क्या बीजेपी, शिवसेना, आरएसएस ने मुस्लिम मतदाताओं को मतदान करने से रोका? फ़ैक्ट चेक
गुजरात पुलिस ने बूम को बताया कि वीडियो एक घटना का है जब दो समूह आपस में भिड़ गए थे, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया और लोगों को गिरफ़्तार किया
प्रदर्शनकारियों की गिरफ़्तारी को लेकर गुजरात की वीरमगाम पुलिस और मुस्लिम महिलाओं के बीच झड़प का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है । वीडियो में दावा किया जा रहा है कि ये भारतीय जनता पार्टी, शिव सेना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य हैं जो मुसलमानों को वोट देने की अनुमति नहीं दे रहे हैं । यह दावा ग़लत है।
1 मिनट 24 सेकंड लंबे इस वीडियो में मुख्य रुप से मुस्लिम महिलाओं को विरोध करते और पुलिस अधिकारियों को प्रदर्शनकारियों पर लाठियां बरसाते दिखाया गया है ।
बूम ने गुजरात पुलिस से बात की, जिन्होंने बताया कि यह पुलिस और इलाके के मुसलमानों के बीच झड़प की घटना थी । पुलिस ने कुछ लोगों को एक स्थानीय मुद्दे पर लड़ते हुए गिरफ़्तार किया और इसमें कोई राजनीतिक दल शामिल नहीं था ।
वीडियो के कैप्शन में लिखा गया है, “ताजा ख़बर मुसलमानों को वोट देने से रोक रहे है मोदी सरकार बीजेपी आरएसएस शिवसेना वाले बुड्ढे, बच्चे और महिलाओं पर मारपीट कर रहे हैं इस वीडियो को मीडिया वाले शेयर नहीं करेंगे इसलिए भाइयों देश में सरेआम लोकतन्त्र की हत्या की जा रही है । जय भीम जय भारत।”
इसी तरह के कैप्शन के साथ वीडियो फ़ेसबुक पर वायरल है ।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो का विश्लेषण किया और पाया कि यह गुजरात की एक घटना का है । पुलिस वाहन की नंबर प्लेट में ‘जीजे’ का उल्लेख है जैसा कि नीचे स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है ।
बूम ने आगे पाया कि वीडियो में बैकग्राउंड में दिख रहीं दुकानों में गुजराती में लिखे बोर्ड हैं ।
बूम ने तब ट्विटर पर ‘मुस्लिम क्लैश’और ‘गुजरात’ शब्दों के साथ एक कीवर्ड खोज की और डॉक्युमेंटिंग ऑप्रैशन अगेंस्ट मुस्लिम (डीओएएम) हैंडल द्वारा एक वीडियो तक पहुंचे जिसके साथ दिए कैप्शन में लिखा था, “मुसलमानों के कब्रिस्तान की दीवार का विनम्रतापूर्वक उपयोग करने वाली एक हिंदू महिला पर आपत्ति जताने के बाद रविवार को, चरमपंथी भीड़ ने #अहमदाबाद के वीरमगाम कस्बे में मुसलमानों पर हमला किया । # गुजारत पुलिस ने हस्तक्षेप किया और महिलाओं सहित मुसलमानों पर हमला किया ।”
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्य के विरामगाम इलाके में एक घटना घटी जब मुस्लिम समुदाय के सदस्यों ने एक हिंदू महिला को कब्रस्तान की दीवार पर "कपड़े" सुखाने का विरोध किया ।
गुजराती समाचार पोर्टल अकिला न्यूज़ ने 1 अप्रैल को प्रकाशित एक लेख में एक हेडलाइन के साथ घटना की सूचना दी, जिसका हिंदी अनुवाद है, "वीरमगाम में कब्रिस्तान की दीवार के संबंध में ठाकोर-मुस्लिम के बीच एक समूह झड़प"। लेख में वही तस्वीरें हैं जो वायरल वीडियो के दृश्यों से मेल खाती थीं ।
इंडियन एक्सप्रेस के एक लेख में आगे उल्लेख किया गया है कि छह लोगों को चोट लगी और 15 को हिरासत में लिया गया ।
बूम ने वीरमगाम पुलिस स्टेशन से भी संपर्क किया, जिसने पुष्टि की कि वीडियो इस साल 31 मार्च को हुई एक घटना का है । वीडियो के बारे में जानकारी रखने वाले एएसपी प्रवीण कुमार ने कहा, “वीडियो के आसपास का संदर्भ पूरी तरह से नकली है । यह घटना 31 मार्च को विरमगाम शहर में हुई थी जब दो समुदाय आपस में भिड़ गए थे । मामला आगे बढ़ जाने पर हमें कुछ गिरफ्तारियां करनी पड़ी ।”
उन्होंने कहा, "कुछ समुदाय के सदस्य कानून तोड़ने वालों की रिहाई की मांग करते हुए वीरगाम टाउन थाना क्षेत्र में जमा हुए । हम ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि यह एक चल रहा मामला था और इस प्रकार जमीन पर पुलिस द्वारा हल्की कार्यवाही का सहारा लिया गया ।”