पांच साल पुरानी फ़िलिस्तीनी लड़की की तस्वीर कश्मीर बता कर की जा रही है वायरल
बूम ने पाया की वायरल तस्वीर वर्ष 2014 में खींची गयी थी और इसमें दिख रही लड़की फ़िलिस्तीनी है ना की कश्मीरी
ट्विटर पर कश्मीर से जोड़ कर दो तस्वीरें वायरल की जा रही हैं | गौर करने वाली बात यह है की तसवीरें तब शेयर की गयीं है जब कश्मीर मुद्दा गरम है एवं दुनियाभर की नज़रें भारत-पाकिस्तान पर टिकी हुई हैं | आपको बता दें की इन दोनों तस्वीरों में से एक फ़र्ज़ी है एवं दूसरी है तो कश्मीरी महिला की ही परन्तु सात साल पुरानी है |
तस्वीरों के साथ अंग्रेजी में कैप्शन लिखा गया है जिसका हिंदी अनुवाद है: तो क्या आप लोग कश्मीर में अपने शौर्य से बहुत गौरवान्वित हैं ? बहुत शर्म की बात है के तुम्हारी क्रूर फ़ौज बेकसूरों और बिना हथियारों के मासूम कश्मीरियों को मारती है | यह तुम्हारे बहादुरी और शौर्य का बेंचमार्क है तो हम ऐसी बहादुरी को अभिशाप देते हैं | इसका जश्न मत मनाओ बल्कि शर्म करो और आंसू बहाओ |
आप ट्वीट्स यहाँ और यहाँ देख सकते हैं एवं इसके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ और यहाँ देखें |
यह ट्वीट एवं फ़ोटो ऐसे समय में वायरल हो रही है जब कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा आर्टिकल 370 हटा दिया गया है एवं लद्दाख एवं जम्मू और कश्मीर को अलग अलग केंद्र शाषित प्रदेश का दर्ज़ा दे दिया गया है | इसके अलावा मेहबूबा मुफ़्ती एवं ओमर अब्दुल्लाह को नज़रबंद भी किया गया | श्रीनगर में कर्फ्यू जारी है एवं राज्य में फ़ोन और इंटरनेट भी बैन किया गया है |
हाल ही में कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा करीब 28,000 सैनिकों को भेजा गया था और उसके बाद से सोशल मीडिया पर अफ़वाहों का बाजार गर्म है |
फ़ैक्ट चेक
पहली तस्वीर
तस्वीर में आप एक महिला का चेहरा देख सकते हैं जो पैलेट गन हमले में बुरी तरह से घायल है | आपको बता दें की यह तस्वीर कश्मीर से नहीं है | बूम ने इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च पर डाला और पाया की यह तस्वीर 17 वर्षीय फ़िलिस्तीनी लड़की की है एवं 2014 में ली गयी थी | यह लड़की गाज़ा की रहने वाली है एवं इज़राइल द्वारा किये गए एक हमले में घायल हो गयी थी | यह तस्वीर हैदी लेविन ने ली थी जो एक पुरुस्कृत फोटोग्राफर हैं |
बूम ने इसपर पहले भी लेख लिखा है जिसे आप नीचे पढ़ सकते हैं:
Pakistan’s United Nations Envoy Shows Gaza Pic As Kashmiri Pellet Gun Victim
दूसरी तस्वीर
बूम ने खोज की और पाया की यह तस्वीर कश्मीर की ही है परन्तु सात साल पुरानी है | इस तस्वीर में दिख रही महिला अपने परिवारजनों की गिरफ़्तारी के कारण रो रही है | इसका अभी चल रहे घटनाक्रम से कोई सम्बन्ध नहीं है |