नहीं, यह तस्वीर हरियाणा जाट आरक्षण आंदोलन में मारे गए सुनील की नहीं है
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर 2012 की फ़िलिस्तीन-आधारित फ़िल्म "ममलकत अल-नमल" या "द किंगडम ऑफ़ एंट्स" के एक दृश्य की है.
![](https://hindi.boomlive.in/h-upload/2023/02/23/999421-sonil-03.webp)
Claim
“मौत को क़रीब देखकर भी विचलित ना हो वही असली बलवान होता है. ये फ़िल्मी हीरो नहीं रियल #हीरो है मेरा कोटि-कोटि #नमन मेरी ता उम्र मेरे दिलो-दिमाग में रहेगी. अगर दुनिया में सच में #परमात्मा है तो इसको मारने वाले को कभी माफ़ नहीं करेगा. एक बार पुनः कोटि-कोटि नमन भाई. #हरियाणा_जाट_आरक्षण_आन्दोलन_में_शहीद_हुए_भाई_सुनील_को_नमन”
Fact
बूम ने पाया कि वायरल तस्वीर 2012 की फ़िलिस्तीन-आधारित फ़िल्म "ममलकत अल-नमल" या "द किंगडम ऑफ़ एंट्स" के एक दृश्य की है. इस तस्वीर में घुटनों के बल बैठे और खून से लथपथ लड़के के उसी दृश्य को फ़िल्म के ट्रेलर में 3 मिनट 39 सेकेंड पर देखा जा सकता है. इस फ़िल्म को ट्यूनीशियाई निर्देशक चॉकी ने निर्देशित किया था और यह 2 दिसंबर, 2012 को रिलीज़ हुई थी. हमारी जांच में सामने आया कि इस तस्वीर का हरियाणा के जाट आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह तस्वीर सुनील श्योराण की है. बूम पहले भी इसी दावे के साथ शेयर की गई इस तस्वीर का फ़ैक्ट चेक कर चुका है. जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि 13 सितंबर 2010 को सुनील श्योराण नाम का किशोर जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान मय्यड़ गांव में पुलिस फायरिंग का शिकार हो गया था. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें