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मुर्शिदाबाद ट्रिपल मर्डर: सोशल मीडिया और न्यूज़ मीडिया ने कैसे हत्याओं को एक राजनीतिक मोड़ दिया

घटना के बाद ही भ्रामक दावे करना शुरु कर दिया कि पाल का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ संबंध है और उनकी मौत का कारण यही है

By - Swasti Chatterjee |
Published -  16 Oct 2019 6:34 PM IST
  • Murshidabad-fake politics

    मंगलवार (15 अक्टूबर) को मुर्शिदाबाद ट्रिपल मर्डर केस के मुख्य आरोपी उत्पल बेहरा की गिरफ़्तारी ने सोशल मीडिया पर हत्याओं के कारण के बारे में किये जा रहे दावों पर विराम लगा दिया है । कई सोशल मीडिया यूज़र्स का मानना था कि बंधु प्रकाश पाल और उनके परिवार की पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के साथ राजनीतिक संबंध होने के कारण हत्या कर दी गई थी । पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार ने बताया कि मुर्शिदाबाद पुलिस ने मंगलवार को बेहरा को सागरदीघी के साहपुर इलाके से गिरफ़्तार किया ।

    राज्य पुलिस के अनुसार, बेहरा ने 8 अक्टूबर को बंधु प्रकाश पाल, उनकी आठ महीने की गर्भवती पत्नी ब्यूटी पाल और बेटे की हत्या कर दी । पुलिस के अनुसार बेहरा ने पाल से जीवन बीमा की सदस्यता ली थी और पाल ने उसे रसीद देने से मना कर दिया था । इसी कारण बेहरा ने इन हत्याओं को अंजाम दिया है ।

    घटना के फौरन बाद, इस भयावह अपराध की तस्वीरें सोशल मीडिया पर भ्रामक दावों के साथ फैलने लगी । तस्वीरों के साथ दावा किया जाने लगा कि पाल के राजनीतिक झुकाव का अंजाम परिवार को भुगतना पड़ा है ।

    पुलिस ने बताया कि, “बेहरा ने पाल से दो पॉलिसी खरीदी थीं, लेकिन उसे केवल पहले की ही रसीद मिली थी । पिछले कुछ हफ़्तों से, इस मामले को लेकर पाल और बेहरा के बीच लड़ाई चल रही थी पाल ने उसका अपमान भी किया था, जिसके बाद बेहरा ने उसे मारने का फैसला किया ।”

    कई सत्यापित हैंडल और समाचार पोर्टल ने भयावह तस्वीरों को ट्वीट किया और निष्कर्ष निकाला कि हत्या के पीछे का उद्देश्य राजनीतिक था । हालांकि घटना की जांच चल ही रही थी ।

    बूम ने पिछले सप्ताह दावों की जांच की थी । हमने एसपी मुकेश कुमार से संपर्क किया, जिन्होंने स्पष्ट रूप से हत्याओं के पीछे एक राजनीतिक मकसद होने से इंकार किया था । बूम ने स्थानीय आरएसएस नेताओं और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से भी संपर्क किया, जिन्होंने हत्याओं का राजनीति से प्रेरित होने की ख़बर को अफ़वाह बताया ।

    भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपराध स्थल से एक वीडियो शेयर किया और दावा किया कि उदारवादी चयनात्मक थे और ट्रिपल मर्डर को लेकर वहां कोई नाराजगी नहीं थी, क्योंकि पीड़ित आरएसएस से जुड़ा था ।



    केंद्रीय कानून और न्याय, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री, रविशंकर प्रसाद ने हत्याओं की निंदा की और पाल को एक आरएसएस कार्यकर्ता के रूप में पहचाना ।



    भाजपा के कई सदस्यों ने आनन-फानन में यह निष्कर्ष निकाल लिया स्कूल शिक्षक, पाल ने कथित रुप से आरएसएस के साथ लिंक होने के कारण अपनी जान गंवाई है ।



    Shantanu Biswas tweet

    एक ट्वीट में मधु किश्वर ने राजनीतिक हत्याओं की बात करते हुए चुनिंदा नाराजगी पर सवाल उठाया है ।

    Madhu Kishwar tweet

    भाजपा सांसद रूपा गांगुली ने हत्याओं के पीछे कथित राजनीतिक मकसद के लिए एक ट्वीट में पश्चिम बंगाल पुलिस पर कटाक्ष किया है ।



    समाचार संस्थानों ने भी कहानी को बढ़ावा दिया

    कई समाचार रिपोर्टों ने पाल के मौत के कारण आरएसएस से संबंध होने का दावा किया और कहानी इसी तरह बढ़ती गई । समाचार एजेंसी एएनआई ने एक ट्वीट में कहा कि पाल हाल ही में आरएसएस में शामिल हुए थे और संगठन की साप्ताहिक बैठकों में भाग लेते थे ।



    हत्याओं के बारे में रिपोर्ट करते हुए इंडिया टुडे ने भी यह उल्लेख किया था ।

    India Today's article

    ज़ी न्यूज़ ने पश्चिम बंगाल में "भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ता हत्याकांड " पर एक बुलेटिन चलाया । दिलचस्प बात यह है कि क्षेत्र में मौजूद रिपोर्टर ने हत्याओं के लिए कोई राजनीतिक कोण नहीं बताया ।

    अब तक की जांच

    आज प्रेस को संबोधित करने के अलावा, ट्वीट की एक श्रृंखला में, मुर्शिदाबाद पुलिस ने हत्याओं के पीछे किसी तरह के राजनीतिक मकसद होने से इंकार किया है ।



    इसके अलावा, एक ट्विटर यूज़र ने बंधु प्रकाश पाल के परिवार के सदस्य के साथ एक बातचीत भी साझा की, जिसमें यह कहते हुए सुना जा सकता है, "मेरा भाई किसी भी पार्टी से जुड़ा नहीं था । वह काम कर रहा था और अपने परिवार के साथ व्यस्त था । राजनीतिक दल ये कहानियां बना रहे हैं । हम प्रशासन से संपर्क करना चाहते हैं और उचित न्याय चाहते हैं ।”



    Tags

    BANDHU PRAKASH PALFAKE NARRATIVEFeaturedKolkataMURSHIDABAD TRIPLE MURDER CASE
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