लॉकडाउन तोड़ने का यह वीडियो सूरत का है दिल्ली का नहीं
बूम ने सूरत पुलिस से बात की जिन्होंने इस बात की पुष्टि की कि वीडियो सूरत के एक बाजार का है जहां लोग लॉकडाउन का पालन नहीं कर रहे थे।
गुजरात के सूरत का एक भीड़ भाड़ भरा एक वीडियो, जहाँ लोग तालाबंदी के दौरान सोशल डिस्टैन्सिंग का नियम न पालन करते हुए बाज़ार में खरीददारी करते हुए नज़र आये। सूरत के बाज़ार का ये वीडियो दिल्ली का बता कर शेयर किया जा रहा है।
सूरत में कोविड-19 के कारण 3 मई, 2020 तक देशव्यापी तालाबंदी का उल्लंघन हो रहा है। वीडियो में एक सार्वजनिक स्थान पर बड़ी संख्या में सोशल डिस्टैन्सिंग की धज्जियां उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं। इसी कारण इस वीडियो को काफ़ी सोशल मीडिया पर आकर्षण मिल रहा हैं।
15 सेकंड की क्लिप में, लोगों को बाजार में घूमते हुए देखा जा सकता है और साथ में ही एक मस्जिद भी दिखाई दे रही हैं।
वायरल क्लिप को अकाली दल के नेता मनजिंदर एस सिरसा ने ट्विटर पर झूठे दावें के साथ शेयर किया कि यह दिल्ली से है और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कार्रवाई करने के लिए कहा । सिरसा ने बाद में यह ट्वीट हटा दिया जब ट्विटर पर कई लोगो ने कहा की यह वीडियो दिल्ली का नहीं हैं।
जब हमने यही कैप्शन के साथ इसे सर्च मारा तो हमने पाया कि उसी क्लिप को और भी गलत कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है।
यह वीडियो फेसबुक पर भी वायरल हैं।
फैक्ट चेक
इंटरनेट पर कई लोगों के संकेत से पता चला की वायरल क्लिप सूरत से है। हमने पाया कि एक सप्ताह पहले एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें कहा गया था कि यह गुजरात के सूरत के लिम्बायत इलाके में मदीना मस्जिद के पास शूट किया गया था, जहां लोग इकट्ठा हुए थे।
इस वीडियो के वायरल होने बाद सूरत पुलिस ने कार्रवाई की और मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया। 26 अप्रैल, 2020 के हिंदी दैनिक पत्रिका की एक रिपोर्ट के अनुसार उन लोगों के खिलाफ तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए।
बूम ने सूरत पुलिस से संपर्क किया, जिसने पुष्टि की कि वायरल वीडियो सूरत का है।
वीएम मकवाना, लिम्बायत पुलिस, सूरत ने बीओएम को बताया, "यह वीडियो कम से कम एक सप्ताह पुराना है जिसे रमजान के दौरान लिया गया था। यह मदीना मस्जिद के पास शूट किया गया था, जहां लोग बाजार में इकट्ठे हुए थे।"
बाज़ार के दो वीडियो हैं जो घटना के बाद वायरल हो गए। पहला वीडियो- जो दिल्ली का बता कर शेयर किया गया है। दूसरा - टॉप एंगल से शूट किया गया था, जहाँ सड़क दिखाई दे रही हैं। इस वीडियो को काफ़ी न्यूज़ रिपोर्ट में उल्लेखना की गयी।
इसके अतिरिक्त, हमने 26 अप्रैल, 2020 को सूरत के पुलिस कमिश्नर (सीपी) आरबी ब्रह्मभट्ट की घटना पर एक बयान पाया, जिसमें कहा गया था कि कई लोग खरीदारी के लिए क्षेत्र में एकत्र हुए थे और इनमे इनमें से लोगों को गिरफ्तार किया गया हैं।
Gujarat: Several people gathered for shopping in Limbayat, Surat amid #CoronaLockdown. RB Brahmbhatt, Surat CP says, "There is a Madina Masjid in Limbayat where the population is very dense, people gathered there for shopping. 3 offences registered, arrests being made". (26.4.20) pic.twitter.com/tfO71G4rVG
— ANI (@ANI) April 26, 2020
वायरल क्लिप को देख कर, हमे एक दुकान पर बोर्ड दिखाई दिया जिसपर "सेंट्रल बेकरी" लिखा था। हमने बोर्ड पर लिखें इस नाम को गूगल मैप्स सर्च किया तो उसकी लोकेशन सूरत निकली।
दूसरा विडियो- जो की टॉप एंगल से लिया गया था। वीडियो में एक जगह गुजरती में मदीना मस्जिद लिखा हुआ था। ऊपर की हुई प्रक्रिया को दोहराया और हमनें पाया की उसका भी समान परिणाम निकला। जिससे साबित होता हैं की वो दोनों वीडियो एक ही जगह के हैं।
तीसरी दुकान- सेंट्रल मॉल जिसे वीडियो में देखा जा सकता है। उसे भी जब मैप्स पर खोजा तो वही परिणाम निकला।
इससे साबित होता है की ये सारी जगह सूरत की हैं न की दिल्ली की।
माजुरा (सूरत) से एक विधान सभा विधायक - हर्ष संघवी ने भी वायरल वीडियो को ट्वीट किया है जिसमें कहा गया है कि वीडियो फुटेज के आधार पर पुलिस ने करवाई चालु कर दी हैं।
Limbayat Police has already registered case. On basis of video footage Police has started arresting Those who has broken law. https://t.co/H7FI6NTcnB
— Harsh Sanghavi (@sanghaviharsh) April 26, 2020
अभी तक गुजरात में 4,082 कोविड-19 सकारात्मक मामले हैं और 197 मौतें हो चुकी हैं।