इंदौर में कार एक्सीडेंट की घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है
बूम को घटना के जांच अधिकारी ने बताया कि इसमें कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है और आरोपी हिंदू समुदाय से ही है.
मध्यप्रदेश के इंदौर में रंगोली बना रही दो लड़कियों के ऊपर कार चढ़ा देने की घटना सामने आई है. सोशल मीडिया पर इस घटना को सांप्रदायिक रंग देते हुए इसके सीसीटीवी फुटेज को शेयर किया जा रहा है और दावा किया जा रहा है कि जानबूझकर हिंदू समाज की बहन-बेटियों पर कार चढ़ा दी गई.
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. घटना का आरोपी नाबालिग है और हिंदू समाज से आता है.
फेसबुक पर इस फुटेज को शेयर करते हुए एक यूजर ने लिखा, 'प्लानिंग के तहत हिंदुओं और हिंदुओं की बहन बेटियों को मारा जा रहा है जबकि हिंदू समझ रहा है कि ये हादसा है.'
उसने आगे लिखा, 'ये कहां का वीडियो है जानकारी नहीं, लेकिन लीपा-पोती करती हुई महिलाओं पर गाड़ी चढ़ाने का मकसद एक ही है इनकी पूरी तैयारी हो चुकी है. इन्हें भी पता है कि हिंदू शांतिप्रिय तरीके से मोमबत्ती जलाने के अलावा कुछ नहीं कर सकता...'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
एक्स पर एक अन्य यूजर ने वीडियो के साथ इसी तरह का भ्रामक दावा किया और लिखा, 'प्लानिंग के तहत हिंदुओं और हिंदुओं की बहन बेटियों को मारा जा रहा है जबकि हिंदू समझ रहा है कि ये हादसा है. मध्य प्रदेश में घर के बाहर रंगोली बना रही दोनों बालिकाओं के ऊपर जानबूझकर कार चढ़ा दी गई.'
पोस्ट का आर्काइव लिंक.
इसके अलावा यह वीडियो बूम की टिपलाइन नंबर पर भी इसी तरह के सांप्रदायिक दावे से प्राप्त हुआ.
फैक्ट चेक: घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है
मध्यप्रदेश में हुई इस घटना से संबंधित कीवर्ड्स सर्च करने पर हमें कई मीडिया रिपोर्ट्स मिलीं, जिनमें वायरल वीडियो का भी जिक्र किया गया था. लेकिन किसी भी रिपोर्ट में किसी सांप्रदायिक एंगल का जिक्र नहीं था.
दैनिक जागरण की 29 अक्टूबर की रिपोर्ट के मुताबिक, इंदौर के राजनगर में 14 वर्षीय नव्या और 20 वर्षीय प्रियांशी अपने घर के बाहर रंगोली बना रही थीं, इसी बीच तेज रफ्तार से आती हुई एक कार ने उन्हें रौंद दिया और वे दोनों कार के नीचे फंस गईं. आवाज सुनकर परिजन बाहर आए और उन्होंने दोनों को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए.
रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि आरोपी कार चालक नाबालिग था, जो मौके पर फरार हो गया. हालांकि पुलिस ने देर रात उसे कस्टडी में लिया.
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार घटना 28 अक्टूबर की इंदौर स्थित एरोड्रम थाना क्षेत्र की है. इसमें डीसीपी विनोद कुमार मीणा के हवाले से बताया गया कि 17 वर्षीय आरोपी अपने परिचित की कार चला रहा था. उसे बेटमा इलाके से हिरासत में ले लिया गया और कार भी जब्त कर ली गई है.
इस संबंध में एएनआई हिंदी के एक्स हैंडल पर डीसीपी जोन-ए विनोद कुमार मीणा का एक बयान भी देखा जा सकता है. इसमें उन्होंने बताया कि एक्सीडेंट के बाद बच्चियों को मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. 19 वर्षीय युवती की हालत स्थिर है वहीं 13 वर्षीय लड़की की हालत गंभीर बनी हुई है.
डीसीपी विनोद कुमार मीणा के बयान के अनुसार, पड़ताल में यह भी सामने आया कि उसको भागने में अन्य लोगों का भी हाथ रहा है. इस प्रकरण में उन्हें भी आरोपी बनाया जाएगा. उन्होंने इसमें आरोपी के नाम का भी जिक्र किया है. हालांकि नाबालिग होने के चलते हम उसके नाम का खुलासा नहीं कर रहे हैं.
पुष्टि के लिए बूम ने घटना की जांच कर रहे इन्वेस्टिंग ऑफिसर श्याम लाल तंवर से भी संपर्क किया. उन्होंने बूम को बताया, "घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. आरोपी नाबालिग है और हिंदू समुदाय से आता है."
उन्होंने आगे बताया, "उसे ढंग से गाड़ी चलानी नहीं आती थी और न ही उसके पास कोई लाइसेंस था. उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया है. इसके अलावा उसे छुपाने वाले रिश्तेदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल एक बच्ची को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है. दूसरी बच्ची की हालत अभी भी गंभीर है."