बंगाल के मालदा में महिला के साथ लाठी-डंडे के मामला सांप्रदायिक नहीं है
बूम को मालदा के मोथाबाड़ी पुलिस स्टेशन के ऑफिसर इंचार्ज ने बताया कि मामला जमीन विवाद से जुड़ा है और दोनों पक्ष एक ही समुदाय से हैं.
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में दो पक्षों के बीच जमीन विवाद को लेकर मारपीट का वीडियो सांप्रदायिक दावे के साथ सोशल मीडिया पर वायरल है. बूम ने फैक्ट चेक में पाया कि मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं हैं और दोनों पक्ष मुस्लिम समुदाय से हैं.
बूम को मालदा के मोथाबाड़ी पुलिस थाने के प्रभारी ने बताया कि दोनों पक्ष जमीन के एक टुकड़े को लेकर पहले भी मारपीट कर चुके हैं. वीडियो में हमला करने वाले चार लोगों को अरेस्ट किया गया है.
वायरल वीडियो शेयर करते हुए एक एक्स यूजर ने लिखा, 'मित्रो अत्यंत ही बर्बरतापूर्ण खबर, यह दृश्य अफगानिस्तान पाकिस्तान अथवा बंग्लादेश देश का नहीं है, यह भयावह दृश्य पश्चिम बंगाल का है, जहां दिनदहाड़े मालदा की सड़कों पर इस्लामिस्ट जिहादियों के द्वारा महिलाओं को जानवरों की तरह पीटा जा रहा हैं...।। 😪'
फेसबुक पर एक यूजर ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, 'क्या इसीलिए मोदी जी को वोट दिया था? पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में मुसलमानों की गुंडागर्दी देखिए🫵 एक हिंदू महिला और उसके घायल पति को उनके बच्चे के सामने ही लाठी डंडे बरसा रहे हैं. बाकी हिंदू डर कर चुपचाप तमाशा देख रहे हैं.'
फैक्ट चेक
दो पक्षों के बीच जमीन विवाद का मामला
बंगाल के मालदा जिले से वायरल वीडियो पर किया जा रहा सांप्रदायिक दावा बूम की जांच में गलत पाया गया. घटना में शामिल दोनों पक्ष एक ही समुदाय से हैं.
वायरल वीडियो के कीफ्रेम लेकर गूगल लेंस से चेक करने पर हमें बंगाल के नेता प्रतिपक्ष और बीजेपी विधायक सुवेंदु अधिकारी का एक्स पोस्ट मिला.
उन्होंने वायरल वीडियो शेयर करते हुए इसे मालदा जिले के मोथाबाड़ी का बताया और ममता सरकार को घेरते हुए लिखा, 'पारिवारिक कलह, जमीन विवाद या पड़ोसी से विवाद वजह चाहे जो भी हो, हमारे राज्य में एक महिला को दिनदहाड़े सड़क पर कुछ पुरुषों द्वारा लाठी से पीटने की हिम्मत कैसे हुई?'
उन्होंने आगे लिखा, 'तोलामुल (तृणमूल) सरकार ने मतदाताओं के एक वर्ग को खुश करने के लिए प्रशासन के हाथ-पैर बांध दिए हैं, इसलिए तालिबान समर्थक दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन सरकार इस बात से आंख मूंद रही है कि वह भी महिलाओं की सुरक्षा के खिलाफ है.' (बांग्ला से हिंदी अनुवाद)
यहां से संकेत लेकर हमने संबंधित कीवर्ड के साथ गूगल पर सर्च किया, जहां हमें The Free Press Journal की 18 सितंबर 2024 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली. रिपोर्ट में वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट मौजूद थे. इसमें बताया गया कि घटना मोथाबाड़ी पुलिस क्षेत्र के कालियाचक ब्लॉक 2 को बीते मंगलवार (17 सितंबर) की है.
रिपोर्ट में पीड़िता के हवाले से बताया गया कि आरोपियों ने उनकी जमीन का एक बड़ा हिस्सा जबरन ले लिया है जिसे लेकर वह कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं. सोमवार को पीड़िता के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी जिसके अगले दिन दबंगों ने उनके पति को बुरी तरह पीटा. जब वह बचाने के लिए आई तो बीच सड़क उनसे और उनकी बेटी के साथ भी मारपीट की गई.
पीड़ित बाबुल शेख ने दर्ज कराई रिपोर्ट
इसी घटना पर हमें 18 सितंबर की द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट भी मिली. इसमें पीड़िता की पहचान प्यारी बीबी के रूप में की गई. रिपोर्ट में बताया गया कि प्यारी के पति बाबुल शेख ने मारपीट के मामले को लेकर शिकायत दर्ज कराई.
रिपोर्ट में बताया गया कि बाबुल मोथाबाड़ी पुलिस क्षेत्र के अंतर्गत चांदीपुर गांव के निवासी हैं जिनका आरोप है कि कुछ गुंडे अवैध रूप से उनकी जमीन कब्जाने की कोशिश कर रहे हैं. बाबुल के मुताबिक, कोर्ट से उनके पक्ष मे निषेधाज्ञा प्राप्त हुआ था लेकिन आरोपियों ने इसका पालन नहीं किया और रविवार को उनके साथ मारपीट की जिसमें उनका दाहिना हाथ टूट गया. इसके बाद पुलिस में शिकायत दर्ज कराई तो मंगलवार को उनके ऊपर फिर से हमला किया गया. इस दौरान जब उनकी पत्नी और बेटी ने बचाने की कोशिश की तो उन पर भी बांस और डंडे से बेरहमी से हमला किया गया.
पुलिस ने की पुष्टि- घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं
इस मामले में अधिक स्पष्टिकरण के लिए बूम ने मोथाबाड़ी पुलिस थाने के ऑफिसर इंचार्ज कुणाल कांति दास से संपर्क किया. उन्होंने बताया, "इसमें कुछ भी सांप्रदायिक नहीं है. यह वास्तव में एक जमीन से संबंधित विवाद था. जमीन के 3-4 डिसमिल हिस्से को लेकर दो पक्षों में झगड़ा है. यह जमीन मदरसे के बगल में स्थित है. दोनों संबंधित पक्ष मुस्लिम समुदाय से हैं. पिछले मौकों पर भी इस मुद्दे को लेकर दोनों में विवाद रहा है. वीडियो में मारपीट करने वाले चार मुख्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इलाके में स्थिति बिल्कुल शांतिपूर्ण है."