पेलेट गन से चोटिल बच्चों की इस तस्वीर का कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाए जाने से कोई ताल्लुक नहीं है
बूम ने बीबीसी हिंदी से संपर्क किया और पाया की उन्हें सोर्स बता कर किये गए ये दावे बिलकुल फ़र्ज़ी हैं
![JK-Old photo- pellet victim/protest](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/08/pellet-victim.jpg)
जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफ़ी वायरल हुई है | इस तस्वीर में कई बच्चे पट्टियां बांधें दिख रहे हैं, साथ ही कैप्शन भी लिखा है जिसमें बीबीसी हिंदी को सोर्स बताया है: कश्मीर में 370 हटने के बाद कल तक 42 लोग पैलेट गन का शिकार हो चुके हैं, अधिकतर अपनी आँखे गँवा चुके है । कश्मीर में कितनी शांति है | BBC न्यूज़ हिंदी ने दिखाया । अल्लाह रहम करे इन लाचार, मजलूम मुसलमानों बच्चों को । आमीन (Sic)
आपको बता दें की यह तस्वीर छः महीने पुरानी है जिसका फ़िलहाल कश्मीर में चल रहे राजनैतिक समीकरण से कोई लेना देना नहीं है | यदि दावे की बात करें तो वो झूठ है | इसके अलावा बीबीसी हिंदी का ऐसा कोई लेख नहीं है जो कहता है की कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद 42 लोग पेलेट से छतिग्रस्त है |
बूम को बीबीसी ने बताया की यह दावा फ़र्ज़ी है | बीबीसी हिंदी ने ऐसी कोई सूचना प्रकाशित नहीं की है |
आप फ़ेसबुक पोस्ट नीचे देख सकते हैं एवं आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |
![Screenshot of Tweets about pellet victims after abrogation of article 370](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/08/jk4.png)
फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज सर्च किया एवं कुछ और ट्वीट्स एवं लेख पाए जो छः महीने पुराने थे जिनमें इसी वायरल तस्वीर को पोस्ट किया गया था | बूम यह पता लगाने में सफल हुआ की तस्वीर हाल में कश्मीर में पनपे तनाव की नहीं है परन्तु तस्वीर वास्तव में महज़ छः महीने पुरानी है या उससे भी ज़्यादा, इस बात का पता लगाने में बूम असमर्थ रहा |
![Google reverse image search results](https://hindi.boomlive.in/wp-content/uploads/sites/2/2019/08/jk3.png)
हमें जो पुराना ट्वीट मिला उसके कैप्शन में लिखा है, "यार पोपोगंडा तो ठीक है पर मेकअप तो अच्छे से कर लेते |" यह ट्वीट 18 फरवरी 2019 को किया गया था |
हमें फ़ेसबुक पर एक वीडियो मिला जिसमें समान बच्चे तो नहीं थे परन्तु 2016 में हुए एक विरोध की फ़ूटेज़ थी | इस फ़ूटेज़ में बच्चे पेलेट गन का विरोध पट्टियां बाँध कर एवं पेलेट गन के पीड़ित बनकर कर रहे हैं जो वायरल तस्वीर से मेल खाता है | बच्चे भारतीय सेना द्वारा किये जा रहे अत्याचार का विरोध कर रहे थे | हम स्वतंत्र रूप से इस तस्वीर को 2016 के विरोध प्रदर्शन से तो नहीं जोड़ सकते परन्तु हो सकता है की वायरल तस्वीर एक विरोध प्रदर्शन के दौरान ली गयी हो क्योंकि यह तस्वीर हमें किसी भी मुख्य धारा के मीडिया संस्थान द्वारा प्रकाशित खबरों में नहीं मिला |
हमें कुछ लेख भी मिले जिनमें समान तस्वीर का इस्तमाल किया गया है |
बीबीसी ने ऐसी कोई सूचना प्रकाशित की?
इस वायरल फ़ोटो के साथ कैप्शन में बीबीसी हिंदी को स्त्रोत बताया है | हमनें इसकी वेबसाइट पर सर्च किया परन्तु इस तरह का कोई लेख हमें नहीं मिला | इस बात की पुष्टि करने के लिए की कहीं लेख किसी और सन्दर्भ में प्रकाशित हुआ हो हमनें बीबीसी से संपर्क किया है | बीबीसी ने बूम को बताया की यह दावा फ़र्ज़ी है |
यह दावा फ़र्ज़ी है और इसका बीबीसी न्यूज़ हिंदी से कोई सम्बन्ध नहीं है | हम सभी से अनुरोध करते है की जो स्टोरी वो सोशल मीडिया पर देखते या पढ़ते हैं, उसे हमारी वेबसाइट पर जाकर सत्यापित करें - बीबीसी