फैक्ट चेक
ट्रोल ट्विटर अकाउंट ने 2014 शोले-अल जजीरा नकली स्क्रीनशॉट को फिर किया जीवित
क्या एक मुस्लिम क्लर्क ने काल्पनिक शोले-अल जजीरा स्क्रीनशॉट साझा किया था? क्या है इस वायरल ट्वीट के पीछे की कहानी ।
एक मुस्लिम क्लर्क होने का दिखावा करते हुए एक ट्रोल हैंडल ने 2014 से एक फर्जी स्क्रीनशॉट को फिर से जीवित कर दिया है, जो कतर समाचार प्रसारक, अल जजीरा को दिखाने का दावा करता है। इसमें गाजा में एक हवाई हमले की रिपोर्ट करने के लिए हिंदी फिल्म 'शोले' से एक इमेज का इस्तेमाल किया गया है। ट्वीटर पर 6 सितंबर को फर्जी हैंडल, @muneebln द्वारा किया गया ट्वीट वायरल हो गया। बाद में इसे निलंबित कर दिया गया। (ट्वीट के संग्रहीत संस्करण को देखने के लिए यहां क्लिक करें) वरिष्ठ पत्रकार और संपादक प्रभु चावला समेत कई ट्विटर उपयोगकर्ता इस फर्जी अकाउंट के साथ बहस में शामिल थे, जिन्होंने ध्यान दियाला कि यह तस्वीर 1975 की बेहद लोकप्रीय फिल्म की है।
लेकिन सवालों में घिरा यह तस्वीर 2014 की है। इसी तस्वीर को फेसबुक पर साझा करते हुए भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इसे ‘येलो जर्नलिजम’ का सबसे बुरा मामला बताया था। और इसक बाद ही दोहा स्थित समाचार एजेंसी ने खुद इससे संबंधित चेतावनी दी थी। अल जजीरा की पीआर टीम ने ट्वीट किया था कि हम ऐसी हास्यास्पद कहानियों पर केवल हंस सकते है। उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने इसे बनाया है उन्हें कम से कम उन्हें चैनल लोगो अधिकार लेना चाहिए था। ( इसके बारे में और अधिक यहां पढ़ें )Arre Bhai, both were young and brilliant actors when they acted in Shouley. @SrBachchan Pls find some better evidence if you have one. https://t.co/0YqrBgEwrt
— Prabhu Chawla (@PrabhuChawla) September 9, 2018
जबकि इंटरनेट उपयोगकर्ता इस ट्वीट से चकित थे, कुछ लोगों ने मौलाना मुहम्मद मुनीब उर रहमान के उपनाम का उपयोग करते हुए @muneebln के अकाउंट की जांच की। प्रोफाइल फोटो के साथ यह एक फर्जी अकाउंट था। यह काल्पनिक ट्वीट पोस्ट करने से केवल दो दिन पहले बनाया गया था। (प्रोफाइल के संग्रहीत संस्करण को देखने के लिए यहां क्लिक करें) अकाउंट का बायो कहता है, “सुन्नी मुसलमान, इस्लामी विद्वान, अल्लाह के दास, हमारी युवा पीढ़ी को इस्लाम का सही अर्थ सिखाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रहा हूं, कुत्तों और काफिरों का भी स्वागत है, पैरोडी। हैंडल द्वारा उपयोग की जाने वाली प्रोफाइल तस्वीर 2017 ढाका ट्रिब्यून लेख से चोरी की गई है। यह तस्वीर एक दोषी आपराधी अबू सालेह मो. अब्दुल अजीज की है जिसे 'घोरमारा अजीज' के नाम से जाना जाता है। हालांकि अकाउंट ने पैरोडी अकाउंट होने का दावा किया था, लेकिन इसके करीब सभी ट्वीट्स मुस्लिम विरोधी थे। एक और ट्वीट से यह स्पष्ट है कि फर्जी अकाउंट को रोकने में ट्विटर अप्रभावी रहा है, जैसा कि पहले हैंडल का संचालन करने वाले व्यक्ति ने @maulana1n का इस्तेमाल किया है, जिसे भी निलंबित कर दिया गया था।We can only laugh at these ridiculous stories about #AlJazeera... They could have al least gotten our logo right pic.twitter.com/6oRrXPzxk8
— Al Jazeera PR (@AlJazeera) September 7, 2014
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