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फैक्ट चेक

आईआईटी पोस्ट-ग्रैजुएट फ़र्ज़ी लैपटॉप वितरण योजना बनाने के चलते गिरफ़्तार

व्हाट्सएप पर वायरल मेसेज के जरिए ऑफर फैलाया जा रहा था । झांसे में आए कई लोगों ने फ़र्ज़ी वेबसाइट पर अपनी जानकारी की शेयर

By - Archis Chowdhury |
Published -  4 Jun 2019 6:28 PM
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कानपुर के एक पूर्व छात्र को दिल्ली पुलिस ने 2 जून, 2019 को गिरफ़्तार किया है । आरोपी नरेंद्र मोदी के फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने पर लोगों को फ्री लैपटॉप देने का झूठा ऑफर का झूठा झांसा दे रहा था ।

    भाजपा की जीत और मोदी के फिर से प्रधानमंत्री चुने जाने के कुछ ही समय बाद बूम को अपने व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर पर एक संदेश मिला जिसमें दावा किया जा रहा था कि मेक इन इंडिया पहल के तहत सरकार 2 करोड़ युवाओं को लैपटॉप देगी ।

    यह भी दावा किया गया कि 30 लाख युवा पहले ही इस ऑफर का लाभ उठा चुके हैं ।
    मेसेज में एक वेबसाइट का लिंक भी दिया गया है, जहां अप्रशिक्षित यूज़र को उनकी संपर्क जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया था । लिंक एक समान्य से दिखने वाली वेबसाइट तक ले जाता है, जिसमें मोदी की तस्वीर दी गई है और “प्रधानमंत्री मुफ्त लैपटॉप वितरण योजना 2019” लिखा हुआ है ।
    यह मेसेज व्हाट्सएप पर वायरल हो रहा है और फ़ेसबुक और ट्वीटर पर भी व्यापक रुप से शेयर किया जा रहा है ।

    स्कैम पर एक और जानकारी

    दिल्ली पुलिस के एक आईपीएस अधिकारी मधुर वर्मा ने 2 जून, 2019 को एक ट्वीट किया, जिसमें दावा किया गया कि फ़र्ज़ी वायरल संदेश के पीछे व्यक्ति को पहले ही गिरफ़्तार कर लिया गया है ।



    आईआईटी कानपुर के 2019 बैच के 23 वर्षीय पोस्टग्रैजुट, राकेश जांगिड को राजस्थान के नागौर जिले में उसके गृहनगर, पुंडलोटा में गिरफ़्तार किया गया था ।
    पूछताछ के बाद, उन्होंने खुलासा किया कि वेबसाइट गूगल एडेंस का उपयोग करके वेब विज्ञापन राजस्व अर्जित करने के लिए बनाई गई थी ।
    दिल्ली पुलिस ने पीटीआई को यह भी बताया कि जांगिड़ का इरादा इस घोटाले के जरिए झांसे में आए यूज़र के व्यक्तिगत डेटा को कैप्चर करना था ।

    पीटीआई को उनके बयान के अनुसार, आगे अन्य तरह की धोखाधड़ी और जबरन वसूली के लिए उसका उदेश्य एकत्र किए गए डेटा को साइबर अपराधियों को बेचना था । मामले की जांच अभी भी जारी है, क्योंकि पुलिस को इस घोटाले में अन्य लोगों के शामिल होने का संदेह है ।
    यह पहली बार नहीं है जब व्हाट्सएप के माध्यम से इस तरह के घोटाले वायरल हुए हैं ।
    जुलाई 2018 में, एक व्हाट्सएप संदेश यह दावा करते हुए वायरल हुआ कि भारत सरकार मुफ्त साइकिल वितरित कर रही है । हालाँकि, व्हाट्सएप के एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड संदेशों की 'अप्राप्य' प्रकृति के कारण, ऐसे मामलों में गिरफ़्तारी शायद ही कभी होती है ।

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    FeaturedFreeLaptopModiNarendra ModiPMwhatsappनरेंद्र मोदीफ़र्ज़ीफ्रीमोदीवेबसाइट
    Read Full Article
    Claim :   नरेंद्र मोदी फ्री लैपटॉप वितरण योजना के अंतर्गत फ्री लैपटॉप
    Claimed By :  WhatsApp and Facebook pages
    Fact Check :  FALSE
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