एन.जी.टी. के दिशा निर्देशों के अनुसार अज़ान की जा सकती है: दिल्ली पुलिस
बूम से हुई बातचीत में दिल्ली पुलिस ने साफ़ किया की अज़ान पर रोक नहीं लगी है बल्कि सिर्फ मस्जिदों या धार्मिक स्थलों पर सामूहिक तौर से नमाज़ पढ़ने पर लॉकडाउन के चलते रोक है।
सोशल मीडिया पर तेज़ी से फैली इस वीडियो क्लिप में देखा जा सकता है कि एक पुलिस कर्मचारी एक मुस्लिम महिला को कहते है की दिल्ली के उप-राज्यपाल ने अज़ान या इस्लाम की अन्य प्रार्थना पढ़ने पर, लॉकडाउन के दौरान पाबंधी लगा दी है।
बूम ने दिल्ली पुलिस से सीधा संपर्क किया और यह मालूम हुआ की अज़ान पर लॉकडाउन के चलते रोक नहीं लगी है, लेकिन इसे पढ़ने के लिए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एन.जी.टी.) द्वारा निर्मित निर्देशों का पालन करना होगा।
इस वायरल क्लिप में दो पुलिस कर्मचारियों को एक इलाके के निवासियों से बात करते देखा जा सकता है। इनमें से एक पुलिस कर्मचारी को यह कहते देखा जा सकता है की: "सबसे पहली बात, अज़ान तो बिल्कुल बंद है। अज़ान के लिए भी मना कर दिया है एल.जी. साहब ने।"
इसके जवाब में एक महिला को यह कहते सुना जा सकता है: "नहीं, हाफिज जी तो है मस्जिद में तो अज़ान तो होगी, लेकिन मस्जिद में नमाज़ पढ़ने कोई नहीं जा रहा है।" इसके बाद एक पुलिस कर्मी पहले कही हुई बात दोहराता है: "नहीं, अज़ान के लिए भी मना कर दिया है एल.जी. साहब ने।"
इस तरह पुलिस कर्मियों और निवासियों के बीच कुछ मिनटों तक अन-बन चलती रहती है। यह वीडियो कहाँ रिकॉर्ड किया गया है इसका कोई पता नहीं चल पाया।
वायरल वीडियो को इस कैप्शन के साथ शेयर किया जा रहा है: "दिल्ली की मस्जिद से अज़ान पढ़ने पर रोक।"
(अंग्रेजी में लिखित कैप्शन: "Ban on offering azaan from mosque in Delhi")
यह वीडियो रमज़ान के पहले दिन वायरल हुआ। रमज़ान, मुस्लिम समुदाय का एक माह तक उपवास रखने का उत्सव है। इस वीडियो के साथ लिखे कई कैप्शंस यह दावा करते है की दिल्ली पुलिस ने कथित तौर पर उप-राज्यपाल का नाम लेकर खुद ही यह रोक लगाई है।
फैक्ट चेक
जब बूम ने दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी ऐ.सी.पी. अनिल मित्तल से शुक्रवार को बात की तब उन्होंने यह बताया की इस प्रकार की कोई रोक नहीं लगाई गई है।
"हमने यह साफ़ किया है की एन.जी.टी. के दिशा निर्देशों के मुताबिक अज़ान पढ़ने दी जाएगी," उन्होंने कहा। बूम के इस वीडियो के बारे में पूछने पर यह जवाब मिला की दिल्ली पुलिस इस मामले को देख रही है और संबंधित पुलिस अफसरों से भी बात कर रही है।
दिल्ली पुलिस के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से किया गाया ट्वीट भी जनसंपर्क अधिकारी के बयान से मेल खाता है।
इस ट्वीट के माध्यम से लोगों से अपील की गई की वे रोज़ा और नमाज़ अदा करते वक़्त लॉकडाउन के दौरान लागू नियमों का पालन करें।
Important Information. pic.twitter.com/wCXgaWIqoX
— #DilKiPolice Delhi Police (@DelhiPolice) April 24, 2020
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी मामले पर ट्वीट कर बचे-कुचे संदेहों को दूर किया। सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा है की: "अज़ान के लिए कोई पाबंध नहीं है। लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंधी है।"
अजान के लिए कोई पाबंदी नहीं है. लॉकडाउन में मस्जिदों में नमाज़ के लिए इकट्ठा होने या किसी अन्य धार्मिक स्थल पर पूजा आदि के लिए लोगों के इकट्ठा होने पर पूरी तरह पाबंदी है. https://t.co/OxYGiqaIrR
— Manish Sisodia (@msisodia) April 24, 2020
आखिर एन.जी.टी. के दिशा निर्देश क्या कहते है?
इस मौके पर यह बताना ज़रूरी हो जाता है की साल 2018 में मस्जिदों में उपयोग में लाए जा रहे लाउडस्पीकर्स पर रोक की मांग की गई थी। इस मुद्दे पर अखंड भारत मोर्चा नामक गैर सरकारी संस्था ने यह कहकर याचिका दायर की कि लाउडस्पीकर्स के गैर कानूनी उपयोग से कथित तौर पर इलाके में रह रहे निवासियों के स्वास्थ्य को हानि पहुँचती है। इसके बारे में और जानकारी के लिए यहाँ पढ़े।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण द्वारा जारी ध्वनि प्रदूषण से जुड़े निर्देशों को जानने के लिए यहाँ पढ़े।