चरम दक्षिणपंथी केटी हॉपकिंस ने असंबंधित वीडियो सी.ए.ए के मद्देनज़र शेयर किया
वीडियो भ्रामक था जिसे हाल ही में पारित हुए सीएए के विरोध प्रदर्शन के रुप में शेयर किया गया था।
रूढ़िवादी ब्रिटिश मीडिया शख़्सियत केटी हॉपकिंस ने 2017 में हुए पथराव के फुटेज को शेयर करते हुए दावा किया कि यह हाल ही में नागरिकता संशोधन अधिनियम के ख़िलाफ हुआ विरोध प्रदर्शन है।
हॉपकिंस ने 16 दिसंबर, 2019 को एक ट्वीट में 9 सेकंड की क्लिप को शेयर किया था, जिसके कैप्शन में लिखा था, "नागरिकता विधेयक का विरोध करने वाले इस्लामवादियों की मानसिकता। भारत ऐसे नागरिकों को क्यों चाहेगा? हिंदू निर्माण करते हैं। इस्लामवादी विनाश करते हैं। मोदी आप काम करें। # CAB2019 के लिए हुर्रे"।
ट्वीट के एक अर्काइव वर्शन को देखने के लिए यहां क्लिक करें।
The mentality of the Islamists protesting against the Citizenship Bill
— Katie Hopkins (@KTHopkins) December 16, 2019
Why would India want these types as citizens?
Hindus build. Islamists destroy.
Keep going Modi. Hooray for #CAB2019 https://t.co/z59bByh0Ou
फुटेज में व्यक्ति को एक बस में एक पत्थर फेंकते हुए दिखाया गया है।
ट्वीट को 11,000 से ज्यादा रीट्वीट और 22,000 लाइक्स के साथ बड़े पैमाने पर वायरल किया गया है।
फ़ैक्ट चेक
बूम ने वीडियो के कीफ़्रेम के साथ रिवर्स इमेज सर्च किया, और पाया कि यही क्लिप अगस्त 2018 में शौर्य नामक फ़ेसबुक पेज पर हिंदी में एक कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा है,"आप कितने ही खून पसीना बहा कर टैक्स भरें देश की तरक्की के लिए, ये लोग 1 सेकंड नही लगाते उसे बर्बाद करने में। कौन हैं ये लोग??"
इससे पता चलता है कि फोटो कम से कम 4 महीने पुराना है और सीएए विरोधी लहर से संबंधित नहीं है।
हमने रिवर्स इमेज सर्च में आगे के परिणामों की तलाश की और यूट्यूब पर जनवरी 2017 से एक पुराने वीडियो तक भी पहुंचे, जिसमें गुजरात के सूरत में एक बस दुर्घटना की बात की गई थी। इस दुर्घटना में एक पैदल यात्री घायल हो गया था।
गुजराती कैप्शन के अनुसार, बस दुर्घटना ने भारी उत्पात मचाया था, जिसके बाद भीड़ ने बीएसआरटी बस पर पथराव किया।
हॉपकिंस द्वारा शेयर की गई क्लिप यूट्यूब पर पाई जाने वाली लंबी क्लिप का छोटा वर्शन है। विस्तारित वर्शन में एक अन्य युवक को देखा जा सकता है, जो टोपी पहने हुए है और बस को तोड़फोड़ रहा है।