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फैक्ट चेक

पश्चिम बंगाल का पुराना लिंचिंग हादसा पुनर्जीवित, दिया जा रहा है सांप्रदायिक रंग

तस्वीरे, 2017 की घटना से हैं, जहां एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला की बच्चा अपहरण करने के संदेह पर भीड़ द्वारा पिटाई की गई थी । पुरानी तस्वीरों सांप्रदायिक रंग के साथ फ़िर से फैलाया जा रहा है

By - SK Badiruddin |
Published -  10 Jun 2019 6:33 PM IST
  • एक ट्रैक्टर से बंधी एक मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला की भीड़ द्वारा पिटाई की दो तस्वीरों का सेट फ़ेसबुक पर वायरल हो रहा है । तस्वीरों के साथ दावा किया गया है कि पश्चिम बंगाल अब हिंदू महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं है ।

    राज्य के हिंदू समुदाय पर होने वाले अत्याचारों को दर्शाने के लिए परेशान करने वाले पोस्ट के साथ कैप्शन दिया गया है जिसमें लिखा है, “बंगाल में हिंदुओं के साथ क्या हो रहा है? क्या ममता बनर्जी वहां बिल्कुल भी नहीं हैं?”(बंगाली से अनुवादित - কি হচ্ছে বাংলার হিন্দু ধর্মের মানুষের সাথে ??? মমতা ব্যানার্জি কি নেই???)

    तस्वीर में, एक भयभीत डरी हुई और बुरी तरह से घायल महिला को ट्रैक्टर से बंधे देखा जा सकता है क्योंकि गुस्साई भीड़ उसके सिर को मुंडन करने की कोशिश करती है ।

    पोस्ट के अर्काइव लिंक को यहां देखा जा सकता है । बूम ने इसे शामिल नहीं करने का फ़ैसला किया है । तस्वीरों पर एक रिवर्स इमेज सर्च से पता चला कि यह घटना लगभग दो साल पुरानी है और इसमें कोई सांप्रदायिक कोण नहीं है ।

    यह तस्वीर प्रतिमा ओतेरा बीबी की है, जो एक मध्यम आयु वर्ग की महिला है, जिसे एक बच्चे के अपहरणकर्ता होने के संदेह में पकड़ा गया था । जून 2017 में यह अफ़वाह फैलने के बाद कि झारखंड से बाल अपहरणकर्ता, राज्य में प्रवेश कर चुके हैं, मानसिक रूप से विक्षिप्त महिला, ओतेरा बीबी को पश्चिम बंगाल के रघुनाथगंज में बच्चा अपहरणकर्ता होने के संदेह पर भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया था और उन्हें बुरी तरह पीटा गया था ।

    उस समय इस घटना को व्यापक रूप से रिपोर्ट किया गया था | लिंचिंग की ख़बर तक यहां पंहुचा जा सकता हैं ।
    नीचे हिंदुस्तान टाइम्स के एक आर्टिकल से एक उद्धरण निकाला गया है, जिसका हिंदी अनुवाद है - “यह घटना मंगलवार को सुबह 3 बजे के आसपास हुई, जब एक ग्रामीण ने ओतेरा को देखा कि वह हाथ में कुछ लिए दिलीप घोष के घर जा रही है । यह बात फ़ैल गई कि महिला घोष की नाबालिग बेटी ख़ुशी का अपहरण करने के लिए क्लोरोफॉर्म लेकर आई थी । भीड़ ने घर में घुसकर उसे रंगे हाथ पकड़ा ।”

    क्या कहते है स्थानीय लोग?

    “ग्रामीणों ने महिला को बेरहमी से पीटना शुरू कर दिया । वह कुछ कहना चाह रही थी, लेकिन हम इसे समझ नहीं पाए । वास्तव में, उनके असंगत भाषा ने संदेह को हवा दी कि वह बांग्लादेश से एक तस्कर थी । कुछ युवाओं ने महिला के कपड़े फाड़ दिए और उसे आंशिक रूप से मुंडन कर दिया । फ़िर उन्होंने उसे एक ट्रैक्टर से बांध दिया और तीन घंटे तक उसकी पिटाई की "एक स्थानीय निवासी ने नाम न छापने की शर्त पर एचटी को बताया ।" - बाल अपहर्ताओं की अफ़वाहों, विशेष रुप से व्हाट्सएप द्वारा फ़ैली अफ़वाहों का 2017 के बाद से भारत में भयावह परिणाम सामने आया है । सभी मामलों में, पीड़ितों पर केवल संदेह होने पर ही हमला किया गया था और पुलिस को उनके बाल अपहर्ताओं के होने का कोई सबूत नहीं मिला ।

    Tags

    communalFeaturedHindulynchingmob lynchingMuslimWEST BENGALwomen
    Read Full Article
    Claim :   महिला एक बच्चे को अपहृत करने आयी थी
    Claimed By :  Facebook pages
    Fact Check :  FALSE
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