गुड मॉर्निंग मैसेज भेजने पर 18% GST लगने का व्यंग्य लेख वास्तविक खबर के रूप में वायरल
बूम ने पाया कि वायरल पेपर कटिंग मार्च 2018 में होली के दौरान प्रकाशित एक व्यंग्यात्मक लेख की है. यह किसी भी तरह की कोई वास्तविक खबर नहीं थी.
Claim
सोशल मीडिया पर गुड मॉर्निंग मैसेज भेजने पर 18 प्रतिशत गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लगने का दावा करने वाला व्यंग्य लेख वायरल (आर्काइव लिंक) है. यह व्यंग्य लेख खबर के प्रारूप में है, यूजर्स इसे सही खबर मानते हुए सोशल मीडिया पर दावा कर रहे हैं कि एक अप्रैल से यह नियम लागू हो जाएगा.
FactCheck
बूम ने अपनी जांच में पाया कि केंद्र सरकार के संबंधित विभागों (जी.एस.टी, सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडाइरेक्ट टैक्स एंड कस्टम्स और वित्त मंत्रालय) ने गुड मॉर्निंग मैसेज भेजने पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने जैसा कोई ऐलान नहीं किया है. वायरल पेपर कटिंग मार्च 2018 में होली के दौरान प्रकाशित नवभारत टाइम्स एक व्यंग्यात्मक लेख की है. यह किसी भी तरह की कोई वास्तविक खबर नहीं थी. दरअसल, नवभारत टाइम्स ने मार्च 2018 में होली के त्योहार के दौरान यह व्यंग्यात्मक लेख प्रकाशित किया था. सोशल मीडिया यूजर्स ने लेख के साथ लगा डिस्क्लेमर (बुरा न मानो होली है) वाला हिस्सा काटकर इसे वास्तविक खबर के रूप में शेयर किया था. तब मार्च 2018 में इस दावे के वायरल होने पर एबीपी न्यूज और दैनिक भास्कर ने बताया था कि नवभारत टाइम्स के दो मार्च 2018 के दिल्ली संस्करण में यह व्यंग्य लेख छपा था. अखबार के निचले हिस्से में 'बुरा ना मानो होली है' वाला डिस्क्लेमर भी लिखा गया था. गुड मॉर्निंग मैसेज भेजने पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगने वाला व्यंग्य लेख जून 2021 में भी एक अप्रैल से इस नियम के लागू होने के गलत दावे से साथ वायरल हुआ था. तब बूम ने इसका फैक्ट चेक किया था. पढ़ें पूरी रिपोर्ट