राजपूतों और ब्राह्मणो पर नहीं होगा कोरोनावायरस का असर? नहीं, ये दावे फ़र्ज़ी हैं
आजतक के टेम्पलेट का इस्तेमाल करके बनाये गए वायरल क्लिप में दावा किया गया की ब्राह्मणों और राजपूतों पर नहीं होगा कोरोनावायरस का असर | ये दावे अवैज्ञानिक हैं |
नावेल कोरोनावायरस एक महामारी के रूप में विश्व के सामने आया है | इससे भारत में अब तक 415 लोग संक्रमित हो चुके हैं और कुल सात लोगों की मृत्यु हो हो चुकी है |
इन सब चीज़ों के बीच सोशल मीडिया पर इस महामारी को लेकर फ़र्ज़ी खबरों का वायरल होना बदस्तूर जारी है | इसी सिलसिले में हमें व्हाट्सप्प पर आजतक और ऐ.बी.पि न्यूज़ के टेम्पलेट पर बनायी गई कुछ फ़र्ज़ी फ़ेक फ़ॉरवर्डस मिले |
वायरल हो रहे इन फ़ॉरवर्डस में दावा किया गया है की राजपूत और ब्राह्मण जाती के लोगो पर कोरोनावायरस का कोई असर नहीं होगा क्यूंकि इनका खून गर्म होता है | इन फ़र्ज़ी खबरों को फ़ैलाने में आज तक के टेम्पलेट्स का इस्तेमाल किया गया है |
बूम ने पाया की यह दावे फ़र्ज़ी और अवैज्ञानिक हैं और एक ही टेम्पलेट पर बनाए गए हैं | इसके अलावा आज तक के यूट्यूब चैनल पर ऐसा कोई बुलेटिन हमें नहीं मिला जो इन दावों को दोहराता हो | विश्व स्वास्थ संगठन अब भी इस वायरस की उत्पत्ति और इलाज़ को ढूंढने में लगा हुआ है| डब्लू.एच.ओ ने कोई बयान या नोट जारी नहीं किया जिसमें किसी विशेष धर्म, जाती, रंग, इलाके या देश के लोगों पर कोरोना वायरस के बेअसर होने का ज़िक्र किया गया हो |
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नीचे व्हाट्सएप्प पर वायरल स्क्रीनशॉट देखें |
फ़ैक्ट चेक
बूम ने तस्वीरों में कई समानताएं पायी | आज तक के यूट्यूब चैनल पर भी हमने इन दावों को ढूंढा मगर ऐसा कोई भी वीडियो हमारे हाथ नहीं लगा जहां आज तक ने इन दावों की पुष्टि की हो |
एक तस्वीर, जिसमें केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्ष वर्धन की फ़ोटो है, उसके लिए हमनें "हर्ष वर्धन" "लोक सभा" "कोरोनावायरस" जैसे कीवर्ड्स के साथ सर्च किया और पाया की उन्होंने जाती और कोरोनावायरस से संबंद्धित कोई बात नहीं की है|
पहली और दूसरी तस्वीर
इन तस्वीरों को ध्यान से देखने पर निम्नलिखित बातें दिखाई देती हैं:
- दोनों तस्वीरों में समय समान है
- दोनों तस्वीरों में टिकर समान है
- दोनों तस्वीरों में फ़ॉन्ट आजतक चैनल के वास्तविक फ़ॉन्ट से अलग हैं
- यह दर्शाता है की किसी समय चिन्ह पर तस्वीर लेकर अलग अलग बातें जोड़ी गयी हैं
तीसरी तस्वीर
केंद्रीय स्वास्थ मंत्री हर्षवर्धन की तस्वीर को जोड़कर दावा करने वाली फ़ोटो भी उन्ही चीज़ों को दोहराती हैं जो पिछली दो तस्वीरों में दिखी हैं | समय, टिकर एक सामान है | इसके अलावा इस तस्वीर में फ़ॉन्ट रंग-विरंगा है जो आजतक के द्वारा इस्तेमाल किये जाने वाले फ़ॉन्ट से बिलकुल अलग है |
इसके अलावा हमनें आजतक का एक वीडियो भी देखा जिसमें हर्षवर्धन ने कोरोनावायरस पर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में लोकसभा में चर्चा की थी | इस चर्चा में हर्षवर्धन ने किसी धर्म, जाती या रंग के बारे में कोई दावा नहीं किया था | वायरल क्लिप में शेयर की गयी तस्वीर इसी वीडियो का स्क्रीनशॉट मालूम होती है |
नीचे आजतक का वास्तविक वीडियो देखें|
चौथी तस्वीर भद्दी भाषा का इस्तेमाल करती है और व्यंगात्मक है|
बूम ने पहले भी आजतक के टेम्पलेट का इस्तेमाल करके वायरल किये गए दावों को ख़ारिज किया है |
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