नहीं, यह तस्वीर हिमाचल प्रदेश में घायल हुई गाय की नहीं है
बूम ने पाया की क्षत-विक्षत जबड़े समेत गाय की ये तस्वीर राजस्थान के रायपुर की है जहाँ एक गाय एक विस्फ़ोट में घायल हो गयी थी
वर्ष 2015 की राजस्थान के रायपुर मेवाड़ से एक घायल गाय की तस्वीर को फ़र्ज़ी दावे के साथ वायरल किया जा रहा है। इस तस्वीर को हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई घटना से जोड़ा जा रहा है जिसमें एक गर्भवती गाय विस्फ़ोटकों से लैस आटे के गोले खा कर घायल हो गयी थी |
यह घटना पिछले महीने हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर क्षेत्र में हुई जहाँ एक गाय खेत में भटक गयी और वहाँ उसने विस्फोटकों से भरे आटे के गोले खा लिए थे। घायल गाय का वीडियो जब गाय के मालिक ने ऑनलाइन पोस्ट किया तो लोगों में काफ़ी ग़ुस्सा पैदा हुआ था । ऐसी ही एक और घटना कुछ दिन पहले केरला में हुई थी जिसमें एक गर्भवती हथिनी की मृत्यु हो गयी। इसको लेकर देशभर में विरोध और गुस्सा फ़ैला हुआ है ।
बूम ने पाया की घायल गाय की तस्वीर राजस्थान से है जहाँ एक कचरा फ़ेंकने वाले क्षेत्र में भटकी गाय वहाँ छुपाए विस्फोटकों से घायल हो गयी थी ।
सोशल मीडिया पर कई पोस्ट्स में यूज़र्स ने इस पुरानी तस्वीर को शेयर करते हुए मीडिया पर इलज़ाम लगाया है की उसने गाय से जुडी हिमाचल प्रदेश वाली घटना को महत्व नहीं दिया | दिल दहला देने वाली इन तस्वीरों में गाय के जबड़ों के लगभग परखच्चे उड़ गए हैं |
पोस्ट के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन कुछ ऐसा है "हिमाचल प्रदेश: 8 महीने की गर्भवती गाय के मुंह में पटाखा रखकर फोड़ दिया है, लेकिन गाय 'माँ' के दर्द की News नही बन सकी, न ही किसी औलाद को गुस्सा आया, न किसी जीव प्रेमी ने संवेदना व्यक्त की, क्योंकि जिस प्रदेश में यह अमानवीय कृत्य हुआ है, वहां भाजपा सरकार है!!!"
पोस्ट देखने के लिए यहाँ और आर्कायव के लिए यहाँ क्लिक करें। (तस्वीरें परेशान कर देने वाली हैं)
यही तस्वीरें बंगाली कैप्शन के साथ भी वायरल हैं, "शर्म शर्म शर्म। कितने दिन ऐसे बीतेंगे? सही समझ कब प्रचलित होगी? एक गर्भवती गाय ने एक विस्फोट में अपना जबड़ा गवा दिया। केरेला के बाद हिमाचल प्रदेश में भी ऐसा दर्दनाक हादसा हुआ।"
(Original in Bangla :"ধিক্কার ধিক্কার ধিক্কার , আর কত দিন এই ভাবে চলবে? কবে মানুষের সুবুদ্ধি জাগবে? বিস্ফোরণে উড়ে গেল গর্ভবতী গরুর চোয়াল, কেরলের পর নৃশংস ঘটনার সাক্ষী হিমাচল প্রদেশ")
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आयबी टाइम्ज़ के एक आर्टिकल में भी हिमाचल प्रदेश की इस घटना की रिपोर्टिंग के लिए राजस्थान की तस्वीर का इस्तेमाल किया है। इसकी हेड्लायन है "Maneka Gandhi, other BJP leaders face the heat; #JusticeforNandini trends on Twitter"। (आर्कायव यहाँ देखें)
फ़ैक्ट चेक
बूम ने इस तस्वीर का रिवर्स इमेज सर्च किया और हमें कई फ़ेसबुक पोस्ट्स मिले जो 2015 जून तक जाते हैं। इनमें घायल गाय की कई तस्वीरें थी और इनके साथ का कैप्शन दावा कर रहा था की यह घटना राजस्थान के पाली जिला, रायपुर तहसील के लिलंबा गाँव की है।
एक ऐसी पोस्ट के कैप्शन के मुताबिक़ "रायपुर तहसील के लिलंबा गाँव में गौ हत्यारों ने गार्बेज डिस्पोज़ल के इलाक़े में जानबूझकर गाय मारने हेतु विस्फ़ोटक रखे थे। गाय माता ग़लती से कचरे में से खाने लगी। तभी एक बड़ा धमाका हुआ और गाँववाले भागते हुए वहाँ पहुँचे। गवाहों ने बताया की गाय का पूरा जबड़ा फ़ट गया था।"
फिर कीवर्ड सर्च करने पर हमें 27 जून, 2015 को पत्रिका द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली। इसके साथ की तस्वीर में घयाल गाय एक अलग ऐंगल से खड़ी दिखायी देती है।
न्यूज़ रिपोर्ट के अनुसार यह घटना तब घटी जब एक गाय ग़लती से गाँव के गार्बेज डिस्पोज़ल इलाक़े में भटक गयी थी। गाँव वालों के अनुसार कुछ बदमाशों ने उस इलाक़े में विस्फ़ोटक छुपाया था। किंतु यह गाय को हानी पहुँचाने के लिए छुपाए गए थे, इस बात की पुष्टि नहीं हो पायी है।
न्यूज़ रिपोर्ट के एक अंश के अनुसार "प्रत्यक्षदर्शीयों के मुताबिक़ शनिवार शाम को गाँव की चौपाल से सटे राजकीय माध्यमिक विद्यालय के सामने कचरे के ढेर में गाय चर रही थी, तभी विस्फ़ोट हो गया। इससे गाय का जबड़ा फ़ट गया और कचरा फैल गया।" इस रिपोर्ट में आगे यह भी लिखा है कि उसी महीने में एक दूसरी गाय को भी ऐसी एक घटना में हानी पहुँची थी। इस बात से चिढ कर गाँव वालों ने उन बदमाशों के ख़िलाफ़ कम्प्लेन भी दर्ज़ की थी। गाय के मालिक सोहनलाल मेघवाल ने इसको लेकर पुलिस कम्प्लेन भी फ़ाइल की थी।