ख़राब तरीके से एडिटेड तस्वीर को लेकर बन रहा है मध्य प्रदेश के मुख्य मंत्री कमलनाथ का मज़ाक
एक कृषि ऋण माफ़ी विज्ञापन में मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के साथ एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर वायरल हो रही है। तस्वीर की ख़राब एडिटिंग के कारण बैकग्राउंड में उनके अलावा एक और हाथ दिखाई दे रहा है
हिंदी दैनिक नव दुनिया के 23 जून के संस्करण में फ्रंट पेज विज्ञापन पर मध्य प्रदेश के सीएम की तस्वीर छपी है। यह तस्वीर इतनी ख़राब तरीके से एडिट की गई है कि सोशल मीडिया पर उनका मज़ाक बनाया जा रहा है।
तस्वीर में मध्य प्रदेश के सीएम को आशीर्वाद देते हुए एक बुजुर्ग महिला को दिखाया गया है जो किसान को सौंपे गए कर्ज़ माफ़ी प्रमाणपत्र के लिए ख़ुशी ज़ाहिर करती हैं। हालांकि, उस तस्वीर में इन दोनों के अलावा एक और हाथ की मौजूदगी है जिसने सोशल मीडिया की रुचि को बढ़ा दिया है।
आप यहां वायरल पोस्ट देख सकते हैं और इसके अर्काइव्ड पोस्ट तक यहां पहुंचा जा सकता है। तस्वीर को फ़ेसबुक और ट्विटर पर व्यापक रूप से शेयर किया गया है।
अर्काइव ट्वीट तक यहां पहुंचा जा सकता है।
फ़ैक्ट चेक
राज्य के कुछ हिंदी दैनिकों में, एमपी सरकार की जय किसान ऋण माफ़ी योजना के लिए एक फ्रंट पेज विज्ञापन के रूप में फोटोशॉप्ड तस्वीर डाली गई है।
इसमें एक बूढ़ी महिला को एक हाथ से नाथ को आशीर्वाद देते हुए दिखाया गया है जबकि उसका दूसरा हाथ उसके शरीर के करीब है। इस बीच, नाथ को अपने दोनों हाथों में किसान कर्ज़ माफ़ी के प्रमाण पत्र पकड़े हुए देखा जा सकता है। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश की सीएम या महिला से असंबंधित तीसरे हाथ को प्रमाणपत्र पकड़े देखा जा सकता है।
बूम ने नव दुनिया के ऑनलाइन संस्करण की तलाश की लेकिन वह हमें नहीं मिला। यही विज्ञापन एक अन्य हिंदी दैनिक नईदुनिया के पहले पन्ने पर था। हालांकि, यहां दिए गए विज्ञापन में कोई तीसरा हाथ नहीं था।
जब हम नईदुनिया के एक कर्मचारी से संपर्क किया, तो हमें सूचित किया गया कि विज्ञापन के प्रिंट संस्करण में वास्तव में ग़लती थी। बूम ने मूल तस्वीर को ट्रैक किया जो इस वर्ष 28 फरवरी की है।
मुख्यमंत्री इस वर्ष 28 फरवरी को, लाभार्थी किसानों को ऋण माफ़ी प्रमाण पत्र सौंपने के लिए, मध्यप्रदेश के बैतूल में थे। वायरल फ़ोटो को नाथ और महिला के साथ और पीछे खड़े कई अन्य गणमान्य लोगों और स्थानीय नेताओं के साथ उक्त घटना पर क्लिक किया गया था।
तीसरे हाथ के संबंध में वायरल ट्वीट्स में से एक पर एक उत्तर में उल्लेख किया गया कि हाथ विधायक कमलेश्वर पटेल के थे, जो एक काली शर्ट में महिला के पीछे खड़े थे। बूम ने तब घटना से एक तस्वीर के साथ पटेल की तस्वीर की तुलना की और पाया कि प्रमाणपत्र पकड़ा तीसरा हाथ पटेल का ही है।
बूम ने इसके बाद नव दुनिया के ऑनलाइन संस्करण की तलाश की लेकिन उस नाम से अखबार नहीं खोज सके।
कांग्रेस पार्टी द्वारा इसी तरह के गड़बड़ी पहली भी हुई है | नीचे पढ़ें।
ख़राब फ़ोटो-एडिटिंग की वजह से कांग्रेस पार्टी बनी सोशल मीडिया पर मज़ाक का केंद्र