क्वेटा में हुए बम ब्लास्ट की तस्वीरों को बालाकोट से जोड़ फ़िर किया गया वायरल
वायरल तस्वीर के साथ दावा किया गया है की ये कब्रें भारतीय एयर फ़ोर्स के हमले में मारे गए जैश-ऐ-मुहम्मद के आतंकियों के लिए खोदी गयीं हैं
सोशल मीडिया पर पाकिस्तान में बड़ी संख्या में कब्रें खोदे जाने की तस्वीरें इन दिनों वायरल हो रही हैं । इन कब्रों को खोदने के पीछे कयास लगाए जा रहे हैं की इन्हे भारत द्वारा बालाकोट में किये गए एयर स्ट्राइक्स के दौरान मारे गए जैश-ऐ-मुहम्मद के आतंकवादियों को दफ़नाने के लिए खोदा गया है |
ये तस्वीरें ऐसे ही दावों के साथ फ़ेसबुक के कई पेजों पर शेयर की जा रही हैं |
फैक्टचेक
बूम ने जब वायरल हो रही इन तस्वीरों को रिवर्स इमेज सर्च किया तो कई लिंक्स मिलें जिन पर हु-ब-हु यही तस्वीरें थी | ज़्यादातर तस्वीरें वर्ष 2015 से थी |
इन तस्वीरों को दो वेबसाइट्स पर पाकिस्तान में 2016 में लू के थपेड़ो से हुई मौतें बताकर शेयर किया गया था | हालांकि इससे मिलती जुलती एक तस्वीर न्यू यॉर्क टाइम्स ने वर्ष 2013 में छापी है | न्यू यॉर्क टाइम्स के रिपोर्ट के अनुसार वायरल हो रही तस्वीर दरअसल वर्ष 2013 को क्वेटा, पाकिस्तान, में हुए बम ब्लास्ट की है जिसमे सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 84 लोगों की मौत हुई थी |। इन तस्वीरों में पीड़ितों की कब्रों को खुदा हुआ देखा जा सकता है ।
न्यू यॉर्क टाइम्स ने एसोसिएटेड प्रेस की तस्वीर इस्तेमाल की थी जो हमें ऐ.पि. के ऑफिशियल वेबसाइट पर भी मिली |
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर को अगर न्यू यॉर्क टाइम्स द्वारा की गयी रिपोर्ट के साथ जोड़कर देखा जाये तो मामूली फ़र्क ही नज़र आते है, वो भी फ़ोटो लिए जाने के एंगल का फ़र्क है | इससे ये तथ्य स्थापित हो जाता है की वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2013 क्वेटा ब्लास्ट से ताल्लुक़ रखती है |
दोनों सूरतों में यह तस्वीरें वर्ष 2016 के बाद से ही इंटरनेट पर मौजूद है। इसलिए, बालाकोट की घटना से इन तस्वीरों का कोई लेना देना नहीं है।
यदि गौर से देखा जाए तो वायरल तस्वीर और नई यॉर्क टाइम्स में प्रकाशित तस्वीर के पीछे के ज्योग्राफिकल लोकेशंस ठीक एक जैसे हैं | हालांकि दोनों तस्वीरें अलग अलग एंगल से ली गयी हैं |
ज्ञात रहे की भारत और पाकिस्तान के बीच कुछ दिनों से चल रहे तनाव को लेकर सोशल मीडिया पर काफ़ी भ्रामक और झूठी तस्वीरों को वायरल किया जा रहा है।