Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025-icon
    बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • जी नहीं, ये मस्जिद के नीचे दबी...
फैक्ट चेक

जी नहीं, ये मस्जिद के नीचे दबी प्राचीन मंदिर की तस्वीर नहीं है

सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग के साथ वायरल हुई ये तस्वीर दरअसल एक डिजिटल आर्टिस्ट के कल्पना का रूपांतरण है

By - Sumit |
Published -  24 Nov 2018 6:55 PM IST
  • एक डिजिटल आर्टिस्ट के कृति को हाल ही में सोशल मीडिया पर सांप्रदायिक रंग देकर काफ़ी वायरल किया गया है | ट्विटर और फ़ेसबुक पर यह तस्वीर इस मैसेज के साथ शेयर की गयी है:

    "कर्नाटक में raichoor रोड को चौड़ी करने की प्रक्रिया में एक मस्जिद के नीचे दबा प्राचीन मंदिर मिला था, न जाने और कितने मंदिर दबा दिए गए थे | मुसलमान आक्रमणकारियों के द्वारा, लेकिन हमारे देश के कुछ लिबरल हिंदू भी बाबर और औरंगजेब को अपना बाप मानते हैं. हरामजादे |"

    ट्विटर पर इस तस्वीर को उमा गारघी के हैंडल से ट्वीट किया गया था जिसे फिलहाल हटा लिया गया है | हालाँकि फ़ेसबुक पर यही तस्वीर धड़ल्ले से शेयर की जा रही है |
    तस्वीर का सच
    अगर आप तस्वीर को ध्यान से देखें तो इसमें नीचे की ओर एक लोगो नज़र आता है जिस पर लिखा है : चंद्रा क्रिएशन्स | बूम ने जॉब चंद्रा क्रिएशन्स को फ़ेसबुक पर ढूंढने की कोशिश की तो हमें इसी नाम से एक होम पेज मिला जिस पर यही डिजिटल क्रिएशन अलग-अलग बैकग्राउंडस के साथ वर्ष 2015 से 2018 तक कई बार शेयर की गई है | तस्वीर संबंद्धित अन्य पोस्ट्स गौरतलब है की यही इमेज वर्ष 2016 में इसी पेज पर इस सन्देश के साथ शेयर किया गया था: मेरे प्रियजनों को अक्षयत्रित्या की शुभ कामनाएं |
    जब बूम ने इस डिजिटल आर्टिस्ट से बात की तो उन्होंने बताया की वो दरअसल एक आयल पेंटर हैं और डिजिटल आर्ट का उन्हें शौक है | इस डिजिटल इमेज के सर्जक ऐ.एस. रामचंद्रा से जब हमने पूछा की क्या उन्हें मालूम है की उनके तस्वीर का सोशल मीडिया पर दुरूपयोग हो रहा है तो उन्हें जवाब दिया: "हाँ, मुझे मालूम है | मैंने पुलिस में तो शिकायत नहीं दर्ज़ कराई है मगर मैं लोगो को यह बता रहा हूँ की यह एक डिजिटल इमेज है जिसे मैंने बनाया है | मैंने भगवान विश्वकर्मा की छवि को सोचकर यह इमेज बनाया था | डिजिटल आर्ट का मुझे शौक है |" बावजूद इस बात की पुष्टि हो जाने की कि इस तस्वीर का मंदिर-मस्जिद से कोई लेना देना नहीं है, अभी भी फ़ेसबुक पर इसे बेधड़क शेयर किया जा रहा है | 
     मिशन राम मंदिर में अपने १००मित्रों को जोड़े
    नामक फ़ेसबुक पेज पर इस पोस्ट को करीब 700 से ज़्यादा शेयर्स मिल चुके हैं | फ़ेसबुक पेज भीमटो का दुश्मन से भी इसे 30 बार शेयर किया जा चूका है |

    Tags

    BJPcommunalfact fileFAKE NEWSFeaturedHINDUSmosqueMuslimsRaichurTempleडिजिटलमुसलमान
    Read Full Article
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!