क्या 14 फ़रवरी को ही भगत सिंह और उनके साथियों को सुनाई गई थी फांसी की सज़ा?
ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 7 अक्टूबर 1930 को फांसी की सजा सुनाई गई थी.
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"आज वेलेंटाइन डे नहीं है आज हम सभी भारतीयों के लिए कला दिवस है,आज ही के दिन अंग्रेजो ने हमारे वीर भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव जी को फांसी की सज़ा सुनाई थी,हमे अपने देश के युवाओं से अपील है कि 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे मनाना बंद करे और अपने देश के महापुरषों को याद करे जिनके वजह से आज हम आजादी से जी रहे हैं।"
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बूम पहले भी कई बार वायरल दावे को ख़ारिज कर चुका है. हमारी पड़ताल के दौरान मिले साक्ष्यों के अनुसार भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को 7 अक्टूबर 1930 को फांसी की सजा सुनाई गई थी और 23 मार्च 1931 को तीनों क्रांतिकारियों को फांसी पर लटकाया गया था. जांच में हमें भगत सिंह के ऊपर लिखी गई एक किताब में भी इसका उल्लेख मिला था. किताब में लिखा हुआ था कि लाहौर षड्यंत्र केस के लिए बने विशेष ट्रिब्यूनल ने 7 अक्टूबर 1930 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाई थी.