Boom Live
  • फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़
  • राजनीति
  • वीडियो
  • Home-icon
    Home
  • Authors-icon
    Authors
  • Careers-icon
    Careers
  • फैक्ट चेक-icon
    फैक्ट चेक
  • एक्सप्लेनर्स-icon
    एक्सप्लेनर्स
  • फास्ट चेक-icon
    फास्ट चेक
  • अंतर्राष्ट्रीय-icon
    अंतर्राष्ट्रीय
  • बिहार चुनाव 2025-icon
    बिहार चुनाव 2025
  • वेब स्टोरीज़-icon
    वेब स्टोरीज़
  • राजनीति-icon
    राजनीति
  • वीडियो-icon
    वीडियो
  • Home
  • फैक्ट चेक
  • मदरसे की एडिटेड तस्वीर को किया गया...
फैक्ट चेक

मदरसे की एडिटेड तस्वीर को किया गया सांप्रदायिक रंग दे कर वायरल

वायरल पोस्ट में तस्वीर को एडिट करके ये दिखाने की कोशिश की गयी है की बच्चो को सिखाया जा रहा है की इस्लाम हिन्दू धर्म से बेहतर है | असल तस्वीर में शिक्षक बच्चों को संस्कृत पढ़ा रहे हैं

By - Saket Tiwari |
Published -  26 Jun 2019 6:39 PM IST
  • Madarsa

    एक फ़ोटो फ़ेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है की एक मदरसे में पढ़ाई के दौरान इस्लाम को हिन्दू धर्म से बेहतर बताया जा रहा है | यह फ़ोटो पिछले एक हफ़्ते में कई बार शेयर की जा चुकी है एवं इसे 2018 में भी काफ़ी वायरल किया गया था | दरअसल यह एक फ़र्ज़ी फ़ोटो है जिसे वास्तविक तस्वीर में छेड़-छाड़ करके बनाया गया था |

    इस तस्वीर में एक मदरसे का शिक्षक कुछ बच्चों को ब्लैकबोर्ड पर इस्लाम और हिन्दुइस्म (हिन्दू धर्म) के बीचे अंतर पढ़ाते हुए दिखाया गया है और साथ ही कैप्शन में लिखा है: 'पढाई ज़ोरो पर है, हद है यार' | बोर्ड पर दो कॉलम बने है और हिन्दुइस्म के साथ योग, जनेऊ, मंगलसूत्र लिखा है वही इस्लाम के सामने हलाला, ख़तना और बुर्का लिखा है और इस्लाम को नंबर देकर हिन्दुइस्म से महान बताया जा रहा है | आप इस पोस्ट को यहाँ एवं इसके आर्काइव्ड वर्शन को यहाँ देखें |

    यह तस्वीर ट्विटर पर भी वायरल हो रही है |



    आप इस पोस्ट का आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देखें |

    यह पोस्ट और फ़ोटो पिछले साल भी शेयर हुआ था जिसे तारेक फ़तेह ने भी शेयर किया था हालांकि इसके फ़र्ज़ी साबित हो जाने के बाद फ़तेह ने ट्वीट डिलीट कर दिया |

    फ़ैक्ट चेक

    बूम ने इस फ़ोटो को रिवर्स इमेज सर्च के सहारे ढूंढा तो एशियन न्यूज़ इंटरनेशनल द्वारा 9 अप्रैल 2018 की एक स्टोरी मिली | ए.एन.आई ने यह स्टोरी उत्तर प्रदेश के एक मदरसे पर की थी जहाँ संस्कृत पढ़ाया जा रहा था | यह स्टोरी 9 अप्रैल 2018 को की गयी थी जिसके बाद ए.एन.आई की फ़ोटो को एडिट करके वायरल किया गया था |



    ए.एन.आई के यूट्यूब चैनल का स्क्रीन शॉट जहाँ यह वीडियो अपलोड किया गया

    समान फ़ोटो आप ए.एन.आई के नीचे दिए गए वीडियो में देख सकते हैं |



    बूम ने इंडिया टुडे का एक पुराना लेख भी देखा जिसमें इस फ़ोटो के फ़र्ज़ी होने की पुष्टि की गयी थी | इंडिया टुडे ने लिखा की उन्होंने नज़रे आलम क़ादरी, जो दारूल उलूम हुसैनिआ मदरसे के प्राचार्य हैं, से बात की | क़ादरी ने कहा, जैसा की इंडिया टुडे ने लिखा, की हमारे मदरसे में 450 बच्चे पढ़ते हैं जिन्हे हम और विषयों के साथ विज्ञानं, हिंदी, संस्कृत, अरबी, और गणित पढ़ते हैं | यह मदरसा उत्तर प्रदेश में स्थित है |

    हमनें 'मदरसा' और 'संस्कृत' जैसे कीवर्ड्स को यूट्यूब और गूगल पर सर्च किया और हमें कुछ वीडिओज़ भी मिले जो 2018 में ए.एन.आई की स्टोरी के थे और इस वीडियो को कई चैनलों ने यूट्यूब पर डाला था | आप नीचे एक वीडियो में देख सकते हैं की अलग अलग कोण से इसी मदरसे में बच्चे संस्कृत पढ़ और लिख रहे हैं ना की इस्लाम और हिन्दुइस्म का फ़र्क़ |



    Tags

    communalFeaturedHinduismislammadarsaSanskritUttar PradeshYogi Adityanathमदरसायोगी आदित्यनाथसंस्कृतसांप्रदायिक रंग
    Read Full Article
    Claim :   मदरसे में इस्लाम को हिन्दू धर्म से बेहतर बताकर पढ़ाया जा रहा है
    Claimed By :  Facebook pages and Twitter handles
    Fact Check :  FALSE
    Next Story
    Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors.
    Please consider supporting us by disabling your ad blocker. Please reload after ad blocker is disabled.
    X
    Or, Subscribe to receive latest news via email
    Subscribed Successfully...
    Copy HTMLHTML is copied!
    There's no data to copy!