दरगाह गिराने का वीडियो केरल में मंदिर तोड़ने के गलत दावे से वायरल
बूम ने अपने फैक्ट चेक में पाया कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2022 का आंध्र प्रदेश जिले के गुंटूर में बनी एक दरगाह को तोड़े जाने का है.
Claim
सोशल मीडिया पर एक भवन के गेट को तोड़े जाने का एक वीडियो वायरल (आर्काइव पोस्ट) है. यूजर्स वीडियो को लेकर सांप्रदायिक दावा कर रहे हैं कि केरल में हिंदुओं के मंदिर तोड़े जा रहे हैं और लोग कुछ भी नहीं कर पा रहे हैं.
FactCheck
बूम ने अपनी जांच में पाया कि वायरल वीडियो अक्टूबर 2022 का आंध्र प्रदेश जिले के गुंटूर में बनी एक दरगाह को तोड़ने का है. मुस्लिम समुदाय के दो पक्षों के बीच आपसी विवाद के कारण इस दरगाह को तोड़ा जा रहा था. यह वीडियो अक्टूबर 2022 में भी वायरल हुआ था. तब बूम ने इसका फैक्ट चेक किया था. बूम ने तब गुंटूर पुलिस से भी संपर्क किया था, जिन्होंने घटना में किसी भी तरह के सांप्रदायिक एंगल होने के दावे से इंकार किया था.
बूम को कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च करने पर भाजपा नेता सत्या कुमार का 14 अक्टूबर 2022 का एक पोस्ट मिला. पोस्ट में वायरल वीडियो के साथ बताया गया कि 'आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले में ऊंची जाति के अशरफ मुस्लिमों ने पसमांदा व अन्य निचली जाति के मुसलमानों द्वारा पूजे जाने वाले दरगाह को तोड़ दिया था'.
हमें इस घटना के संबंध में The New Indian Express में 17 अक्टूबर 2022 को प्रकाशित एक रिपोर्ट भी मिली. रिपोर्ट के अनुसार, कुछ अज्ञात व्यक्तियों ने 12 अक्टूबर 2022 को गुंटूर के एलआर नगर में 'भाजी भाषा निशानी दरगाह' को हथौड़ों से तोड़ने की कोशिश की थी.
बूम को इंस्पेक्टर प्रभाकर ने बताया था कि “यह एक हिंदू मंदिर नहीं है बल्कि मुस्लिम समुदाय द्वारा बनाई गई 'निशानी दरगाह' है. इसकी स्थापना रत्नम उर्फ रहमान ने की थी जो इस इलाके में पिछले 40 साल से रह रहे थे.' पूरी रिपोर्ट नीचे पढ़ें-