फैक्ट चेक
जी नहीं, ये मस्जिद के नीचे दबी प्राचीन मंदिर की तस्वीर नहीं है
सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग के साथ वायरल हुई ये तस्वीर दरअसल एक डिजिटल आर्टिस्ट के कल्पना का रूपांतरण है

"कर्नाटक में raichoor रोड को चौड़ी करने की प्रक्रिया में एक मस्जिद के नीचे दबा प्राचीन मंदिर मिला था, न जाने और कितने मंदिर दबा दिए गए थे | मुसलमान आक्रमणकारियों के द्वारा, लेकिन हमारे देश के कुछ लिबरल हिंदू भी बाबर और औरंगजेब को अपना बाप मानते हैं. हरामजादे |"
ट्विटर पर इस तस्वीर को उमा गारघी के हैंडल से ट्वीट किया गया था जिसे फिलहाल हटा लिया गया है | हालाँकि फ़ेसबुक पर यही तस्वीर धड़ल्ले से शेयर की जा रही है | तस्वीर का सच अगर आप तस्वीर को ध्यान से देखें तो इसमें नीचे की ओर एक लोगो नज़र आता है जिस पर लिखा है : चंद्रा क्रिएशन्स | बूम ने जॉब चंद्रा क्रिएशन्स को फ़ेसबुक पर ढूंढने की कोशिश की तो हमें इसी नाम से एक होम पेज मिला जिस पर यही डिजिटल क्रिएशन अलग-अलग बैकग्राउंडस के साथ वर्ष 2015 से 2018 तक कई बार शेयर की गई है |

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