दावा: महाठग फेंकूजी यह वादा था या जुमला (वीडियो के साथ कैप्शन में) ! रेटिंग: भ्रामक सच्चाई: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया पर वायरल होते वीडियो के अनुसार उनके 2014 लोकसभा चुनाव में दिए गए वादों के मुताबिक उन्होंने किसानों की 'ऋण माफ़ी' की है । फ़ेसबुक पर वायरल होते उनके चुनावी भाषण के वीडियो दरअसल भ्रामक हैं। न्यूज़ रिपोर्ट्स और तथ्यों की जांच के बाद पता चलता है की यह वादे असत्य नहीं है और मूल वीडियो के अनुसार प्रधानमंत्री जिस ऋण माफ़ी की बात कर रहे है, उसकी शुरुआत हो चुकी है। फ़ेसबुक और व्हाट्सप्प पर इस चुनावी रैली के प्रचार के फ़ेक वीडियो को धड़ल्ले से वायरल किया जा रहा है। फ़ेसबुक पर इस वीडियो को 'अरविंदर सिंह खालसा' नामक फ़ेसबुक अकाउंट पर सांठ हज़ार (60,000) से ज़्यादा बार शेयर किया गया है । अलग-अलग भाषाओं में भी इस वीडियो को शेयर किया गया है। गुजरातीतेलुगु मीडिया रिपोर्ट्स और प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो से मिली रिलीज़ के आधार पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण के अनुसार योगी सरकार ने किसानों की ऋण माफ़ी करने की शुरुआत करदी है। ज्ञात रहे की यह वीडियो फरवरी 2017 का है। P.I.B की प्रेस रिलीज़ के अनुसार, '4 अप्रैल, 2017 को उत्तर प्रदेश सरकार ने छोटे और सीमांत किसानों के लिए 1 लाख रुपये तक के फसल ऋण देने वाली 30,729 करोड़ रुपये की योजना की शुरुआत करदी है । इसके अलावा, लगभग सात लाख किसानों के बुरे ऋणों को रद्द करने के लिए 5,630 करोड़ रुपये आवंटित किए है , जो बैंकों के लिए एनपीए बन गए थे। इससे ऋण राहत के लिए आवंटित कुल राशि 36,359 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है। व्हाट्सप्प पर वायरल होते वीडियो को यूट्यूब पर भी देखा जा सकता है। इस विषय के सन्दर्भ में प्रकाशित न्यूज़ रिपोर्ट्स को आप यहाँ पढ़ सकते है।
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