बंगाल में CAA के विरोध में हुए प्रदर्शन का वीडियो गलत सांप्रदायिक दावे से वायरल
बूम ने पाया कि वीडियो दिसंबर 2019 का है जब पश्चिम बंगाल में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में भीड़ ने महिषासुर रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ कर दी थी.
Claim
पश्चिम बंगाल में भीड़ द्वारा एक रेलवे स्टेशन में तोड़फोड़ किए जाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल (आर्काइव पोस्ट) है. यूजर्स वीडियो शेयर करते हुए सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में मुसलमानों ने महिषासुर रेलवे स्टेशन में इसलिए तोड़फोड़ कर दी क्योंकि ट्रेन के हॉर्न की आवाज से उनकी नमाज में खलल पड़ता था.
FactCheck
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो दिसंबर 2019 में पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद जिले के सागरदिघी में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के विरोध में हुए प्रदर्शन का है. वायरल वीडियो में एक साइनबोर्ड दिख रहा है जिस पर बांग्ला भाषा में 'Naopara Mahishashur' लिखा है. हमने इसी बांग्ला कीवर्ड को गूगल पर सर्च किया तो इस घटना की कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं. हमें 14 दिसंबर 2019 को अपलोड किया गया एक वीडियो भी मिला, जिसमें इस घटना को दिखाया गया है. यह वीडियो अप्रैल 2022 में भी इसी दावे से वायरल हुआ था तब बूम ने इसका फैक्ट चेक किया था.
बूम ने तब सागरदिघी पुलिस स्टेशन के सब-इंस्पेक्टर प्रियतोष सिन्हा से संपर्क किया था. उन्होंने वायरल दावे को गलत बताते हुए पुष्टि कि थी कि यह घटना 2019 में सीएए के विरोध में हुए प्रर्दशन का है. पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें-