व्हाट्सएप्प पर आजकल कुछ तस्वीरें इस मैसेज के साथ काफी फॉवर्ड की जा रही हैं: "सोलापुर सिटी से 35 कि मी: दूर अक्कल्कोट के आस पास खेत में एक अजीब जानवर देखने को मिला।" फॉरवर्ड की गयी तस्वीरें आप नीचे देख सकते हैं | आपको बताते चले की कुछ ऐसे ही पोस्ट्स अलग तस्वीरों और जगहों के नाम के साथ मार्च महीने में फ़ेसबुक पर भी पोस्ट किये गए थे | इसे प्रमुखता से "अगर आप राजपूत हैं तो Join कीजिये ये ग्रुप,देखते हैं FB पर कितने राजपूत है" नाम के फ़ेसबुक पेज पर मार्च 30 को शेयर किया गया था | जानिये सच बूम ने इन तस्वीरों की वास्तविकता जानने के लिए रिवर्स इमेज सर्च का सहारा लिया तो ऐसी कई तस्वीरें और उनसे जुड़ी फ़ेक न्यूज़ सामने आयीं | थोड़ी और छानबीन के बाद बूम को पता चला की ये तस्वीरें दरअसल सिलिकॉन डॉल्स की हैं | जी हाँ, सिलिकॉन डॉल्स | क्या हैं सिलिकॉन डॉल्स सिलिकॉन डॉल्स या रिबॉर्न डॉल्स एक आर्टिस्ट द्वारा कृतिम रूप से बनाये डॉल्स हैं और कोशिश यह होती है की ये डॉल्स बिलकुल नवजात इंसानी बच्चों जैसे लगें | रिबॉर्न बेबी डॉल्स बनाने का प्रचलन वर्ष १९३९ के दौर में शुरू हुआ जब आर्टिस्ट्स को और ज़्यादा वास्तविक डॉल्स बनाने की ज़रूरत महसूस होने लगी | वापस "सोलापुर के अजीब जानवर" पर आते हुए हम आपको ये बता दे की इन तस्वीरों में दिखाए गए "अजीब जानवर'', या यूँ कहें सिलिकॉन डॉल्स, दरअसल इटली की एक आर्टिस्ट लाइरा मगानुको द्वारा बनाई गए हैं | लाइरा के बनाये गए इन डॉल्स ने पहले भी काफी सुर्खियां बटोरी हैं | हम आपको लाइरा के फ़ेसबुक पर हूबहू उन्ही तस्वीरों को दिखते हैं जिन्हे गलत खबर के साथ अक्सर वायरल किया जाता रहा है | ज्ञात रहे की इन सिलिकॉन डॉल्स ने अंतर्राष्ट्रीय समाचार में भी काफी सुर्खिया बटोरी हैं | खबरों में अक्सर इन्हे म्युटेंट जानवर बताया गया है | हालाँकि सच्चाई कुछ और है | खबर यहां और यहां पढ़ें |
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