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तृप्ति देसाई ने अपनाया ईसाई धर्म - क्या सच है जनम टीवी का दावा?

जनम टीवी ने दावा किया कि इस खबर के पीछे पुणे स्थित राजीव कुट्टीअत्तूर उसके स्रोत थे। राजीव कुटट्अतूर बीजेपी सदस्य हैं। लेकिन जब बूम ने राजीव से संपर्क किया तो उन्होंने इस बात से इंकारकिया कि तृप्ति देसाई ने ईसाई धर्म अपनाया है।

By - Sneha |
Published -  20 Nov 2018 5:18 PM IST
  • Trupti Desai to Sabarimala मलयालम टीवी चैनल जनम टीवी, जो पिछले कुछ दिनों में सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश कर रही महिलाओं पर गलत जानकारी साझा करने के लिए चर्चा में रहा है, एक बार फिर गलत जानकारी देने के वजह से सुर्ख़ियों में है | इस बार जनम टीवी ने दावा किया है कि सामाजिक कार्यकर्ता तृप्ति देसाई ने गुप्त तरीके से ईसाई धर्म अपना लिया है | गौरतलब बात ये है की जनम टीवी के इस दावे का स्रोत कथित तौर पर भारतीय जनता पार्टी का एक कार्यकर्ता है | जबकि शुक्रवार को कोचीन हवाई अड्डे पर हुए नाटकीय घटनाक्रम के परिणामस्वरूप देसाई को मुंबई लौटना पड़ा, पर सोशल मीडिया देसाई के धार्मिक और राजनीतिक झुकाव से संबंद्धित भ्रामक और विभाजनकारी दावों से पटा पड़ा था | हालंकि तृप्ति देसाई बूम के फोन कॉल का कोई जवाब नहीं दे रही हैं, उनके पति प्रशांत देसाई ने इन दावों को सिरे से गलत बताया है। बूम ने बीजेपी कार्यकर्ता से भी संपर्क किया जिन्होंने इस बात से इंकार किया कि उन्होंने कभी भी इस तरह की कोई जानकारी जनम टीवी को दी है|
    'तृप्ती देसाई का ईसाई कंनेक्शन'?
    गौर करने लायक बात ये है की पिछले दो दिनों से सोशल मीडिया पर यह दावा प्रसारित किया गया था, मलयालम   समाचार चैनल जनम टीवी ने गुरुवार शाम से ब्रेकिंग न्यूज़ के रूप में इस समाचार को प्रसारित किया | एक वीडियो क्लिपिंग और जनम टीवी का ग्राफिक, जो कहता है कि देसाई एक ईसाई है, सोशल मीडिया पर काफी शेयर किया जा रहा है | इसके अलावा यह भी दावा किया गया है देसाई का मंदिर में प्रार्थना करने के संकल्प के पीछे ईसाई मिशनरीज़ का हाथ है | जनम टीवी का ग्राफ़िक ( नीचे देखें ) कहता है कि "ईसाई रूपांतरण लॉबी के साथ तृप्ति देसाई कनेक्शन" ; और अगले ग्राफिक में दावा किया कि टीवी चैनल को देसाई के ईसाई धर्म अपनाने की जानकारी उन्हें तीन साल पहले मिल गई थी।

    Big breaking : She got connection with Christian conversion lobby, latest report is she converted to Christian before 3 year's pic.twitter.com/fXIAITv9a4

    — Ramesh KK (@ramebits) November 16, 2018
    नीचे जनम टीवी द्वारा दिखाया गया वीडियो क्लिप है जो UdayaBharathamഉദയ ഭാരതം फ़ेसबुक पेज द्वारा भी पोस्ट किया गया है। UdayaBharathamഉദയ ഭാരതം फ़ेसबुक पेज द्वारा पोस्ट किए गए एक अन्य वीडियो में कैप्शन कुछ ऐसा दिया गया है, “तृप्ती देसाई, एक महिला जिसने ईसाई धर्म स्वीकार किया .. जनम टीवी ने किया खुलासा, ईसाई मिशनरी सबरीमाला को नहीं छोड़ रहे हैं ... जनम टीवी ने किया खुलासा जॉन - वाई अड्डे निलाक्कल के पास का क्रॉस, सबरीमाला, सब कुछ है जुड़ा हुआ है, क्या आप खेल को समझते हैं ?”
    जनम टीवी का स्रोत – पुणे से बीजेपी सदस्य बूम ने टीवी के त्रिवेंद्रम ब्यूरो के प्रमुख विनीश वी से बात की, जिन्होंने कहा कि उन्हें पुणे में राजीव अत्तूर, तृप्ति देसाई के 'पड़ोसी', से ये जानकारी मिली है। उन्होंने कहा कि अत्तूर पुणे में नवोदय चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं | हालांकि जनम टीवी के ग्राफिक में पुणे से 'राजीव कुट्टीअटूर को कॉल पर दिखाया गया था | बूम ने जब यह बात विनीश को बतायी तो उन्होंने कहा कि उन्हें सूचित किया गया था कि स्रोत राजीव अत्तूर है| बूम ने राजीव कुट्टीअटूर की
    फ़ेसबुक
    प्रोफाइल खोज निकाला जिसमे दिलचस्प बात यह है कि कुट्टीअटूर की प्रोफाइल के अनुसार वह पुणे में भाजपा के दक्षिण सेल के अध्यक्ष हैं | नीचे दी गई तस्वीरें उनके फेसबुक प्रोफाइल पर मिलीं, जिसमें नवोदय, पुणे, का उल्लेख देखा जा सकता है | कुट्टीअटूर का व्हाट्सएप स्टेट्स भी 'अध्यक्ष, बीजेपी दक्षिण सेल, पुणे' है और इसे इस साल 17 सितंबर को अपडेट किया गया था | Screenshot of WhatsApp status of Rajeev Kuttiattoor ( राजीव कुट्टीआत्तूर के व्हाट्सअप स्टेट्स का स्क्रीनशॉट ) बूम ने कुट्टीअटूर से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि जनम टीवी ने उनसे संपर्क किया था लेकिन देसाई के धर्म के बारे में कोई टिप्पणी करने से उन्होंने इंकार कर दिया था | कुट्टीअटूर ने कहा: "मुझे जनम टीवी से फोन आया और उन्होंने मुझसे पूछा कि क्या देसाई को हवाई अड्डे पर पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई है और मैंने उनसे कहा कि नहीं, उन्हें नहीं दी गई थी |" जब उनसे पूछा गया कि क्या वह देसाई को छोड़ने के लिए हवाई अड्डे पर मौजूद थे, उन्होंने कहा: "नहीं, मैं उपस्थित नहीं था लेकिन मेरे दोस्त थे और उन्होंने मुझे इसके बारे में सूचित किया |" वह आगे बताते हैं: "मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा |" जब पूछा गया कि क्या वह नवोदय नामक एक धर्मार्थ संगठन चलाते है तो कुट्टीअटूर ने इसकी पुष्टि की | लेकिन जब बूम ने उनसे पूछा कि क्या वह बीजेपी दक्षिण सेल के अध्यक्ष हैं, जैसा कि उनके सोशल मीडिया अकाउंट पर दावा किया गया है , तो कुट्टीअटूर ने आगे टिप्पणी करने से इनकार कर दिया | कुट्टीअटूर के इस प्रतिक्रिया के बारे में बूम जनम टीवी से संपर्क नहीं कर पाया है | बूम ने तृप्ती देसाई के पति प्रशांत देसाई से बात की जिन्होंने देसाई का ईसाई धर्म अपनाने के दावों से साफ़ इंकार कर दिया | उन्होंने कहा: "अगर आप जानना चाहते हैं तो मैं आपको बता दूँ की मेरी पत्नी हिंदू और मराठा है |" काफी खंडन के बावजूद, बूम ने पाया कि सोशल मीडिया पर जनम टीवी को मूल स्रोत के रूप में प्रस्तुत करते हुए मिम्स, वीडियो और पोस्ट के माध्यम से इस दावे को प्रसारित किया जा रहा है | एक सत्यापित ट्विटर हैंडल,
    @MeenaDasNarayan
    , जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई बीजेपी नेताओं द्वारा फॉलो किया जाता है, ने टीवी का हवाला देते हुए इसी संबंध में ट्वीट किया है।| उनके ट्वीट को 2,000 से भी ज्यादा बार ट्वीट किया गया है | उनका ट्विटर बायो कहता है कि वह, Gulf Connoisseur की एडिटर-इन-चीफ़ 'वीएचएस कर्नाटक के उपाध्यक्ष' हैं।

    Ok truth out #TriptiDesai converted to christianity three years back..in 2013..closely connected to conversion racket...she is a CHRISTIAN in hindu garb...beware keralites..come to destroy #Sabarimala #JanamTV report exposes this..

    — meena das narayan (@MeenaDasNarayan) November 16, 2018
    बाद में उन्होंने ट्वीट किया कि देसाई का वास्तविक नाम 'तृप्ति इसाबेल देसाई' है |

    So her real name is #triptiIsabelDesai right @sathya0709 ... @Swamy39 @narendramodi @myogiadityanath

    — meena das narayan (@MeenaDasNarayan) November 16, 2018
    यह ज्ञापन कहता है: "तृप्ती देसाई, एक महिला जिसने ईसाई धर्म स्वीकार किया .. जनम टीवी का खुलासा, ईसाई मिशनरी सबरीमाला नहीं छोड़ रहे हैं ... जनम टीवी का खुलासा |" एक अन्य वीडियो जो काफ़ी शेयर किया जा रहा डॉ एन गोपालकृष्णन
    (@Iihsteam) द्वारा एक फेसबुक पोस्ट है।के प्रोफाइल पर पोस्ट किया गया एक क्लिप | वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है कि सबरीमाला को दंगा मैदान बनाने के लिए तृप्ती देसाई ईसाई मिशनरियों का एक ज़रिया है। उनका कहना है कि जनम टीवी ने दिल्ली और पुणे से सबूत दिए हैं जो साबित करता है कि तृप्ति एक ईसाई मिशनरी हैं | गोपालकृष्णन के बायो से पता चलता है कि वह वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) में के एक पूर्व वैज्ञानिक हैं | उनका फ़ेसबुक प्रोफाइल इंडियन इन्स्टटूट ऑफ साइंटिफिक हेरिटेज
    नामक एक साइट से जुड़ा हुआ है| साइट का ट्विटर बायो कहता है कि आईआईएसएच एक धर्मार्थ ट्रस्ट के रूप में पंजीकृत है। dharmamessages.in नामक एक वेबसाइट ने आईआईएसएच का प्रोफाइल किया है, जिसमें कहा गया है की उसने "आधुनिक वैज्ञानिक और तकनीकी उपकरणों का उपयोग करते हुए भारत की अल्ट्रा प्राचीन विरासत को सीखने और पढ़ाने का लक्ष्य" शुरू किया है | फ़ेसबुक पोस्ट्स का एक और सेट दावा करता है कि तृप्ती देसाई का असली नाम "तृप्ति जोसेफ देसाई" है। ‘तृप्ती देसाई - बीजेपी की मित्र ?'
    हालांकि सिर्फ राइट-विंग के समर्थक नहीं थे जिन्होंने सबरीमाला पहुंचने की कोशिश करने के लिए तृप्ति देसाई पर शक किया था। सीपीआईएम का समर्थन करने वाले फेसबुक पेजों ने दावा किया कि केरल की उनकी यात्रा आरएसएस और बीजेपी की साजिश थी | सीपीआईएम कमांडो फ़ेसबुक पेज द्वारा इस पोस्ट ने एचएमटीवी के लोगो का उपयोग किया है (तेलुगू समाचार चैनल ) और दावा किया है कि तृप्ती देसाई ने कहा कि वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के निर्देशों पर सबरीमाला जा रही हैं | इस पोस्ट में दावा किया गया है कि त्तृप्ति राजस्थान चुनाव अभियान के दौरान शाह से मिली थी |
    एक अन्य फेसबुक पोस्ट कहता है: संघियों की प्रिय मित्र - तृप्ती देसाई | यह पहली बार नहीं है जब तृप्ति देसाई के सबरीमाला में रूचि के पीछे धार्मिक उद्देश्यों को कारण बताया गया है |सबरीमाला पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुस्लिम समेत कई समुदाय द्वारा देसाई को सम्मानित करने का एक वीडियो भ्रामक कैप्शन के साथ शेयर किया गया था | कैप्शन ने दावा किया था कि मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को केरल के सबरीमाला अयप्पा मंदिर में प्रवेश करने से रोकने के सदियों पुराने फ़ैसले को खारिज करने के लिए दायर की गयी याचिका के पीछे मुस्लिम लोग थे | पूरी कहानी यहां पढ़े | तृप्ति देसाई पुणे स्थित सामाजिक न्याय संगठन भुमाता ब्रिगेड की संस्थापक हैं, और पूजा के स्थानों पर लिंग समानता सुनिश्चित करने के मांग की अगुआई करती हैं |

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