स्कूल यूनिफार्म में प्राइमरी क्लास के बच्चो का वीडियो नकरात्मक रूप से वायरल होता हुआ नज़र आ रहा है। इस वीडियो में बच्चे अश्लील रूप से 'टवर्क' करते हुए दिखाई दे रहे है। सोशल मीडिया के ज़रिये 'कान्वेंट कल्चर' को बदनाम करने की तत्पर कोशिशे भी की जा रही है। फेसबुक, ट्विटर इत्यादि पर इस वीडियो के द्वारा क्रिस्चियन मिशनरी स्कूल् को टारगेट करने के प्रयास किये जा रहे है। इस वीडियो को फेसबुक पर 1,88,949 बार देखा जा चूका है। यह वीडियो काफी उत्तेजित और विवादस्पद दिखाई पड़ता है। बच्चो की फोटो को माइनर होने के कारण नहीं दिखाया गया है। दावा : वीडियो किसी भारतीय स्कूल का बताया जा रहा है। जिसमे बच्चे डांस करते हुए अश्लील तरीके से "टवर्क " कर रहे है। रेटिंग : झूट सच्चाई : यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि सेंट्रल क्यूबा का है। जिसे कैमेगी शहर में फिल्माया गया। हवाना के 300 मील पूर्व। और इसे हज़ारो बार शेयर किया जा चूका है। इस वीडियो में जो बच्चे आपत्तिजनक अवस्था में अलग अलग तरीके से डांस करने की कोशिश कर रहे है। गौरतलब इस वीडियो का इस्तेमाल करते हुए भारत वर्ष की एक ख़ास माइनॉरिटी शैक्षणिक संस्थाओ को ऑनलाइन साधा जा रहा है। इस वीडियो में डांस करते हुए लड़कों में से एक के पिता 'जॉर्ज लुइस पेरेज़' ने इसे शूट किया । उन्होंने इसे अपने फेसबुक प्रोफाइल पर पोस्ट किया जिसके बाद लोगो ने बड़ी संख्या में इसे शेयर किया। इस खबर को मिरर नामक न्यूज़ वेबसाइट ने वर्ष 2016 में साझा किया था जिसे इस लिंक के जरिये देखा जा सकता है । ज्यादा तर बच्चो के माता-पिता ने इसके लिए स्कूल को दोषी ठहराया, जबकि स्कूल ने उलझन में कहा कि माता-पिता इसके लिए ज़िम्मेदार हैं क्योंकि वे घर पर यह सीखते हैं।
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