बिहार : अपने पहले लोकसभा चुनाव में ही रामविलास पासवान ने बना दिया था विश्व रिकॉर्ड
बिहार की राजनीति में अपना अलग स्थान बनाने वाले दलित नेता और लोक जन शक्ति पार्टी के संस्थापक राम विलास पासवान का चुनावी रिकॉर्ड और राजनीतिक जीवन बेहद दिलचस्प रहा है.

बिहार से दलित पृष्ठभूमि से आने वाले नेता रामविलास पासवान ने अपने पहले लोकसभा चुनाव में ऐसा अनोखा रिकॉर्ड बनाया कि उनका नाम गिनीज बुक में शामिल हो गया. दरअसल 1977 में सत्ता विरोधी लहर के दौरान उन्होंने बिहार की हाजीपुर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी को सवा चार लाख से अधिक वोटों से हराया था. इसके बाद पासवान राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरकर सामने आए थे.
पासवान ने 1974 जय प्रकाश नारायण के नेतृत्व में देशभर में हुए सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन में भागीदारी की थी. इमरजेंसी के दौरान पासवान को गिरफ्तार कर लिया गया था. इंदिरा गांधी द्वारा 1977 में लोकसभा चुनाव कराए जाने की घोषणा के बाद वह जेल से बाहर आए. 1977 में वह भारतीय लोकदल के टिकट पर हाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़े. इस चुनाव में राम विलास पासवान ने 4.24 लाख वोट से जीत दर्ज करते हुए विश्व रिकॉर्ड अपने नाम किया था. इस जीत के लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया.
उत्तर प्रदेश से भी लड़ा चुनाव
उन्होंने 1983 में दलित सेना का गठन किया. वह कुछ समय कट नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड से भी जुड़े रहे. 2000 में जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी का गठन किया. राम विलास पासवान ने बिहार ही नहीं उत्तर प्रदेश से भी लोकसभा चुनाव लड़ा था. 1985 में यूपी की बिजनौर लोकसभा सीट पर उपचुनाव हुआ था. इस चुनाव में उन्हें लोकदल ने प्रत्याशी बनाया था. चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी मीरा कुमार ने उन्हें 3,000 वोटों से हरा दिया था.
राजनीति के मौसम वैज्ञानिक कहलाए
राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने उन्हें राजनीति का मौसम वैज्ञानिक कहा. राम विलास पासवान ने 6 प्रधानमंत्रियों वी पी सिंह, एचडी देवगौड़ा, इन्द्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में काम किया. उनके बारे में कहा जाता है कि वह अनुमान लगा लेते थे कि केंद्र में किस पार्टी (गठबंधन) की सरकार बनने वाली है और उसी पार्टी के साथ हो जाते थे. 2002 के गुजरात दंगों के दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था हालांकि 2014 में वह एनडीए के साथ जुड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाले केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हुए और अंतिम समय तक एनडीए के साथ जुड़े रहे.
पुलिस की नौकरी छोड़कर 1969 में पहली बार पहुंचे थे विधानसभा
बिहार में खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव के राम विलास पासवान 9 बार लोकसभा सांसद और 7 बार केंद्रीय मंत्री रहे, बिहार की राजनीति में दलितों की भागीदारी सुनिश्चित कराने में उनका महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. वह पुलिस अधिकारी (डीएसपी) की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए थे. उन्होंने 1969 में कांग्रेस को चुनौती देने वाली संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर बिहार की अलौली विधानसभा से कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी को 700 वोटों के अंतर से हराकर जीत दर्ज की और पहली बार बिहार विधानसभा पहुंचे थे.


