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      फैक्ट चेक

      शिया-सुन्नी झड़प के चार वर्ष पुराने वीडियो को सांप्रदायिक रंग दे कर किया गया वायरल

      वायरल पोस्ट में दावा किया गया है की घटना हाल ही में हरयाणा में घटित हुई है जबकि असल घटना वर्ष 2015 में राजस्थान के एक कसबे में घटित हुई थी जिसमे शिया और सुन्नी सम्प्रदाय के गुट आपस में भीड़ गए थे

      By - Saket Tiwari |
      Published -  11 July 2019 3:27 AM IST
    • jaipur mosque

      फ़ेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट किया गया है जिसमें दावा किया गया है की फ़रीदाबाद के अटाली गांव में 'शांतिप्रिय' मुस्लिम लोगों ने मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओं पर पथराव किया | यह दावा झूठा है |

      इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है 'कल शाम को अटाली गांव फरीदाबाद में शांतिप्रिय मुस्लिम लोगो द्वारा मंदिर में कीर्तन कर रही महिलाओ पर पथराव। एक जागरूक महिला ने वीडियो बनाया जो की पूरे हिंदुस्तान में फेल चूका है। किसी न्यूज़ चॅनेल पे ये नहीं दिखाया जाएगा। मुसलमान बोलते है मंदिर में मूर्तियां तोड़ी है तो नई बना देंगे,, तुम हम हिंदुओ को दरगाह पे मू** दो हम भी वापीस साफ करवा देगे"

      जो दावा किया जा रहा है वो फ़र्ज़ी है और वीडियो चार साल पुरानी एक घटना का है जो जयपुर के पास कागज़ी कॉलोनी में मुस्लिम समुदाय के शिया और सुन्नी गुटों की आपसी झड़प से जुड़ा है | आप इस वीडियो को नीचे देखें और इसके आर्काइव्ड वर्शन को यहाँ देखें |

      इस वीडियो का आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |

      इस वीडियो का आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें | यह वीडियो मिलते जुलते कैप्शन के साथ ट्विटर पर भी वायरल है | इस ट्वीट का आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |



      फ़ैक्ट चेक

      बूम ने इस वीडियो को ध्यान से देखा तो पाया की वीडियो में जिसे मंदिर कहा जा रहा है वो एक मस्जिद है | इसके बाद हमनें अटाली पुलिस थाने संपर्क किया जहाँ से इस बात की पुष्टि हुई की वीडियो अटाली से नहीं है | थाना प्रभारी ने कहा, "मैंने ख़ुद इस इलाक़े के सारे मंदिरों और मस्जिदों का दौरा किया है और ऐसी कोई घटना अटाली में नहीं हुई है | यह वीडियो भी अटाली से नहीं है |"

      हमने फ़ेसबुक पर एक पोस्ट देखा जिसमें समान वीडियो फ़र्ज़ी दावे के साथ 2017 में शेयर किया गया था | इस बार वीडियो में दिख रहे सफ़ेद बिल्डिंग को गुरुद्वारा बताया गया था |

      फ़ेसबुक पोस्ट को यहाँ और इसके आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |

      2017 में वायरल फ़ेसबुक पोस्ट

      बूम को ऑल्ट न्यूज़ का इसी वीडियो से जुड़ा हुआ एक लेख मिला इस घटना को जयपुर से जुड़ा हुआ बताया गया है | इसी लेख में इस सफ़ेद बिल्डिंग को जयपुर के ही कागज़ी कॉलोनी में स्थित एक मस्जिद बताया गया है | बूम ने इसकी पुष्टि करने के लिए सम्बंधित सांगानेर थाने को संपर्क किया | सांगानेर थाना प्रभारी लखन सिंह कटाना ने इस घटना के बारे में वृस्तृत जानकारी दी | उन्होंने कहा, "यह घटना 2015 में हुई थी | इस घटना में हिन्दू और मुस्लिम सम्बन्ध दूर दूर तक नहीं है क्योंकि यह झड़प मुस्लिम समुदाय के शिया एवं सुन्नी संप्रदाय में हुई थी |"

      यह घटना 2015 में हुई थी | इस घटना में हिन्दू और मुस्लिम सम्बन्ध दूर दूर तक नहीं है क्योंकि यह झड़प मुस्लिम संप्रदाय शिया एवं सुन्नी में हुई थी - लखन सिंह कटाना, सांगानेर थाना प्रभारी

      जब बूम ने इस झड़प का कारण जानने की कोशिश की तो कटाना ने कहा, "दोनों संप्रदाय में नमाज़ के वक़्त को लेकर लड़ाई हुई थी क्योंकि दोनों नमाज़ पहले पढ़ना चाहते थे |"कटाना ने यह भी बताया की इस घटना के बाद एक एफ.आई.आर भी दर्ज़ की गयी थी जिसके बाद दोनों संप्रदाय के बीच राज़ीनामा लिखा गया था |

      लखन सिंह कटाना ने बूम को इस घटना के सम्बन्ध में लिखित दस्तावेज की एक फ़ोटो भी शेयर की जिसमें इस घटना का विवरण दिया गया है | घटना 27 जून 2015 को दर्ज़ की गयी थी जिसमे मुस्लिम समुदाय के 17 लोगों के ख़िलाफ़ प्रकरण दर्ज़ हुआ था | बात करने के दौरान लखन सिंह उन्होंने ने यह भी कहा की प्रकरण सुलझ गया था | हालांकि दस्तावेज़ पब्लिक डोमेन का ना होने के कारण बूम उसे लेख के साथ दिखा नहीं सकता परन्तु इससे पुष्टि होती है की दावे जो वायरल हो रहे हैं वो फ़र्ज़ी एवं बेबुनियाद हैं |

      इस दस्तावेज़ के अलावा सांगानेर पुलिस ने एफ.आई.आर भी उपलब्ध कराने की बात बूम से की | एफ.आई.आर उपलब्ध होते ही लेख को अपडेट किया जाएगा |

      Tags

      FeaturedHindujaipurMosquesMuslimsRajasthan policeSanganerStonepeltingTempleअटालीमंदिरमुस्लिमहरियाणा
      Read Full Article
      Claim :   मुसलमानों ने कीर्तन कर रहीं हिन्दू महिलाओं पर पत्थरबाज़ी की
      Claimed By :  Facebook pages and Twitter handles
      Fact Check :  FALSE
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