अंजना ओम कश्यप और दीपक चोपड़ा का आर्थराइटिस की दवा का प्रचार करने वाला वीडियो फर्जी है
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि कई अलग-अलग क्लिप्स को जोड़कर AI वॉइस क्लोन के इस्तेमाल के जरिए वायरल वीडियो को एडिट किया गया है.
Claim
सोशल मीडिया पर न्यूज चैनल आजतक के लोगो के साथ एक वीडियो वायरल है. वायरल वीडियो में न्यूज एंकर अंजना ओम कश्यप, डॉ. दीपक चोपड़ा और सद्गुरु जग्गी वासुदेव आर्थराइटिस की दवा का प्रचार करते नजर आ रहे हैं. फेसबुक पर लगभग तीन मिनट के इस वीडियो को शेयर करते हुए एक यूजर (आर्काइव लिंक) ने लिखा, 'बड़ी छूट! 100% प्राकृतिक उत्पाद! जोड़ों के दर्द को न करें नजरअंदाज! अब उनका ख्याल रखें! 2 महीने में आप भूल जाएंगे कि आपके जोड़ों और रीढ़ की हड्डी में पहले भी दर्द होता था. प्रभाव की पुष्टि स्वतंत्र चिकित्सा परीक्षणों द्वारा की जाती है!'
FactCheck
बूम ने पाया कि अलग-अलग क्लिप्स को काट-छांटकर AI वॉइस क्लोन के इस्तेमाल के जरिए वायरल वीडियो को एडिट किया गया है. बूम इससे पहले डायबिटीज की दवाओं का प्रचार करते न्यूज एंकर्स और सेलिब्रिटीज के AI जनित आवाज वाले फर्जी वीडियो का फैक्ट चेक कर चुका है. रिपोर्ट यहां और यहां पढ़ी जा सकती है. हमने पाया कि वीडियो की आवाज दीपक चोपड़ा, सद्गुरु या अंजना ओम कश्यप के होठों के मूवमेंट से मैच नहीं कर रही है. इससे हमें अंदेशा हुआ कि डायबिटीज की दवा वाले प्रचार वीडियो की तरह इसे भी एडिट किया गया है. हमें अपने फैक्ट चेक के दौरान वीडियो में इस्तेमाल किया गया सद्गुरु और डॉ दीपक चोपड़ा का इंटरव्यू भी मिला. हमने पाया कि मूल वीडियो में वे आधुनिक समय में भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा पर बात कर रहे हैं. इसके अलावा हमने वीडियो में आ रही दीपक चोपड़ा, सद्गुरु और अंजना ओम कश्यप की आवाजों को डीपफेक डिटेक्शन टूल ElevenLabs और loccus.ai पर भी टेस्ट किया. इन टूल्स ने वीडियो की आवाज को AI जनित बताया. इससे स्पष्ट है कि वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें-