ये तस्वीरें पेशावर के मदरसे में हाल में हुए विस्फ़ोट से सम्बंधित नहीं हैं
बूम ने पाया कि वायरल हो रही यह तस्वीरें पुरानी हैं
सोशल मीडिया पर पिछले महीने पाकिस्तान के पेशावर (Peshawar) में हुए विस्फ़ोट से जोड़कर कर दो असंबंधित तस्वीरें वायरल हैं जिनके साथ दावा किया जा रहा है कि ये पेशावर विस्फ़ोट के बाद के दृश्य हैं |
बूम ने पाया कि एक तस्वीर इडलिब, सीरिया, की है दूसरी तस्वीर सालों पुरानी है जो पेशावर विस्फ़ोट से सम्बंधित नहीं है |
पेशावर में एक धार्मिक स्कूल यानी मदरसे में 27 अक्टूबर, 2020 को एक विस्फ़ोट हुआ था जिसके परिणामस्वरुप सात लोगों की मृत्यु हुई और करीब 60 लोग घायल हुए | बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ चश्मदीदों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने एक शख़्स को मदरसे में विस्फ़ोटकों से भरे बैग के साथ जाते देखा था जिसके कुछ ही पलों बाद धमाका हुआ था | इस धमाके से बहुत नुक्सान हुआ था | यहां पढ़ें |
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इसी पृष्ठभूमि में वायरल तस्वीरों को पाकिस्तान के कई सोशल मीडिया पेज पर पेशावर विस्फोट से जोड़ा जा रहा है | साथ दिए कैप्शन में लिखा है: इस तस्वीर ने मेरा दिल तोड़ दिया, आँखों में आंसू है...सपने...#Peshawar"
पोस्ट्स नीचे देखें और इनके आर्काइव्ड यहां, यहां और यहां देखें |
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फ़ैक्ट चेक
बूम ने दोनों तस्वीरों कि पड़ताल की और दोनों ही तस्वीरों को पेशावर विस्फ़ोट से असंबंधित पाया है |
पहली तस्वीर
हमनें इस तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च कर देखा | यांडेक्स के परिणामों में हमें एक स्पेनिश आर्टिकल मिला जिसमें इस तस्वीर का इस्तेमाल किया गया था | इन्हीं परिणामों में तस्वीर पर 'गेट्टी इमेजेज़/ओमर हज कदौर' लिखा हुआ था |
इस लेख में इस्तेमाल तस्वीर के कैप्शन में इसे ए.ऍफ़.पी की तस्वीर बताया गया था | हमनें जब कैप्शन से संकेत लेकर इदलिब सीरिया कीवर्ड्स के इस्तेमाल से गेट्टी इमेजेज़ पर खोज की तो यही तस्वीर हमें मिली |
वास्तविक फ़ोटो के कैप्शन में लिखा है: "एडिटर नोट: ग्राफ़िक कंटेंट / 11 जनवरी 2020 को प्रो-गवर्नमेंट फ़ोर्सेस द्वारा इदलिब शहर के उत्तर-पश्चिमी भाग में एयर स्ट्राइक के बाद एक घायल सीरियन बच्चे को क्लिनिक ले जाया गया | (फ़ोटो: ओमर हज कदौर / ए.एफ़.पी) (फ़ोटो: ओमर हज कदौर / ए.एफ़.पी वाया गेट्टी इमेजेज़)"
(English: EDITORS NOTE: Graphic content / An injured Syrian child cries after being transported to a clinic for treatment following an air strike by pro-regime forces on the nothwestern city of Idlib on January 11, 2020. (Photo by Omar HAJ KADOUR / AFP) (Photo by OMAR HAJ KADOUR/AFP via Getty Images)
दूसरी तस्वीर
रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें कोई ठोस सबूत नहीं मिला कि तस्वीर कहाँ से है | हालांकि तस्वीर पिछले दो सालों से इंटरनेट पर मौजूद है जिससे इसके पेशावर विस्फ़ोट से ना होने की पुष्टि होती है |
खोज के परिणाम कई ब्लॉग्स और आर्टिकल तक लेकर जाते हैं जहाँ इस तस्वीर का इस्तेमाल हुआ है | यहां और यहां देखें |
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हालाँकि बूम ये स्थापित नहीं कर पाया कि दूसरी तस्वीर असल में है कहाँ से पर हम ये पता लगाने में कामयाब रहें कि तस्वीर 2018 से इंटरनेट पर मौजूद है |