्ट लिखे जाने तक तस्वीर को 10,000 से अधिक बार शेयर किया जा चूका था । इसके साथ कैप्शन कुछ ऐसे दिए जा रहे हैं: पीएम के साथ अभिनंदन की पत्नी और बेटा और अभिनंदन जी की पत्नी और बेटे प्रधानमंत्री के साथ जय हो।
पोस्ट के स्क्रीनशॉट आप नीचे और आर्काइवड वर्शन को यहां देख सकते हैं।
फैक्टचेक
बूम ने फ़ेसबुक पर 'Me and My Son With Prime Minister Narendra Modi' कीवर्ड के साथ एक सर्च किया और पाया की एक पोस्ट पर फ़ेसबुक यूज़र निधि खंडेलवाल कमेंट किया था की वायरल फ़ोटो में दिख रही महिला वर्थमान की पत्नी नहीं है बल्कि उसकी एक सहेली है।
बूम ने यूज़र्स से संपर्क किया है और उस तरफ से जवाब मिलते ही रिपोर्ट अपडेट कर दी जाएगी ।
एक और सर्च हमें जाह्नवी दास नाम के प्रोफाइल तक ले गई, जिनकी तस्वीरें सोशल मीडिया साइट पर वायरल तस्वीर से मेल खाती है। बूम ने दास से संपर्क किया तो उन्होंने पुष्टि की कि यह उनकी ही तस्वीर थी जो वायरल हो गई है। दास ने कहा, "यह एक नकली पोस्ट है, कृपया इसे हर जगह से डिलीट कर दें।"
यह पूछे जाने पर कि क्या यह तस्वीर कभी फ़ेसबुक पर पोस्ट की गई थी, दास ने संदेश के माध्यम से जवाब दिया कि उन्होंने कभी भी तस्वीर ऑनलाइन शेयर नहीं की थी।
दास चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पत्नी हैं।
कई रिपोर्टों में यह भी उल्लेख किया गया है कि वर्थमान की पत्नी तन्वी मरवाहा हैं, जो पूर्व वायुसेना स्क्वाड्रन लीडर हैं। वह वास्तव में दिल्ली में मौजूद थीं जब विंग कमांडर की रिहाई के बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनसे मुलाकात की थी।
इन तस्वीरों को देखने से पता चलता है कि वायरल फोटो में महिला वर्थमान की पत्नी नहीं है।
भारत का फाइटर जेट सीमा पार गिरने के बाद, विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तान द्वारा बंदी बना लिया गया था। दो दिनों तक बंदी बनाए जाने के बाद पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा "शांति की पहल" करते हुए उन्हें रिहा कर दिया गया था।