भारतीय सेना में 1965 से पहले 'मुस्लिम रेजिमेंट' होने का झूठा दावा वायरल
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल पोस्ट का दावा झूठा है. भारतीय सेना के इतिहास में कभी भी मुस्लिम रेजिमेंट नाम की टुकड़ी नहीं थी.
Claim
सोशल मीडिया पर एक पोस्ट काफ़ी वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि 1965 तक भारतीय सेना में मुस्लिम रेजिमेंट हुआ करती थी. पोस्ट में आगे दावा है कि 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान 30,000 भारतीय सैनिकों की मुस्लिम रेजीमेंट ने पाकिस्तान से लड़ने से इनकार कर दिया था. मुस्लिम रेजीमेंट पाकिस्तान का समर्थन कर रही थी, जिससे बाद लाल बहादुर शास्त्री ने मुस्लिम रेजिमेंट को खत्म कर दिया था.
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बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल पोस्ट का दावा झूठा है. दरअसल, भारतीय सेना के इतिहास में कभी भी मुस्लिम रेजिमेंट नाम की टुकड़ी नहीं थी. The Wire की एक रिपोर्ट के अनुसार भारतीय सेना में क्षेत्र विशेष और अलग अलग अस्मिताओं की पहचान के आधार पर कई रेजिमेंट्स हैं मसलन: जाट रेजिमेंट, मराठा रेजिमेंट, गोरखा राइफ़ल्स, राजपूताना राइफल्स आदि. लेकिन तमाम खोजबीन करने के बाद भी कहीं भी इतिहास में मुस्लिम रेजिमेंट का ज़िक्र नहीं मिला. मुस्लिम सैनिकों की कभी भी भारतीय फ़ौज में अलग रेजिमेंट नहीं रही. सोशल मीडिया पर ये दावा काफ़ी समय से वायरल है. अक्टूबर 2020 में देश के लगभग 120 पूर्व सेना अधिकारियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर सोशल मीडिया पर मुस्लिम रेजिमेंट के नाम से किये जा रहे साम्प्रदायिक और ग़लत दावों को रोके जाने की मांग की थी. बूम इससे पहले भी सितंबर 2021 में इस वायरल दावे का खण्डन कर चुका है. पूरी स्टोरी नीचे पढ़ें