क्या नकली नोटों की छपाई करने वाली ये फ़ैक्ट्री पाकिस्तान में है ?
खेल में इस्तेमाल होने वाले नोटों को पाकिस्तान में छप रहे भारतीय नोट बताकर वायरल किया गया करीब साल भर पुराना वीडियो
'अबकी बार राम मंदिर का हो निर्माण' नामक एक फ़ेसबुक पेज पर गुरु प्रसाद तिवारी नामक यूज़र ने एक वीडियो पोस्ट किया है | वीडियो के साथ दावा किया है की यह नकली भारतीय नोट पाकिस्तान की एक फ़ैक्टरी में बन रहे हैं | इसे करीब एक हज़ार बार शेयर किया जा चूका है | आपको बता दें की यह दावा फ़र्ज़ी है |
हालांकि नकली नोट की ख़बरें अक्सर रिपोर्ट की जाती रहीं हैं और कई दावे भी किये जा चुके हैं पर यह पोस्ट में दिखाई दे रहे नोट नकली नहीं बल्क़ि खेल में इस्तेमाल होने वाले कूपन हैं | 2016 में नरेंद्र मोदी की सरकार ने नोटबंदी की थी | इसके बाद कई दफ़ा खबरें आयीं जो फ़र्ज़ी नोट पकड़े जाने से लेकर बैंकों में जाली नोटों के मिलने तक थी | कई बार फ़र्ज़ी नोटों की प्रिंटिंग होने का दावा भी किया गया | इन नोटों को लेकर यह वीडियो भी कुछ ऐसा ही दावा करता है | वीडियो के साथ कैप्शन में गुरु प्रसाद लिखते हैं : "पाकिस्तान में लघु उद्योग। कृपया इस वीडियो को सभी को अग्रेषित करें अन्यथा उस व्यक्ति के लिए इस मिशन की सफलता नहीं होगी जिसने चुपके से इस वीडियो को लिया है |"
आप इस वायरल वीडियो को नीचे देख सकते हैं और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ उपलब्ध है |
फ़ैक्ट चेक
ठीक ऐसा ही वीडियो 2017 में भी वायरल हुआ था | तब इस वीडियो के साथ यह दावा किया गया था की यह बांग्लादेश में छप रहें भारतीय नोट हैं | हालांकि इस वीडियो का स्रोत तो नहीं पता चल सका पर बूम ने जब वीडियो में पैक किये जा रहे नोट देखे तो पता चला की इन नोटों में कहीं "भारतीय रिज़र्व बैंक" नहीं लिखा है | ध्यान से देखने पर पता चलता है की नोटों पर भारतीय खेलकूद बैंक लिखा है ना की भारतीय रिज़र्व बैंक |
अप्रैल में बरैली में एक यूनाइटेड बैंक ऑफ़ इंडिया के ऐ.टी.एम से ₹500 के नोट पर भी भारतीय मनोरंजन बैंक छापा मिला | आप यह न्यूज़ यहाँ पढ़ सकते हैं |
'बांग्लादेश में छपते भारत के नकली नोट' के दावे के साथ वायरल हुआ वही वीडियो आप नीचे देख सकते हैं और इसका आर्काइव्ड वर्शन यहाँ देख सकते हैं |
इन नोटों पर हिंदी में भारतीय खेलकूद बैंक लिखा है |
इन सारी बातों से साबित होता है की यह नोट्स बाजार में लेन-देन में इस्तमाल किये जाने वाले नोट नहीं बल्क़ि केवल बच्चों के खेल के लिए बनाए गए नोट है | यह बैंक के एक ऐ.टी.एम में कैसे पहुंचे इसके लिए जब दिल्ली पुलिस ने जांच शुरू की तब एक मोहम्मद ईशा नामक ब्रिंक्स इंडिया कैश मैनेजमेंट कंपनी के संरक्षक को गिरफ़्तार किया था | यह कंपनी उस वक़्त भारतीय स्टेट बैंक में करेंसी मैनेज करती थी | फ़र्ज़ी नोट भारत के कई शहरों में पाए जाने की ख़बरें आती रहीं हैं | ऐसी ही कुछ ख़बरों के बारे में और जाली नोटों के बारे पढ़ने के लिए यहाँ, यहाँ और यहाँ पढ़ें |