नकली सरकार समर्थक ट्विटर अकाउंट ने कश्मीरी कक्षा 12 के टॉपर्स के नाम और तस्वीरें चोरी कर फैलाया झूठ
बूम ने पाया कि अकाउंट ( जो अब हटा दिया गया है ) को बनाने के लिए दो अलग-अलग लड़कियों की पहचान चुराई गई थी - एक की तस्वीर और एक का नाम

कश्मीर से 2019 की कक्षा 12 वीं कॉमर्स टॉपर, ज़किया बिनती ज़िया, की एक नकली प्रोफ़ाइल ट्विटर पर सामने आई थी और कई लोगों ने इसे सच मान लिया था ।
बूम ने पाया कि यह अकाउंट नकली था और दो अलग-अलग लोगों के विवरणों का उपयोग करके बनाया गया था - 2019 कक्षा 12 विज्ञान की टॉपर वाफ़िक़ काज़ी, जिनकी तस्वीर का उपयोग किया गया है, और 2019 क्लास 12 के कॉमर्स की टॉपर ज़ाकिया जिया के नाम का इस्तेमाल किया गया है।
इस लेख को लिखे जाने के दौरान अकाउंट हटा दिया गया था।
कश्मीर से ज़किया प्रधानमंत्री को सलाम करती है
1 अक्टूबर, 2019 को बूम ने ज़ाकिया बिनती ज़िया (बाद में ज़ाकिया में बदल दिया) नाम के उपयोगकर्ता के एक ट्वीट को देखा जिसमें उसने कहा कि वह एक कश्मीरी थी और बाकी दुनिया में कश्मीरी लोगों के राजदूत बनने के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की |

अपने ट्वीट में उन्होंने रक्षा विश्लेषक मेजर गौरव आर्य (रिटायर्ड), बीजेपी दिल्ली के प्रवक्ता तजिंदर बग्गा, और जम्मू-कश्मीर पुलिस को टैग किया था।
इस लेख को लिखने के समय ट्वीट को 34,000 से अधिक बार लाइक किया गया था और 7,700 रीट्वीट किया गया था।
कमेंट्स को ध्यान से देखने पर बूम ने पाया कि जबकि कई यूज़र्स ने ट्वीट्स के लिए उपयोगकर्ता की सराहना की, तो कुछ अन्य लोग थे जिन्होंने आरोप लगाया था कि खाता नकली था, और यह भी बताया कि उपयोगकर्ता यदि कश्मीर में हैं तो क्षेत्र में इंटरनेट शटडाउन होने के कारण इंटरनेट तक पहुंचना संभव नहीं था ।

फ़ैक्ट चेक
बूम ने देखा कि सितंबर 2019 - हाल ही - में अकाउंट बनाया गया था । इसके अलावा, ट्विटर बायो ने कहा कि यूज़र श्रीनगर में स्थित है - एक ऐसी जगह जहां 6 अगस्त 2019 से वर्तमान तक इंटरनेट की पहुंच नहीं हैं । बायो में यह भी उल्लेख किया कि यूजर “कश्मीरी हैं, पहले भारतीय हैं।”

बूम ने ट्विटर यूज़र की प्रोफाइल फ़ोटो का उपयोग करके एक रिवर्स इमेज सर्च किया और हम कश्मीर बोर्ड की 12 वीं कक्षा के कॉमर्स, साइंस, आर्ट्स और होम साइंस के छात्रों पर कश्मीर लाइफ द्वारा प्रकाशित एक लेख तक पहुंचे ।

लेख के मुताबिक, ट्विटर प्रोफाइल में छपी तस्वीर वफ़ीका क़ाज़ी की है, जो कश्मीर से 2019 क्लास 12 वीं की साइंस टॉपर है ।
लेख में ज़ाकिया बिनती ज़िया के नाम का भी उल्लेख किया गया है - ट्विटर अकाउंट द्वारा उपयोग किया जा रहा नाम - और कहा गया है कि वह कश्मीर में 2019 क्लास 12 वीं की कॉमर्स टॉपर है। उसकी तस्वीर भी लेख में छपी है, जहां उन्हें नकाब पहने हुए देखा जा सकता है।
बूम ने पाया कि ज़िया की तस्वीर कश्मीर टुडे द्वारा भी लेख में इस्तेमाल की गई थी, जिसमें वह अपने माता-पिता के साथ बैठी हुई दिखाई दे रही हैं । इस तस्वीर में भी उनके चेहरे पर नकाब है ।
लेख में यह भी कहा गया कि ज़िया गांदरबल जिले के तुलमुला इलाके की है, जबकि क़ाज़ी कश्मीर के पीरबाग इलाके से हैं।

वफ़ीका क़ाज़ी के परिवार तक पहुंचने के प्रयास में बूम ने पीरबाग पुलिस से संपर्क किया, लेकिन हमें बताया गया कि इंटरनेट और मोबाइल नेटवर्क की अनुपलब्धता के कारण परिवार तक पहुंचना संभव नहीं था ।
बूम ने तुलमुला पुलिस से भी संपर्क किया, जिन्होंने कहा कि वे इस ट्वीटर अकाउंट की पुष्टि करने के लिए ज़िया के परिवार के साथ संपर्क करने की कोशिश करेंगे । प्रतिक्रिया मिलने पर लेख को अपडेट किया जाएगा ।
हालांकि, स्पष्ट है कि यह अकाउंट एक व्यक्ति की तस्वीर और दूसरे व्यक्ति के नाम का उपयोग कर बनाया गया था, जो यह दर्शाता है कि यह अकाउंट नकली है ।
एक और सरकार समर्थक "कश्मीरी"?
बूम ने यूजर द्वारा किए गए सभी ट्वीट्स (कुल 84 ट्वीट) डाउनलोड किए और निम्नलिखित वर्ड क्लाउड बनाए:

हमने देखा कि नकली अकाउंट के ट्वीट में सबसे ज्यादा टैग किए गया व्यक्ति @Ibne_Sena हैं, जिनके लगभग 65,000 फॉलोअर्स हैं, जिनमें केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और पीयूष गोयल शामिल हैं । इसके अलावा, ट्वीट्स से सरकार समर्थक दृष्टिकोण झलकता है और बताया जा रहा है कि कश्मीर में कोई असंतोष नहीं है, न ही कोई प्रतिबंध हैं।
यह इस तथ्य के बावजूद है कि लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध के साथ-साथ मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट तक पहुंच को 58 दिनों से अधिक समय तक काट दिया गया है।
जब तक यह लेख प्रकाशित हुआ, बूम ने पाया कि अकाउंट हटा दिया गया है।
