क्या रैली में कन्हैया कुमार को युवकों ने पीटा? नहीं, वायरल दावा फ़र्ज़ी है
बूम ने पाया कि वायरल वीडियो में भीड़ द्वारा जिस व्यक्ति पर हमला किया जा रहा है वह कन्हैया कुमार नहीं है, बल्कि वह शख़्स है जिसने कुमार पर जूता फेंका था।
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में भीड़ द्वारा एक शख़्स की पिटाई करते हुए दिखाया गया है, जबकि पुलिस उस व्यक्ति को लोगों की मार से बचाने की कोशिश कर रही है। इस वीडियो के साथ दावा किया जा रहा है कि पिटाई खाने वाला शख़्स कन्हैया कुमार है।
पोस्ट के साथ हिंदी में कैप्शन दिया गया है, जिसमें लिखा है, "देशद्रोही कन्हैया कुमार को आजादी देते हुए हमारे देश के बिहारी युवा।"
बूम ने अपनी जांच में पाया कि यह दावा झूठा है। भीड़ का निशाना बनने वाला व्यक्ति कन्हैया कुमार नहीं बल्कि वह शख़्स है जिसने 17 फ़रवरी, 2020 को बिहार के लखीसराय जिले में एक सार्वजनिक रैली को संबोधित कर रहे कन्हैया कुमार पर जूता फेंका था।
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वायरल पोस्ट को नीचे देखा जा सकता है और इसके अर्काइव वर्शन तक यहां पहुंचा जा सकता है।
फ़ैक्ट चेक
वायरल वीडियो में कशिश न्यूज़ का लोगो है। बूम ने इसके यूट्यूब पेज की जाँच की और पाया कि यही क्लिप 17 फ़रवरी, 2020 को अपलोड किया गया था। वीडियो के साथ टेक्स्ट में लिखा गया है, "लखीसराय में कन्हैया की सभा में विरोध करने पर युवक की बेरहमी से पिटाई. must watch।"
वीडियो नीचे देखा जा सकता है।
हमनें पाया कि वायरल क्लिप 17 फ़रवरी को लखीसराय जिले में सीपीआई नेता और जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार द्वारा संबोधित की जा रही एक सार्वजनिक रैली से है। कन्हैया जब रैली को संबोधित कर रहे थे, तब भीड़ में से एक व्यक्ति ने उन पर जूता फेंकने की कोशिश की। जब सीपीआई नेता के समर्थकों ने उस पर हमला किया तो पुलिस ने उसे वहां से निकाला।
कन्हैया केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम, नागरिकों के लिए राष्ट्रीय रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के ख़िलाफ अपनी जन गण मन यात्रा के तहत बिहार के सभी 38 जिलों का दौरा कर रहे थे। यात्रा 31 जनवरी से शुरू होकर 29 फ़रवरी को समाप्त हुई थी। सीपीआई नेता के क़ाफ़िले पर महीने भर के दौरे के दौरान कई जगहों पर हमले हुए थे।
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लखीसराय रैली के दौरान कन्हैया पर जूता फेंकने वाले व्यक्ति की पहचान चंदन कुमार गोरे के रूप में हुई थी। यहां घटना के बारे में यहाँ और पढ़ें।
कशिश न्यूज़ के यूट्यूब चैनल की जांच करते हुए बूम को उसी घटना से संबंधित अन्य वीडियो मिले। नीचे एक वीडियो देखा जा सकता है, जिसमें पुलिस द्वारा उस व्यक्ति को भीड़ से दूर ले जाने हुए देखा जा सकता है, जबकि कन्हैया कुमार को उसे बैठने देने की बात कहते हुए सुना जा सकता है।
एक अन्य वीडियो में, उस शख़्स को कन्हैया कुमार पर चप्पल फेंकने की बात स्वीकार करते हुए देखा जा सकता है। ये सभी वीडियो उसी दिन, यानी 17 फ़रवरी, 2020, को अपलोड किए गए हैं।
बूम ने वायरल वीडियो से स्क्रीनशॉट लिए और ऊपर शेयर किए गए वीडियो में दिखाई देने वाले शख़्स के साथ इसकी तुलना की। हमने पाया कि दोनो समान हैं।
न्यूज़ 18 ने भी इस घटना के बारे में बताया था और एक वीडियो शेयर किया था जिसे दूसरे एंगल से लिया गया है।