नहीं, यह तस्वीरें गणेश विसर्जन की नहीं बल्क़ि अहमदाबाद में पिछले महीने हुए दशमा विसर्जन की हैं
ग़लत सन्दर्भ में वायरल यह तस्वीरें एवं वीडिओज़ पर्यावरण को बेहतर करने के लिए उठाया गया एक कदम था जिसका मकसद प्रदूषण दूर करना था ना की सांप्रदायिक भावनाओं को ठेस पहुंचना
इस हफ़्ते के अंत में गणेश विसर्जन होने जा रहा है | दस दिनों तक चलने वाला यह उत्सव सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों का कारण भी बन रहा है | फ़ेसबुक और ट्विटर पर कई तस्वीरें एवं वीडिओज़ ग़लत और भ्रामक दावों के साथ शेयर किये जा रहे हैं | कुछ वीडिओज़ में आप रोड के एक तरफ़ कई मूर्तियां रखी देख सकते हैं वहीँ एक वीडियो में जे.सी.बी द्वारा मूर्तियों को हटाया जा रहा है |
इन पोस्ट्स के साथ तरह तरह के कैप्शन शेयर किये जा रहे हैं | कुछ फ़ेसबुक यूज़र इसे पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ बदसलूकी से भी जोड़ कर शेयर कर रहे हैं |
आपको बता दें की यह किसी धर्म को ठेस पहुंचाने की मंशा से नहीं किया गया था जैसा सोशल मीडिया पर बताया जा रहा है | दरअसल यह साबरमती नदी को प्रदूषण से बचाने के लिए अहमदाबाद नगर पालिका का कदम था | इसके आलावा जो मूर्तियां गणेश की बताई जा रही हैं वो असल में दशमा देवी की मूर्तियां हैं |
यह तस्वीरें पुरानी हैं एवं इनका मकसद पर्यावरण को साफ़ रखने के तरीके बताना है ना की सम्प्रयिक्ता को ठेस पहुंचना |
आप इस तरह की कुछ पोस्ट्स नीचे देख सकते हैं |
इन पोस्ट्स के आर्काइव्ड वर्शन के लिए यहाँ और यहाँ देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने रिवर्स इमेज सर्च कर पाया की यह तस्वीरें अहमदाबाद नगर पालिका के कमिश्नर विजय नेहरा ने अगस्त 11, 2019 को ट्वीट की थीं | उन्होंने लिखा था: "#अहमदाबाद में आज कुछ गजब हो रहा है | सामान्य लोगों ने साबरमती को साफ़ रखने का निर्णय लिया है | दशमा माँ की मूर्तियों को विसर्जित करने की बजाए लोग उसे साबरमती के किनारे छोड़ कर जा रहे हैं | हज़ारों की संख्या में | अविश्वसनीय बदलाव |"
इसके अलावा वीडियो पर भी उन्होंने ट्वीट किये हैं एवं लिखा है: "हमारे शहर और नदियाँ साफ़ रहेंगी जब लोग साथ देंगे | @अमदावादAMC सभी लोगों का धन्यवाद जिन्होंने हमारी अपील सुनी #स्वच्छसाबरमती"
उनके एक ट्वीट के अनुसार अहमदाबाद नगर पालिका इस परिवर्तन के लिए महीनों से काम कर रही थी | उन्होंने ट्वीट कर कहां है: "हम इस व्यवहारिक परिवर्तन के लिए महीनों से काम कर रहे थे | आज सुबह से सुरक्षा बधाई गयी और कई कृत्रिम तलाव बनाए गए | #स्वच्छसाबरमती अभियान ने हमें आदतों को बदलने में मदद की | शहर बदलने के लिए आदत बदलो |"
जब यह सारी तस्वीरें और वीडिओज़ ग़लत सन्दर्भों में वायरल होने लगे तब 9 अगस्त 2019 को उन्होंने यह साफ़ कहां की तस्वीरें पुरानी हैं एवं ग़लत सन्दर्भों में वायरल हो रही हैं | नीचे उनका ट्वीट पढ़ें |
जे सी बी द्वारा हटाई गयी मूर्तियों का वीडियो भी कथित तौर पर अहमदाबाद से है क्योंकि विजय नेहरा के ट्वीट के जबाब में यह वीडियो पोस्ट किया गया था |
के टी रामा राव ने हैदराबाद में भी इस मॉडल को लागू करने का सुझाव दिया था
तेलंगाना टुडे के एक लेख के अनुसार तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामा राव ने बृहत् हैदराबाद नगर पालिका को सुझाव दिया है की अहमदाबाद द्वारा उठाए कदम से कुछ सीखकर गणेश चतुर्थी पर इस्तेमाल करें | लेख में विजय नेहरा के द्वारा पोस्ट सारी तस्वीरों का हवाला दिया गया है |