न्यू यॉर्क के रेस्त्रां में मानव मांस का परोसा जाना एक फ़र्ज़ी ख़बर है
बूम ने पाया की यह लेख सबसे पहले एक व्यंग एवं मनोरंजक वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ था जिसके बाद से इसे सच माना जा रहा है
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक फ़र्ज़ी पोस्ट वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है की न्यू यॉर्क शहर में एक रेस्त्रां को मानव मांस खाने में परोसने का लाइसेंस प्राप्त हुआ है | इसके अलावा फ़र्ज़ी कहानी भी गढ़ी जा रही है की मनुष्य के मांस खाने के लिए न्यू यॉर्क में कानूनी हाँ मिल गयी है |
यह एक लेख का स्क्रीनशॉट है जिसके साथ उसी लेख का लिंक भी दिया गया है | लेख एम्पायर न्यूज़ नामक वेबसाइट पर खुलता है | सोशल मीडिया पर इन पोस्ट्स का भरमार लग गया है जिसमें कई यूज़र्स इस कदम को कोस रहे हैं |
पोस्ट के शुरुआत में लिखा है: "न्यू यॉर्क शहर के एक रेस्त्रां को मानव मांस को मीट के रूप में बेचने का लाइसेंस सरकार द्वारा मिल गया है"
- अब लोग पेपर पर साइन कर यह बता पाएंगे की मरने के बाद उन्हें दफन होना है या किसी का खाना बनना है
- *रेस्त्रां शरीर दान के लिए अच्छी खासी रकम भी देगा
यह सन्देश बूम के हेल्पलाइन नंबर (7700906111) पर भी प्राप्त हुआ जहाँ इसके पीछे की सच्चाई पूछी गयी है |
यह फ़र्ज़ी दावे फ़ेसबुक और ट्विटर पर भी जोरों से वायरल हो रहे हैं |
इस लेख में कई काल्पनिक बयान भी जोड़े गए हैं ताकि यह लेख सच और विश्वसनीय लग सके |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वायरल लिंक को खोलकर वेबसाइट के 'अबाउट अस' एवं 'डिस्क्लेमर' भाग को खोजा | इस भाग में साफ़ तौर पर लिखा गया है की वेबसाइट पर प्रकाशित सामग्री मनोरंजन के लिए बनाई गयी है जो केवल काल्पनिक और मनगढंत है |
डिस्क्लेमर का हिंदी अनुवाद है: "एम्पायर न्यूज़ का मकसद केवल मनोरंजन है | हमारी वेबसाइट और सोशल मीडिया सामग्री केवल काल्पनिक नामों का इस्तेमाल करती है, यदि किसी जाने माने व्यक्ति या सेलिब्रिटी का नाम व्यंगात्मक पोस्ट्स में इस्तेमाल हो होता है तो वह अपवाद है | कोई असली नाम का इस्तेमाल आकस्मिक और संयोगवश है |"
एम्पायर न्यूज़ ने इस लेख को 15 मार्च, 2016 को प्रकाशित किया था | इस लेख के प्रकाशित होने के बाद से कई सोशल मीडिया यूज़र्स, ब्लॉगर्स एवं वेबसइटों ने इस सूचना को प्रकाशित किया | कुछ वेबसइटों को - एलीट न्यूज़, ओटेक्एफएम ऑनलाइन एवं सिग्नेचर टीवी - यहाँ देखा जा सकता है जो समान लेख को एम्पायर न्यूज़ से लेकर प्रकाशित कर चुकी हैं |
यह बात गौर करने वाली है की एलीट न्यूज़ ने कोई डिस्क्लेमर नहीं दिया है की यह प्रकाशित सामग्री व्यंग के लिए है | यह सबसे पहले अंतराष्ट्रीय फ़ैक्ट-चेकिंग संगठन स्नोप्स द्वारा ख़ारिज किया गया था |