Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025-icon
    बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • किसने दी थी मोहनदास करमचंद गाँधी को...
फैक्ट चेक

किसने दी थी मोहनदास करमचंद गाँधी को 'राष्ट्रपिता' की उपाधि ?

गाँधी जयंती से दो दिन पहले शेयर किया गया यह पोस्ट 2012 में दायर किये गए एक आर.टी.आई अपील के जवाब को घुमा फिर के पेश करता है |

By - Sumit |
Published -  2 Oct 2018 4:21 PM IST
  • दावा : क्या ऐश्वर्या परासर की आर.टी.आई अपील के आगे केंद्र सरकार ने घुटने टेक दिए और मान लिया की गाँधी राष्ट्रपिता नहीं थे । रेटिंग : झूठ। सच्चाई : यह पोस्ट वर्ष 2012 में दायर किये गए एक आर.टी.आई अपील के जवाब को घुमा फिर के पेश करता है | तथ्य असत्य है। हाल ही में "वी सपोर्ट पीऍम मोदी" नाम के फेसबुक पेज पर महात्मा गाँधी से संबंद्धित एक पोस्ट को क़रीब 865 शेयर्स और 1200 लाइक्स मिलें हैं | पोस्ट क्या कहता है हाल ही में वायरल हुआ पोस्ट ये कहता है, "इस बेहेन ने दिलवाई झूठे राष्ट्रपिता के नाम से आज़ादी|" पोस्ट में ऐश्वर्या परासर के तस्वीर के साथ गाँधी की तस्वीर भी लगाई गई है |
    क्या थी आर.टी .ई अपील ? फ़रवरी 13, 2012 को लखनऊ के राजाजीपुरम में रहने वाली (तब) दस-वर्षीय ऐश्वर्या परासर ने प्रधानमंत्री कार्यालय को चिट्ठी लिखके उस गवर्नमेंट आर्डर की फोटोकॉपी मांगी थी जिसके तहत मोहनदास करमचंद गाँधी को राष्ट्रपिता की उपाधि दी गयी थी | पि.ऍम.औ ने अपने जवाब में ये कहा था की उसके पास ऐसा कोई दस्तावेज़ मौजूद नहीं और आर.टी.आई को गृह मंत्रालय को भेज दिया | गृह मंत्रालय ने केस नेशनल आर्काइव्स ऑफ़ इंडिया (ऍन.ऐ.आई) को भेज दिया था | ऍन.ऐ.आई के (तब) असिस्टेंट डायरेक्टर और सेंट्रल पब्लिक इनफार्मेशन आफिसर जयप्रभा रवीन्द्रन ने के पास भैस आर.टी.आई का कोई जवाब नहीं था | अंततः ऐश्वयर्य को ऍन.ऐ.आई का जो जवाब मिला, वो ये था: "आपके आर.टी.आई अपील से संबद्धित कोई विशिष्ट दस्तावेज़ हमारे पास मौजूद नहीं हैं |"
    तथ्य
    हालाँकि यदि इतिहास के पन्नो को पलटा जाए तो गांधी को सबसे पहले राष्ट्रपिता की उपाधि से स्वयं नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने नवाज़ा था | आज़ाद हिन्द रेडियो पर दिए गए एक भाषण में अक्टूबर 2, 1943 को बैंकाक से बोस ने गाँधी को राष्ट्रपिता कह कर सम्बोद्धित किया था | इतिहासकार और लेखक रामचंद्र गुहा ने अपनी हाल ही में लिखे पुस्तक "गाँधी ..." में पेज नंबर 713 में इसका उल्लेख भी किया है | बोस के अलावा भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी गाँधी के देहांत के बाद जनुअरी 30, 1948 में उन्हें राष्ट्रपिता कह कर सम्बोद्धित किया था | "The light has gone out of our lives and there is darkness everywhere. I do not know what to tell you and how to say it. Our beloved leader, Bapu as we called him, the Father of the Nation, is no more." इसी तरह गाँधी को महात्मा की उपाधि भी भारत सरकार ने नहीं अपितु रबीन्द्रनाथ टैगोर ने दी थी |

    Tags

    DocumentsFather of the nationFeaturedGandhiPrime MinisterRTIआर.टी.आईउपाधिऍन.ऐ.आईऐश्वर्या परासरदस्तावेज़प्रधानमंत्रीमोहनदास करमचंद गाँधीराष्ट्रपिता
    Read Full Article
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!