आगरा में पुलिस रेड का पुराना वीडियो MP का बताकर सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम को आगरा के तात्कालिक एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने बताया कि घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है.
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सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि मध्यप्रदेश के हुक्का बार में पुलिस ने रेड मारी तो 15 लड़के और 15 लड़कियां पकड़ी गयीं. सभी लड़के मुस्लिम थे और सभी लड़कियां हिन्दू थी.
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बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा 'लव जिहाद' का दावा ग़लत है. यह वीडियो मध्यप्रदेश का नहीं बल्कि अगस्त 2022 में उत्तर प्रदेश के आगरा में हुई पुलिस रेड का है. बूम इससे पहले भी अगस्त 2022 में इस वीडियो को फ़ैक्ट चेक कर चुका है. उस वक्त भी यह इसी तरह के सांप्रदायिक दावे से वायरल है. तात्कालिक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, उत्तर प्रदेश के आगरा में एक कैफे में तीन पुलिसकर्मियों ने छापा मारा जिसमें उन्होंने कई युवक-युवतियों को अर्धनग्न अवस्था में पाया. यह कार्यवाही हरिपर्वत पुलिस थाने के कर्मियों द्वारा अंजाम दी गयी थी. इस घटना का वीडियो बाद में वायरल हो गया. स्थानीय एसएसपी को इसकी सूचना मिलते ही उन्होंने घटना के जांच के आदेश दिए और तीनों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था. इसके बाद बूम ने आगरा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रभाकर चौधरी से सम्पर्क किया. उन्होंने बूम को बताया कि "वायरल दावा ग़लत है. घटना में कोई भी सांप्रदायिक एंगल नहीं है. हमने वीडियो में नज़र आ रहे युवक-युवतियों की पहचान गुप्त रखी है. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें