विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन के वीडियो के साथ किया जा रहा है गलत सांप्रदायिक दावा
बूम ने पाया कि मूल वीडियो कर्नाटक के गुलबर्ग जिले में स्थित हलकट्टा शरीफ में बादशाह कादिरी के 46वें 'उर्स' के लिए चलाई गई एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन का है.
Claim
सोशल मीडिया पर इस्लामिक साज-सज्जा वाली एक ट्रेन का पुराना वीडियो भ्रामक सांप्रदायिक दावे के साथ वायरल है. एक्स पर इस 30 सेकंड के वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने लिखा, "हैदराबाद से पश्चिम बंगाल जाने वाली ट्रेन को जिहादीयों ने मुस्लिम एक्सप्रेस बना दिया, गार्ड कह रहा है ऐसे गाड़ी नहीं जाएगी, किन्तु जिहादी अड़े हैं कि गाड़ी ऐसे ही भेजो. यह कौन-सी मानसिकता है?"
FactCheck
बूम ने पाया कि वायरल दावा भ्रामक है. मूल वीडियो कर्नाटक के गुलबर्ग जिले में स्थित हलकट्टा शरीफ में बादशाह कादिरी के 46वें 'उर्स' के लिए चलाई गई एक विशेष तीर्थयात्रा ट्रेन का है. असल में यह वीडियो अगस्त 2023 में भी इसी सांप्रदायिक दावे से वायरल था और बूम ने तब भी उसका फैक्ट चेक किया था. इस पड़ताल के दौरान बूम को यूट्यूब पर 2 अगस्त 2023 का इससे मिलता-जुलता सेम गाड़ी नंबर का एक वीडियो मिला था. वीडियो के डिस्क्रिप्शन में बताया गया था कि यह 'संत हजरत ख्वाजा सैयद मोहम्मद बदेशा कादरी चिश्ती यमनी' के 46वें उर्स-ए-शरीफ के जश्न का वीडियो है. उस समय यूट्यूब पर हमें ऐसे और भी वीडियो मिले थे, जिसमें इसे कर्नाटक के गुलबर्ग में बादशाह कादिरी के 46वें 'उर्स' का बताया गया था. इन वीडियोज में भी वायरल वीडियो की गाड़ी नंबर वाली सेम ट्रेन देखी जा सकती है. इसके अतिरिक्त, दक्षिण मध्य रेलवे ने 27 जुलाई 2023 को उर्स समारोह के लिए हैदराबाद-वाडी के बीच इस विशेष गाड़ी पर एक प्रेस विज्ञप्ति भी जारी की थी. पुष्टि के लिए बूम ने उस समय दक्षिण मध्य रेलवे से भी संपर्क किया था. उनके जन संपर्क अधिकारी राकेश ने बूम को बताया था कि "वायरल दावा गलत है. सूफी संत के ‘उर्स’ पर दक्षिण मध्य रेलवे हर वर्ष स्पेशल ट्रेन चलाता है." विस्तृत जानकारी के लिए पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें.